बिहार में एक बार फिर से नदियां उफान पर हैं और तबाही मची हुई है. दरभंगा जिले में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही. कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड से होकर गुजरने वाली कोसी और कमला नदी के जलस्तर में सोमवार की रात मामूली कमी देखी गई थी. लेकिन मंगलवार की सुबह से जलस्तर में फिर से बढ़ गया.
घश्यामपुर प्रखंड के कई पंचायत के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर चुका है. गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़कें पानी में डूबी हुई हैं. कई गांव पूरी तरह टापू में तब्दील हो चुके हैं. एक तरफ कोसी तो दूसरी तरफ गंगा-गंडक और कमला नदी ने भी रौद्र रूप धरण कर लिया है.
कोसी और कमला नदी ने बरपाया कहर
स्थानीय ग्रामीण प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि वो बाउर गांव के रहने वाले हैं इस गांव में आठ दस फीट बाढ़ का पानी गांव के अंदर आ चुका है. हालत ऐसा हैं कि कई परिवार छत पर शरण लिए हुए हैं. आने जाने के लिए सिर्फ नाव ही साधन है. इधर-उधर आने जाने में घंटो का समय लगता है. अभी भी लगातार बाढ़ का पानी आ रहा है. यहां एक पुल का निर्माण कर दिया जाए तो समस्या का हमेशा के लिए समाधान हो जाएगा.
निचले इलाके बाढ़ के पानी में डूबे
इसके अलावा स्थानी निवासी लाल दास पप्पू ने बताया की गांव का हालत बहुत खराब हैं. सरकार उनकी कोई मदद नहीं कर रही है. कमला नदी का पानी कई गांवों में घुस गया है. इसके अलावा पशुपालक दामोदर सदा ने बताया कि गांव में पानी घुस गया है. उनके पास पांच- छह गाय, भैंस हैं. पशुओं के लिए चारे का इंतजाम करना बेहद मुश्किल हो रहा है. बाढ़ के पानी में हरा चारा डूब गया है. नदियों का पानी अचानक आने से बिहार के कई जिले बाढ़ में डूब चुके हैं और त्राहिमाम मचा है. लोग घर छोड़कर जान बचाने के लिए ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं