बिहार में पुलों को लेकर लगातार हुए हादसों को देखते अब राज्य सरकार ने अहम कदम उठाया है. सरकार ने समय से सभी पुलों के तकनीकी रखरखाव और मरम्मत कार्य लिए उनका ‘‘हेल्थ कार्ड’’ तैयार करने का फैसला किया है. राज्य के पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की.
हेल्थ कार्ड होगा तैयार
उन्होंने कहा, "सरकार ने राज्य के सभी पुलों का सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्णय लिया है. विभाग सभी पुलों का 'हेल्थ कार्ड' तैयार करेगा, जिससे इंजीनियरों को पुलों पर दवाब बढ़ने के संकेत मिलने के बाद समय पर तकनीकी रखरखाव और मरम्मत कार्य करने में मदद मिलेगी.' मंत्री ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने विभाग के बजट आवंटन पर बहस को पूरा करते हुए यह जानकारी दी. इस दौरान विभाग का 5,702 करोड़ रुपये का बजटीय प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किया गया.
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विजय सिन्हा ने बताया, 'हालिया वर्षों के दौरान, सुचारू सड़क यातायात के लिए पूरे राज्य में कई ओवर-ब्रिज बनाए गए हैं. अब राज्य भर में सड़कें अच्छी तरह से जुड़ी हुई हैं और आवश्यक दूरी पर नदियों पर कई उच्च-स्तरीय पुल बनाए गए हैं.'
इन परियोजनाओं पर चल रहा है काम
उन्होंने बताया कि राज्य में पुलों से संबंधित कई परियोजनाओं पर काम होना है जिनमें कच्ची दरगाह-बिदुपुर छह लेन पुल, सुल्तानगंज और अगुवानी घाट के बीच गंगा पर चार लेन पुल, गंगा नदी पर ही बख्तियारपुर-ताजपुर चार लेन ग्रीनफील्ड पुल और 4.56 किमी लंबा दीघा और सोनपुर गंगा नदी पुल शामिल हैं.
मंत्री सिन्हा ने कहा कि बिहार में सड़कों के निर्माण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-संचालित तकनकी भी पेश की गई है ताकि राज्य को वाहन चलाने के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि बिहार में सड़क निर्माण के दौरान जोखिमों की पहचान करने में एआई एक अहम भूमिका अदा कर सकता है.
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