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नालंदा में मंत्री को दौड़ाया, पटना में पुलिसवालों को पीटा

बिहार में जनता का जनाक्रोश खुलकर सामने आ रहा है. पटना के गर्दनीबाग में आत्मदाह का प्रयास करने वाली छात्रा की जांच करने पहुंचे एसएचओ की लोगों ने पिटाई कर दी. भीड़ ने स्कूल का मुख्य द्वार बंद कर पुलिसकर्मियों को घेर लिया और हंगामा किया. वहीं, नालंदा के हिलसा में सड़क हादसे में मारे गए नौ लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचे मंत्री श्रवण कुमार को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा.

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लोगों ने जांच के लिए स्कूल पहुंचे एसएचओ की बिल्डिंग के भीतर बंद करके पिटाई कर दी. (Photo: Screengrab)
लोगों ने जांच के लिए स्कूल पहुंचे एसएचओ की बिल्डिंग के भीतर बंद करके पिटाई कर दी. (Photo: Screengrab)

बिहार के नालंदा के हिलसा में मंत्री श्रवण कुमार सड़क दुर्घटना में मारे गए नौ लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचे थे. लेकिन वहां उन्हें स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. लोगों ने मंत्री को खदेड़ दिया और श्रवण कुमार किसी तरह जान बचाकर भागे. दूसरी तरफ पटना के गर्दनीबाग में एक स्कूल छात्रा की ओर से आत्मदाह के प्रयास की जांच करने पहुंचे एसएचओ की लोगों ने पिटाई कर दी.

लोगों ने कर दी एसएचओ की पिटाई

बता दें कि पटना के गर्दनीबाग में एक छात्रा ने स्कूल में खुद को आग लगाने का प्रयास किया था. नाबालिग छात्रा अमला टोला बालिका विद्यालय में पढ़ती थी. बालिका को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. घटना के बाद लोगों ने गर्दनीबाग बालिका विद्यालय में हंगामा किया.

छात्रा को इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है. पुलिस मामले की जांच के लिए स्कूल पहुंची थी. स्कूल के बाहर लगी भीड़ ने बिल्डिंग के मुख्य द्वार पर ताला बंद कर दिया और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. लोगों ने एसएचओ की पिटाई कर दी. 

नालंदा के हिलसा पहुंचे मंत्री श्रवण कुमार

दूसरी तरफ नालंदा जिले के हिलसा में बुधवार सुबह उस वक्त हंगामा हो गया, जब बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार सड़क हादसे में मारे गए 9 लोगों के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे. ग्रामीणों का आरोप है कि वे मंत्री के सामने अपनी परेशानियां और मुआवजे की मांग रखना चाहते थे, लेकिन मंत्री श्रवण कुमार रुककर उनकी बातें सुनने के बजाय वहां से जाने लगे. 

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जान बचाकर भागे मंत्री

इसी बात से नाराज ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया और उन्हें गांव से बाहर खदेड़ दिया. ग्रामीणों का कहना है कि मंत्री को उनके साथ बैठकर संवाद करना चाहिए था. घटना के दौरान कुछ असामाजिक तत्व भी भीड़ में शामिल हो गए, जिससे हालात और बिगड़ गए. आखिर में मंत्री को किसी तरह अपनी जान बचाकर गांव से निकलना पड़ा.

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