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नौका और जाल की खरीद पर 90 फीसदी तक अनुदान, मछुआरों के लिए बिहार सरकार लाई ये स्कीम

बिहार सरकार मछुआरों के लिए नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना लेकर आई है. इस योजना के तहत लाभार्थी नौका और जाल की खरीद पर 90 फीसदी तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं.

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31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं मछुआरे
31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं मछुआरे

बिहार चुनाव में प्रचंड जीत के साथ सत्ता में लौटी नीतीश कुमार की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ताबड़तोड़ फैसले ले रही है. एनडीए सरकार ने बिहार के मछुआरों के लिए बड़ा ऐलान किया है. अब बिहार के मछुआरों को नौका और जल की खरीद पर 90 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. मछुआरे बिहार सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नौका और जाल पैकेज योजना का ऐलान कर दिया है. इस योजना के तहत लाभ के दायरे में महिलाएं और एससी-एसटी भी आएंगे. इस योजना का ऐलान बिहार सरकार के डेयरी, मत्स्य और पशु संसाधन विभाग ने किया है. इस योजना को 'नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना' नाम दिया गया है.

इस योजना के तहत राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य या परंपरागत मछुआरों को नौका या जाल की खरीद पर निर्धारित इकाई लागत का 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. इस योजना का लाभ लेने के लिए योग्य आवेदक 31 दिसंबर तक वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

आवेदन करने के लिए आवेदक को अपना मोबाइल नंबर, बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड के साथ-साथ आधार कार्ड नंबर और मत्स्य शिकारमाही से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे. परंपरागत मछुआरों के साथ-साथ महिला और अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के मछुआरे भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे.

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इस योजना के तहत राज्य के मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य या मछुआरे जो मछली पकड़ने का काम करते हैं, उनके परिवार के एक व्यक्ति या एक परिवार को फिशिंग वूडेन बोट पैकेज, फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज और कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज में से किसी एक का लाभ ले सकेंगे. इस योजना का लाभ बिहार के सभी जिलों के मछुआरे उठा सकते हैं.

फिशिंग वूडेन बोट पैकेज के लिए इकाई लागत 1 लाख 24 हजार 400 रुपये, फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज के लिए 1 लाख 54 हजार 400 रुपए एवं कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज के लिए 16 हजार 700 रुपये इकाई लागत निर्धारित है. लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी. बिहार सरकार का दावा है कि डेयरी और पशु संसाधन विभाग की इस योजना से मछुआरों का सशक्तिकरण होगा और उनकी आय में इजाफा होगा.

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