GST Cut on Cars: देशभर के 15,000 से ज्यादा डीलर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने सरकार को आगाह किया है कि अगर GST स्लैब में बदलाव में देरी हुई तो इस साल की त्योहारी बिक्री में काफी गिरावट आ सकती है. कार बाजार के लिए त्योहारी मौसम बिक्री का सबसे बड़ा मौका लेकर आता है. लेकिन इस बार दिवाली पर GST कट का संकेत मिलने के बाद ग्राहकों ने फिलहाल कार खरीदने का फैसला टाल दिया है.
दरअसल, ग्राहक फिलहाल इंतज़ार की स्थिति में हैं और उन्हें उम्मीद है कि GST दरों में कटौती से गाड़ियां और इलेक्ट्रॉनिक्स समेत कई तरह के सामान सस्ते हो सकते हैं. इससे कार डीलर्स परेशान हो गए हैं क्योंकि वो त्योहारों को ध्यान में रखकर बड़ी मात्रा में स्टॉक जमा करने में लगे थे.
FADA ने साफ कहा है कि मौजूदा हालात में डीलर्स पर दोहरी मार पड़ रही है क्योंकि पहेल से ही बिक्री धीमी है और GST कट की संभावना ने त्योहारों की डिमांड को भी कम कर दिया है. इससे बैंक और NBFC से शॉर्ट टर्म के लिए चैनल फाइनेंसिंग लेकर इन्वेंट्री बनाने वाले डीलर्स वित्तीय दबाव में आ गए हैं. ऐसे में आशंका है कि अगर अगले 45 से 60 दिनों तक गाड़ियों की बिक्री सुस्त रहेगी तो ब्याज दरें बढ़ेंगी और क्रेडिट लिमिट पर असर पड़ेगा. इसी वजह से FADA ने सरकार से अपील की है कि GST काउंसिल की बैठक जल्द से जल्द बुलाकर तुरंत नए रेट लागू किए जाएं. इसके साथ ही मांग की गई है कि बैंकों को निर्देश दिए जाएं कि वो इस अंतराल में डीलर्स को अतिरिक्त समय और राहत देंगे.
ऑटो कंपनियों के लिए ये स्थिति सबसे ज्यादा मुसीबत लेकर आई है क्योंकि बाज़ार पहले से ही सुस्त है. अब त्योहारी डिमांड टलने से उनकी इन्वेंट्री बढ़ सकती है. इसके साथ ही E20 पेट्रोल के चलते गाड़ियों के माइलेज में 25% कमी की आशंका है, जिससे खरीदार और ज्यादा सोच-समझकर फैसले लेंगे.
बाज़ार में माहौल ये है कि लोग अभी सभी तरह के महंगे सामानों की खरीदारी को टाल रहे हैं. इससे गणेश चतुर्थी से लेकर नवरात्र तक गाड़ियों, टीवी और एसी की बिक्री प्रभावित होने की आशंका है. कई डीलर्स नए स्टॉक लेने से बच रहे हैं क्योंकि उन्हें आशंका है कि त्योहारों में डिमांड कमजोर रहेगी. एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि जब तक GST बदलाव लागू नहीं होता तबतक ग्राहक इंतजार करेंगे और खरीदारी टालेंगे.
जानकार मानते हैं कि अगले 60 दिन कंपनियों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होंगे और नवरात्रि तक डिमांड कमजोर रह सकती है. गर्मियों में बेमैसम बरसात की वजह से खराब सीज़न झेलने वाली एसी और कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियां अगस्त-सितंबर में भी सुस्ती का सामना करेंगी. उन्हें उम्मीद थी कि वो इस दौरान कुछ नुकसान की भरपाई कर लेंगी लेकिन अब अगली गर्मियों तक उन्हें इंतजार करना पड़ सकता है.
इंडस्ट्री को भरोसा है कि दिवाली और शादी-ब्याह का सीज़न बाज़ार को फिर से पटरी पर ला सकता है. दिवाली के दौरान डिमांड में 15-18% उछाल की संभावना जताई जा रही है. लेकिन इसके पहले GST 2.0 का शॉर्ट टर्म असर बेहद गंभीर हो सकता है. ऐसे में तुरंत कोई राहत ना मिलने पर त्योहारी सीज़न में डीलर्स और कंपनियों दोनों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.