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20,000 लोगों को नौकरी... पूरे शहर में चार्जिंग नेटवर्क! जानें EV Policy 2.0 को लेकर दिल्ली सरकार का प्लान

Delhi EV Policy 2.0: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि, "इस नई नीति का उद्देश्य प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करना है. इससे बैटरी स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित करके 20,000 नौकरियां जेनरेट की जा सकती हैं."

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Delhi EV Policy 2.0
Delhi EV Policy 2.0

Delhi EV Policy 2.0: दिल्ली की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (Delhi EV Policy 2.0) को लागू करने की कवायद हो रही है. इस नई पॉलिसी का पूरा फोकस राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देना है. इसी बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि, "इस नीति का उद्देश्य प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करना है. नई पॉलिसी से शहर भर में चार्जिंग और स्वैपेबल बैटरी स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित करके 20,000 नौकरियां जेनरेट की जा सकती हैं."

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मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि, "इस नीति का उद्देश्य दोपहिया, बस, तिपहिया और माल वाहक जैसे बड़े वाहनों पर ध्यान केंद्रित करना है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किया जा सके." उन्होंने कहा कि "2027 तक, सरकार ने लक्ष्य रखा है कि सभी नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन में से 95 प्रतिशत इलेक्ट्रिक होंगे, जिससे शहर में उत्सर्जन में काफी कमी आएगी और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा."
 
चार्जिंग इंफ्रा पर फोकस:

नई दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के ड्राफ्ट के अनुसार, शहर भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन को स्थापित किए जाने की योजना है. सिरसा ने अपने बयान में कहा कि, "हमारा लक्ष्य चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग इंफ्रा को बेहतर बनाना और लोगों तक इस पहुंच को सुलभ बनाना है. 2030 तक, हमारा लक्ष्य सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहन के लिए रिचार्जिंग सुविधाओं की 100 प्रतिशत उपलब्धता हासिल करना है."

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CNG ऑटो पर बैन:

इस नई पॉलिसी का ड्राफ्ट सामने आ चुका है. जिसमें CNG से चलने वाले ऑटो रिक्शाओं को चरणबद्ध तरीके से हटाने की सिफारिश की गई है, साथ ही प्राइवेट कारों और दोपहिया वाहनों को लेकर भी नए और सख्त नियम बनाए गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, आगामी 15 अगस्त से दिल्ली में सीएनजी ऑटो रिक्शा का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा. 10 साल से ज्यादा पुराने सभी सीएनजी ऑटो रिक्शा को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करना होगा. यानी ऐसे पुराने ऑटो में अब बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर के साथ EV कन्वर्जन किट लगवाना होगा. साथ ही माल-वाहक के तौर पर भी इस्तेमाल किए जाने वाले CNG तिपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा.

पेट्रोल स्कूटर-बाइक भी होंगे बंद:

इस मसौदे के अनुसार अगस्त 2026 से गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (स्कूटर-बाइक) के रजिस्ट्रेशन पर भी प्रतिबंध लगाने की भी उम्मीद है. यानी अगले साल अगस्त से दिल्ली में पेट्रोल, डीजल या सीएनजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों का भी पंजीकरण भी नहीं किया जाएगा. इस बात की भी चर्चा है कि दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कथित तौर पर इस नीति को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जिसे अब अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.

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