कोरोना: अमेरिका ने फाइजर वैक्सीन को फुल अप्रूवल दिया, दुनिया का पहला टीका बना

अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने फाइजर वैक्सीन को फुल अप्रूवल दे दिया है. इसी के साथ फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन फुल अप्रूवल वाली पहली वैक्सीन बन गई है. अब ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 16 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए पूर्ण वैक्सीन बन गई है.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

स्नेहा

  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 10:19 PM IST

अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने फाइजर वैक्सीन को फुल अप्रूवल दे दिया है. इसी के साथ फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन फुल अप्रूवल वाली पहली वैक्सीन बन गई है. अब ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 16 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए पूर्ण वैक्सीन बन गई है. 

इससे पहले इस वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी. हालांकि, इस वैक्सीन को 12 से 15 साल के बच्चों के लिए इमरजेंसी यूज अप्रूवल जारी रहेगा. कार्यवाहक एफडीए आयुक्त जेनेट वुडकॉक ने कहा, कोरोना के खिलाफ जंग में फाइजर वैक्सीन को अप्रूवल मिलना एक अहम कदम है. 

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जॉनसन- मॉडर्ना बने रहेंगे विकल्प- व्हाइट हाउस
वहीं, फाइजर की वैक्सीन को अप्रूवल मिलने के बाद व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा है कि जॉनसन एंड जॉनसन और मॉडर्ना की वैक्सीन भी सुरक्षित और असरदार विकल्प हैं. इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति देने से पहले दोनों वैक्सीन का व्यवस्थित वैज्ञानिक परीक्षण किया गया है. हम जल्द ही इन वैक्सीन को भी फुल अप्रूवल मिलने का इंतजार कर रहे हैं. 
 
जनता पूरी तरह होगी आश्वस्त
वुडकॉक ने कहा, यह वैक्सीन FDA के कठोर, वैज्ञानिक मानकों को पूरा करती है, ऐसे में इसे इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई. लेकिन अब FDA से अनुमति मिलने के बाद जनता पूरी तरह से आश्वस्त हो सकती है कि ये वैक्सीन सुरक्षा, प्रभावशीलता और निर्माण गुणवत्ता के मानकों को पूरा करती है. वुडकॉक ने कहा, हालांकि, लाखों लोगों ने पहले ही कोरोना की वैक्सीन लगवाई है. लेकिन हमारा मानना है कि FDA की मंजूरी के बाद लोगों के मन में वैक्सीन के प्रति आत्मविश्वास पैदा होगा. 

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11 दिसंबर 2020 को फाइजर की वैक्सीन को 16 साल से अधिक उम्र के लोगों पर इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी. हालांकि, 10 मई 2021 को इसे 12 से 15 साल के बच्चों के लिए भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी. 

91% असरदार है फाइजर वैक्सीन
अप्रूवल के फैसले से पहले एफडीए ने क्लिनिकल ट्रायल के डाटा की समीक्षा की. FDA ने 16 साल से अधिक उम्र के 20000 लोगों पर वैक्सीन के परीक्षण का रिजल्ट देखा. इसमें पाया गया कि वैक्सीन की दूसरी डोज के एक हफ्ते के भीतर संक्रमण खत्म हो चुका था. क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 91% असरदार पाई गई. इतना ही नहीं वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के बाद चार महीने तक लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली गई. वहीं, 12000 लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी 6 महीने तक की गई. 
 


 

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