केरल की नर्स निमिषा प्रिया की टल गई फांसी, यमन से आई बड़ी खबर

निमिषा प्रिया को हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है. वह 2017 से यमन की जेल में बंद है. निमिषा को यमन के नागरिक तलाल एब्दो महदी की हत्या का दोषी पाया गया था. उस पर आरोप थे कि उन्होंने महदी के पास जमा अपना पासपोर्ट पाने के लिए उन्हें बेहोशी के इंजेक्शन दिए लेकिन इन इंजेक्शन की वजह से महदी की मौत हो गई थी. 

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केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी फिलहाल टल गई है (Photo: Reuters) केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी फिलहाल टल गई है (Photo: Reuters)

प्रणय उपाध्याय

  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

केरल की नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) की फांसी की सजा को फिलहाल टाल दिया गया है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है. उन्हें यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी.  

निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए भारत सरकार हरसंभव कोशिश कर रही थी. कहा जा रहा था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें बचाना मुश्किल है. लेकिन अब खबर है कि उनकी फांसी को टाल दिया गया है.

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यमन की अदालत ने निमिषा प्रिया को हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई है. वह 2017 से यमन की जेल में बंद है. निमिषा को यमन के नागरिक तलाल एब्दो महदी की हत्या का दोषी पाया गया था. उस पर आरोप थे कि उन्होंने महदी के पास जमा अपना पासपोर्ट पाने के लिए उन्हें बेहोशी के इंजेक्शन दिए लेकिन इन इंजेक्शन के ओवरडोज की वजह से महदी की मौत हो गई थी. 

केरल के पलक्कड़ की रहने वाली नर्स निमिषा अपने पति और बेटी के साथ पिछले लगभग एक दशक से यमन में काम कर रही थीं. 2016 में यमन में हुए गृहयुद्ध की वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन इससे पहले 2014 में ही उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे. 

लेकिन निमिषा वापस लौट नहीं पाई थी. इसके बाद निमिषा पर जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप लगाया गया. लिहाजा सात मार्च 2018 को यमन में अदालत ने निमिषा की मौत की सजा को बरकरार रखा था.

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किस कानून के तहत निमिषा को सुनाई गई थी सजा?

यमन में शरिया कानून लागू है. इस कानून के तहत हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई जाती है. ब्लड मनी एक ऐसी प्रथा है, जिसमें हत्या के दोषी व्यक्ति को माफी दी जा सकती है, बशर्ते वह मृतक के परिवार को मोटी रकम मुआवजे के रूप में दे. यह रकम मृतक के परिजनों के साथ समझौते के तहत तय होती है.  

निमिषा को यमन में सुनाई गई फांसी की जा के बाद से ही ब्लड मनी देकर उन्हें छुड़वाने की बात हो रही थी. इस्लाम के जानकार मानते हैं कि ये तरीका ना केवल माफ करने के मौके देता है, बल्कि मॉनिटरी सपोर्ट से पीड़ित के परिवार को कुछ हद तक इंसाफ भी मिलता है. 

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