इजरायल और ईरान (Israel-Iran War) के बीच पिछले दस से ज्यादा दिनों की जंग क़रीब-क़रीब ख़त्म हो गई है. दोनों देशों ने सीजफायर की बात का ऐलान किया है. ऐसे में राजधानी दिल्ली में मौजूद ईरानी राजदूत इराज इलाही से आजतक ने एक्सक्लूसिव बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू दोनों नेताओं को लेकर कहा कि वे भरोस के लायक नहीं हैं.
भारत में ईरान के राजदूत डॉ. इराज इलाही ने कहा, "नेतन्याहू भरोसेमंद नहीं हैं, उन्होंने ईरान के खिलाफ सैन्य आक्रमण किया और रिहायशी इलाकों, एंबुलेंस, अस्पतालों को भी निशाना बनाया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानूनों पर ध्यान नहीं दिया. हम इजरायल की किसी भी कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार हैं."
'ट्रंप खुद यकीन के लायक नहीं...'
दोनों देशों के बीच सीजफायर करवाने का दावा करने अमेरिका राष्ट्रपति को लेकर ईरानी राजदूत ने कहा, "ट्रंप खुद यकीन के लायक नहीं हैं. अमेरिका भी भरोसेमंद नहीं है. हम इस आक्रामकता की उम्मीद कर रहे थे. बचाव और जवाब देने की तैयारी कर रहे थे."
राजदूत डॉ. इराज इलाही ने आगे कहा, "इजराइल अकेले अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के समर्थन के बिना कुछ भी नहीं कर सकता. हम इस जंग में अमेरिका के शामिल होने की उम्मीद कर रहे थे. ईरानी परमाणु सुविधाएं शांतिपूर्ण हैं, मैं यह कहने की स्थिति में नहीं हूं कि अभी स्थिति कैसी है. यह ऐसी चीज है, जिसके लिए रणनीतिक फैसले की जरूरत है."
उन्होंने आगे दावा किया, "हमारे पास इस बात के सुबूत हैं कि हम अपने राष्ट्रीय हितों, अपनी संप्रभुता और अपने लोगों की रक्षा के बारे में गंभीर हैं. इतिहास में किसी भी देश ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है, ईरान ने ऐसा किया है. आप इसे एक प्रतीकात्मक प्रतिक्रिया के रूप में गिन सकते हैं लेकिन अगर अमेरिका इस गैरकानूनी कार्रवाई को दोहराता है, तो उसे भी वैसा ही जवाब मिलेगा ."
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'सत्ता परिवर्तन कई देशों की चाहत...'
डॉ. इराज इलाही ने कहा कि ईरान एनपीटी (परमाणु हथियारों का अप्रसार) का सदस्य है. ईरान के पास कोई परमाणु हथियार नहीं है. एक गैरकानूनी शासन इजरायल ने ईरान पर इस बहाने हमला किया है कि ईरान ने यूरेनियम को एनरिच किया है. यह हास्यास्पद है. ईरान पर हमला करके इजरायल खित्ते की स्थिरता को प्रभावित कर रहा है.
"इजरायल ने ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है. यह सिर्फ आयरन डोम की बात नहीं थी. इस जंग के वक्त इजरायल में कई अलग-अलग सर डिफेंस सिस्टम एक्टिव थे लेकिन इन सबके बावजूद, हमारी मिसाइलें इजरायली इलाके में टारगेट्स तक पहुंच गईं. हमें यकीन है कि हम आसानी से नहीं, लेकिन इजरायल तक पहुंच सकते हैं. ईरान जंग को बढ़ाना नहीं चाहता है लेकिन यह सिर्फ़ एक पक्ष नहीं है. इसके बाद भी उन्हें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और इसमें प्रवेश नहीं करना चाहिए. यही वजह है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ संपर्क में थे. सत्ता परिवर्तन की चाहत अमेरिका, इज़राइल और कई अन्य देशों का ख्वाब है लेकिन इस्लामी गणतंत्र ईरान ने दिखाया है कि वह लचीला है."
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होर्मुज स्ट्रेट को बंद किए जाने को लेकर राजदूत डॉ. इराज इलाही ने कहा, "ईरान अपनी संप्रभुता, अपने देश और अपने लोगों की रक्षा के लिए हर विकल्प तलाशेगा लेकिन इसके साथ ही, हम अन्य देशों को किसी भी समस्या में नहीं डालना चाहते हैं. इसलिए हमने संघर्ष की अपनी सीमाओं को इज़रायल तक महदूद रखने की कोशिश की है. ईरान ने दिखाया है कि उसने खुद फैसला लिया है. रूस और चीन, ईरान के करीबी दोस्त हैं. परमाणु मुद्दों के बारे में हमारे बीच घनिष्ठ बातचीत है."
गीता मोहन