मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष के बीच अमेरिका ने रविवार को ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया था, जिनमें फोर्डो स्थित अंडरग्राउंड न्यूक्लियर फैसिलिटी भी शामिल है. अब ईरानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यह जानकारी सामने आई है कि अमेरिकी हमले के बाद इजरायली सेना ने भी सोमवार को फोर्डो परमाणु ठिकाने पर हमला किया है.
इजरायल ने फिर किया अटैक
फोर्डो पर इजरायली हमले से एक दिन पहले ही अमेरिका ने इस सीक्रेट अंडरग्राउंड न्यूक्लियर फैसिलिटी पर बंकर बस्टर बम गिराए थे. यह तब हुआ जब इजरायल ने अमेरिका के समर्थन से उत्साहित होकर तेहरान पर हमलों की एक नई सीरीज शुरू की और दावा किया कि उसने ईरान के सैन्य बुनियादी ढांचे पर सबसे तेज हमलों में से एक को अंजाम दिया है.
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ईरान की तस्नीम न्यूज एजेंसी ने एक सरकारी प्रवक्ता के हवाले से बताया कि फोर्डो परमाणु ठिकाने पर फिर से हमला किया गया है. फोर्डो पर ताजा हमला अमेरिकी वायुसेना की तरफ से GBU-57 बंकर बस्टर बमों और टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से परमाणु ठिकाने के साथ-साथ नतांज और इस्फहान में स्थित न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमले के कुछ घंटे बाद हुआ.
'फोर्डो में बहुत ज्यादा नुकसान'
फोर्डो प्लांट, जिसमें परमाणु बम बनाने के लिए जरूरी स्तर के करीब यूरेनियम को तेजी से एनरिच करने की क्षमता है, सतह से 80 से 90 मीटर नीचे स्थित है. इस फैसिलिटी को सिर्फ अमेरिका ही टारगेट कर सकता था क्योंकि इजरायल के पास इस प्लांट को तबाह करने के लिए जरूरी गोला-बारूद नहीं है. इसी वजह से इजरायल बार-बार अमेरिका से फोर्डो को टारगेट करने की मांग कर रहा था.
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हालांकि अमेरिकी रक्षा अधिकारी अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' का कितना असर पड़ा. लेकिन संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा कि बमबारी से संभवतः फोर्डो के अंडरग्राउंड एरिया को काफी नुकसान पहुंचा है. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने संस्था की एक इमरजेंसी मीटिंग में कहा, 'इस्तेमाल किए गए विस्फोटक पेलोड और सेंट्रीफ्यूज की संवेदनशीलता को देखते हुए काफी ज्यादा नुकसान होने की आशंका है.'
आईएईए ने पहले कहा था कि अमेरिकी हमलों के बाद ऑफ-साइट रेडिएशन लेवल में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई. हालांकि रॉयटर्स को मिली कमर्शियल सैटेलाइट इमेजरी से पता चला है कि फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट और उसमें लगे यूरेनियम एनरिचमेंट सेंट्रीफ्यूज को भारी नुकसान पहुंचा है. लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. सैटेलाइट तस्वीरों में प्लांट में 6 गड्ढे दिखाई दे रहे हैं, जहां अमेरिकी बम पहाड़ तोड़कर भीतर घुस गए हैं.
क्या ईरान ने यूरेनियम को बाहर निकाला?
इस बीच रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों के एक वर्ग ने पिछले सप्ताह की सैटेलाइट तस्वीरों का हवाला देते हुए संकेत दिया कि ईरान ने हमले से पहले फोर्डो से न्यूक्लियर बम लेवल के एनरिच यूरेनियम के स्टोरेज को पहले ही ट्रांसफर कर दिया होगा. तस्वीरों में प्लांट के आसपास ट्रकों का पूरा काफिला लाइन में खड़ा दिखाई दे रहा है. रॉयटर्स ने एक वरिष्ठ ईरानी सूत्र के हवाले से बताया कि ग्रेड 60% हाई एनरिच यूरेनियम का ज्यादातर हिस्सा इजरायल या अमेरिका की पहुंच से दूर एक सीक्रेट साइट पर ले जाया गया है.
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