श्रीलंका में संकटः राजपक्षे ने ली प्रधानमंत्री पद की शपथ, रानिल बोले- मैं ही PM

महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली है. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने रानिल विक्रमसिंघे को हटाकर महिंदा राजपक्षे को पीएम बनाया है. वहीं, विक्रमसिंघे ने कहा कि वो अब भी श्रीलंका के प्रधानमंत्री हैं.

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महिंदा राजपक्षे और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना (फोटो- टि्वटर) महिंदा राजपक्षे और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना (फोटो- टि्वटर)

राम कृष्ण

  • कोलंबो,
  • 26 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST

भारत के पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है. श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने रानिल विक्रमसिंघे को हटाकर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री बनाया है. हालांकि रानिल विक्रमसिंघे का कहना है कि वो अब भी श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने हुए हैं. इससे पहले यूएनपी ने कहा कि राष्ट्रपति के पास प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे को हटाने का कोई अधिकार नहीं है.

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इसके अलावा गठबंधन सरकार में मंत्री रही यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के मंगला समरवीरा ने महिंदा राजपक्षे की नियुक्ति को असंवैधानिक बताया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'राजपक्षे की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति असंवैधानिक और गैरकानूनी है. ये लोकतंत्र विरोधी तख्तापलट है.' बता दें कि साल 2015 के चुनाव में मैत्रीपाला ने रानिल विक्रमसिंघे की UNP के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.

शुक्रवार शाम राष्ट्रपति सचिवालय में मैत्रीपाला सिरीसेना ने महिंदा राजपक्षे ने नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई. राजपक्षे वही हैं, जिनको मौजूदा राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पिछले राष्ट्रपति चुनावों में हराया था. सिरिसेना ने अपने धुर विरोधी रहे महिंदा को अपनी सरकार में अहम पद देकर सबको चौंका दिया है.

श्रीलंका के प्रधानमंत्री के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में इसकी जानकारी दी गई. श्रीलंका में यह राजनीतिक उथल-पुथल सिरीसेना के गठबंधन यूनाइटेड पीपल्स फ्रीडम एलायंस (UPFA) द्वारा रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) से अलग होने का ऐलान करने के बाद हुई है.

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साल 2015 के चुनाव में मैत्रीपाला सिरीसेना ने तमाम दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. इस चुनाव में महिंदा राजपक्षे को हार का सामना करना पड़ा था और राष्ट्रपति पद को छोड़ना पड़ा था.

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