इजरायल ने फिर से गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए हैं. फिलिस्तीन के चरमपंथी गुट हमास से 21 मई को हुए सीजफायर के बाद इजरायल ने पहली बार एयरस्ट्राइक किया है. इजरायली सुरक्षा बलों (आईडीएफ) का दावा है कि तटीय इलाकों में आग लगाने की घटना के जवाब में बुधवार तड़के पूरे गाजा पट्टी में हवाई हमलों को अंजाम दिया गया. हमास के सदस्य गुब्बारे के जरिये इजरायल के दक्षिणी इलाके में आग लगाने की कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं.
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यामीना पार्टी के नेफ्टाली बेनेट के रविवार को प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद से गाजा पट्टी पर पहली बार हमला हुआ है. नेफ्टाली बेनेट लंबे समय से इस बात पर जोर देते रहे हैं कि आगजनी के हमलों को लेकर जवाबी कार्रवाई भी वैसी ही होनी चाहिए जैसे रॉकेट दागने के जवाब में हवाई हमले किए जाते हैं.
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बहरहाल, गाजा में फिलीस्तीनी मीडिया आउटलेट्स द्वारा पोस्ट किए गए फुटेज में उत्तरी और दक्षिणी पट्टी दोनों में विस्फोटों की लपटों को देखा जा सकता है. पत्रकारों का कहना है कि इजरायली सुरक्षा बलों ने ताजा हमले में जिन इमारत परिसरों को निशाना बनाया है, उसमें हमास के सैन्य विंग अल-कसम ब्रिगेड भी शामिल है.
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हमास से जुड़े फिलिस्तीनी मीडिया सेंटर ने बताया है कि इजरायली हमले में गाजा पट्टी में कोई घायल नहीं हुआ है. इजरायली सुरक्षा बल (IDF) ने बयान जारी कर बताया कि उसके लड़ाकू विमानों ने खान यूनिस और गाजा शहर में हमास के उन सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जहां उसके लड़ाके रहते हैं.
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टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, इजरायली सुरक्षा बलों ने कहा कि दक्षिणी इजरायल में आग लगाए जाने की घटना के जवाब में ये कार्रवाई की गई है. हमास के सदस्य गुब्बारे के जरिये दक्षिण इजरायल के इलाकों में आग लगा दे रहे हैं. इजरायली सुरक्षा बल ने दावा किया है कि गाजा पट्टी में जिन परिसरों को निशाना बनाया है वहां आतंकी गतिविधि चल रही थी. इजरायल की सेना ने कहा कि वो किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है.
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मिस्र की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच 21 मई 2021 को हुए सीजफायर के बाद दोनों पक्षों में फिर से तनाव देखने को मिला है. यरुशलम दिवस के मौके पर 10 मई को अल-अक्सा मस्जिद में झड़प और शेख जर्राह से फिलिस्तीनियों की बेदखली की योजना के चलते हमास ने इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू कर दिए थे. इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई में हवाई हमले किए जिसमें 200 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए. वहीं हमास के रॉकेट हमले में इजरायल में भी 13 लोगों की मौत हो गई थी.
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ताजा हमला तब हुआ है जब इजरायल की नई सरकार ने पूर्वी यरुशलम में यहूदी राष्ट्रवादियों को मार्च निकालने की अनुमति दे दी. यरुशल में मार्च निकालने पर हमास ने फिर से तनाव भड़कने की चेतावनी दी थी, इसके बावजूद नेफ्टाली बेनेट की नई सरकार ने राष्ट्रवादियों को विवादित मार्च निकालने की अनुमति दी. यह मार्च यरुशलम दिवस के मौके पर 10 मई को निकाला जाना था, लेकिन अल-अक्सा मस्जिद में झड़प के बाद फ्लैग मार्च को रद्द कर दिया गया.
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यहूदी राष्ट्रवादियों के मार्च के मद्देनजर गाजा के चरमपंथी गुटों की चेतावनियों के बीच इजरायल ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए थे. वहीं गाजा के चरमपंथी गुटों के सदस्यों ने मंगलवार को इजरायल के दक्षिणी एन्क्लेव की सीमा पर 26 जगहों पर आग लगा दी. कुछ फिलिस्तीनियों ने भी सीमा पर बवाल किया. इसमें एक फिलिस्तीनी को कथित तौर पर पैर में गोली लगी थी, जिससे उसे हल्की चोटें आई थीं.
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इससे पहले मंगलवार को, हमास ने फ्लैग मार्च के बाद जीत का दावा किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसने इजरायल के साथ "निपटने का एक नया सूत्र" तैयार कर लिया है. हमास ने जारी बयान में कहा, 'बहादुरी के साथ फिलिस्तीनियों के प्रतिरोध ने इजरायल को अल-अक्सा मस्जिद से गुजरने के बजाय रास्ता बदलने, नागरिक हवाई मार्गों को बदलने और आयरन डोम की तैनाती को मजबूत किया है.'
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असल में, यरुशलम दिवस के अवसर पर मंगलवार को आयोजित मार्च में कई हजार राष्ट्रवादी यहूदियों ने हिस्सा लिया. लेकिन हमास के रॉकेट हमलों की चेतावनी के चलते फ्लैग मार्च के कार्यक्रम को छोटा कर दिया गया था.
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मार्च से पहले, इज़रायल ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे. यरुशलम में 2,000 पुलिस अधिकारी तैनात किए गए थे. वेस्ट बैंक में सुरक्षा बलों और आयरन डोम की तैनाती की गई थी. बेन गुरियन हवाई अड्डे से आने-जाने वाले विमानों को किसी भी संभावित रॉकेट हमले से बचने के लिए गाजा से उत्तर की ओर से भेजा जा रहा है.
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पुलिस ने कहा कि शांति भंग करने, पत्थर फेंकने और अधिकारियों पर हमला करने के लिए ओल्ड सिटी के पास मार्च शुरू होने पर पुलिस और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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