एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, कोलकाता में जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपने परिसर के भीतर राम नवमी मनाने की योजना की घोषणा की है. छात्रों की शिकायत है कि इसी जादवपुर यूनिवर्सिटी में जब ईद का त्योहार मनाया जा सकता है, शानदार इफ्तार पार्टियां दी जा सकती हैं तो एक दिन का राम नवमी उत्सव क्यों नहीं मनाया जा सकता?
दरअसल हिंदू छात्र संघ और विश्वविद्यालय के छात्रों ने परिसर के अंदर त्योहार मनाने की अपनी मंशा जाहिर की थी. लेकिन अब जादवपुर विश्वविद्यालय ने परिसर में राम नवमी समारोह की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
इस वजह ने नहीं मिली अनुमति
दरअसल 3 अप्रैल को जादवपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के कार्यालय में बैठक हुई. इस बैठक में शामिल सदस्यों ने यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा 28 मार्च को दिए गए आवेदन को अस्वीकृत कर दिया. छात्रों ने कैंपस में राम नवमी उत्सव मनाने की मंजूरी मांगी थी. अस्वीकृत करने की दो वजह बताई गईं. एक ये कि पिछले साल ऐसी अनुमति नहीं दी गई थी. दूसरी ये कि चूंकि वाइस चांसलर अभी मौजूद नहीं हैं तो ऐसा नया फैसला नहीं लिया जा सकता.
छात्र बोले- राम नवमी मनाकर रहेंगे
इससे पहले बुधवार को छात्रों और राम नवमी समारोह के आयोजक ने कहा कि वे इस साल परिसर के अंदर राम नवमी मनाने के लिए दृढ़ हैं. साथ ही छात्रों ने कुछ दिन पहले कैंपस में इफ्तार पार्टी मनाने की अनुमति देने के यूनिवर्सिटी के फैसले पर भी सवाल उठाए.
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राम नवमी समारोह के आयोजक और छात्र सोमसूर्या बनर्जी ने कहा, "हम इस साल कैंपस के अंदर राम नवमी मनाने के लिए दृढ़ हैं. हम इस बार पीछे नहीं हटेंगे.. अगर लोग जादवपुर यूनिवर्सिटी के अंदर इफ्तार मना सकते हैं, तो हम राम नवमी क्यों नहीं मना सकते? हम कानूनी कार्रवाई करेंगे और जो भी हमें रोकने की कोशिश करेगा, उससे निपटेंगे.
'वहीं स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के एक सदस्य ने "आज तक" से बात करते हुए कहा, 'एबीवीपी इस आयोजन को कर रहा है लेकिन हम उन्हें परिसर के अंदर राम नवमी मनाने की अनुमति नहीं देंगे.'
तो वहीं इस बार राम नवमी के उत्सव में किसी तरह की रोकटोक को लेकर बीजेपी का रुख आक्रामक है, क्योंकि बीजेपी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि ममता सरकार जान बूझकर राम नवमी के उत्सव में रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रही है.
अनिर्बन सिन्हा रॉय