खुद को 'दूसरी राधा' बताने वाले से 4 लाख की ठगी, फिर साइबर फ्रॉड का शिकार हुए पूर्व IG डीके पांडा

प्रयागराज में पूर्व आईजी डीके पांडा एक बार फिर साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं. ठगों ने बैंक अधिकारी बनकर उनसे 4.32 लाख रुपये हड़प लिए. पहले भी वे 381 करोड़ की ठगी का शिकार हो चुके हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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'दूसरी राधा' पूर्व आईजी डीके पांडा से 4 लाख की ठगी (Photo: File photo) 'दूसरी राधा' पूर्व आईजी डीके पांडा से 4 लाख की ठगी (Photo: File photo)

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 19 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में खुद को कृष्ण की 'दूसरी राधा' बताकर चर्चित हुए पूर्व आईजी डीके पांडा एक बार फिर साइबर ठगी के शिकार हो गए है. इस बार उनके साथ 4 लाख 32 हजार रुपये की ठगी साइबर ठगों ने कर दी है. शिकायत के मुताबिक बैंक अधिकारी बताकर उनके साथ ये ठगी की गई है. उनकी शिकायत पर धूमनगंज पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच पड़ताल करने में जुट गई है,

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'दूसरी राधा' से 4 लाख 32 हजार की ठगी

दरअसल धूमनगंज के एचआईजी एडीए कॉलोनी में रहने वाले पूर्व आईजी रहे डीके पांडा 'दूसरी राधा' बनकर चर्चा में आए थे. उनके मुताबिक वे इंटरनेट से मुंडेरा के इंडियन बैंक शाखा का हेल्पलाइन नंबर खोज रहे थे. तभी थोड़ी देर बाद एक अनजान नंबर से उनके पास फोन आया. उसने अपने आप को बैंक का अधिकारी बताते हुए अपना नाम राहुल बताया और कुछ देर बाद व्हाट्सएप पर लिंक भेज कर क्लिक करने के लिए कहा. इस दौरान बातों में उलझाए रखने के लिए ठग उनसे फोन पर लंबी बातचीत करता गया. इस बीच बिना किसी जानकारी के उनके खाते से उसने  4 लाख 32 हजार रुपये निकाल लिए. जब कुछ देर बाद उनको समझ में आया कि अब वह ठगी के शिकार हो गए हैं तब उन्होंने धूमनगंज पुलिस में इसकी शिकायत की. शिकायत मिलने के बाद पुलिस अब जांच पड़ताल में जुट गई है.

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इससे पहले भी ठगे गए थे पांडा

'राधा' यानी पूर्व आईजी डीके पांडा अक्टूबर 2024 में भी ठगी के शिकार हो चुके हैं. उन्होंने धूमनगंज थाने में ही पहले 381 करोड़ की ठगी की एक एफआईआर दर्ज कराई थी. तब उन्होंने बताया था कि लंदन की एक कंपनी में ट्रेडिंग करके उन्होंने यह रुपए कमाए थे जिसे साइबर ठगों ने उड़ा लिया. फिलहाल धूमनगंज पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल अभी तक कर रही है. बार-बार पुलिस लोगों को हर माध्यम से जागरूक करती है कि साइबर ठगों के चक्कर में ना पड़ें. इसके बावजूद पढ़े लिखे लोग भी आसानी से साइबर ठगी के शिकार हो जा रहे हैं, फिलहाल जागरूकता ही बचाव है.

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