सीतापुर: BLO ड्यूटी के दौरान टीचर ने दी जान, कमरे में फंदे से लटकता मिला शव

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में कार्यरत एक बीएलओ (BLO) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि मृतक स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) ड्यूटी के बढ़ते काम के बोझ के कारण मानसिक दबाव में था. इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है.

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सीतापुर में टीचर ने किया सुसाइड (Photo: Representational ) सीतापुर में टीचर ने किया सुसाइड (Photo: Representational )

aajtak.in

  • सीतापुर ,
  • 26 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:54 PM IST

Uttar Pradesh News: सीतापुर के अटरिया कस्बे में शुक्रवार को 30 वर्षीय बीएलओ उमेश ने अपने किराए के कमरे में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. उमेश दरियापुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में अनुदेशक थे और वर्तमान में उन पर विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) की जिम्मेदारी थी. जब लंबे समय तक उनका कमरा नहीं खुला, तो पुलिस ने लोहे का दरवाजा काटकर शव को बाहर निकाला. परिजनों के अनुसार, हाल ही में मिली बीएलओ ड्यूटी और काम के दबाव के कारण वे परेशान थे. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है.

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दरवाजा काटकर निकाला गया शव

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अटरिया थाना प्रभारी राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि उमेश अटरिया कस्बे में अकेले रहते थे. घटना के वक्त घर का लोहे का दरवाजा अंदर से बंद था. पुलिस ने जब दरवाजा काटा, तो उमेश का शव कुंडे से लटका पाया गया. 

पुलिस का कहना है कि शुरुआती कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है, हालांकि अभी आत्महत्या की सटीक वजह स्पष्ट होना बाकी है.

काम का बोझ और राजनीतिक घमासान

मृतक के परिजनों ने काम के दबाव का मुद्दा उठाया है, वहीं उत्तर प्रदेश में बीएलओ की मौतों और आत्महत्याओं का मामला अब सियासी रंग भी ले चुका है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा जैसे विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है. हालांकि, प्रशासन इन आरोपों को खारिज करता रहा है. नवंबर से जारी SIR अभ्यास के दौरान राज्य में बीएलओ की मौत की यह पहली घटना नहीं है, जिससे कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

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नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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