जब महिला के पेट से निकला था खरगोश... हकीकत सामने आने पर पहुंची जेल!

इतिहास ऐसी अजीबोगरीब और विचित्र घटनाओं से भरा पड़ा है, जिनके बारे आज भी बातें होती है. आज ऐसा ही एक किस्सा बता रहे हैं, जब एक महिला ने खरगोश को जन्म देने का दावा कर पूरे इंग्लैंड में सनसनी मचा दी थी.

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जब महिला ने खरगोश को जन्म देने का किया था दावा (Photo - AI Generated) जब महिला ने खरगोश को जन्म देने का किया था दावा (Photo - AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

इंग्लैंड में आज से 300 साल पहले एक महिला ने यह दावा कर सनसनी मचा दी थी कि उसने खरगोश के बच्चे को जन्म दिया है. कई चिकित्सकों ने भी इस घटना की जांच के बाद उसके दावे के सच बता दिया था. जानते हैं आखिर ये पूरा मामला क्या था. 

हिस्ट्री एक्सट्रा के मुताबिक, 1726 में, सरे के गोडाल्मिंग शहर की एक युवती ने उस वक्त के डॉक्टरों को तब हैरान कर दिया, जब उसने खरगोश के बच्चे को जन्म देने का दावा किया. उसके इस दावे ने चिकित्सा जगत में सनसनी फैला दी. मैरी टॉफ्ट नाम की महिला ने कई डॉक्टरों को यकीन दिलाया कि गर्भावस्था के दौरान एक बड़े खरगोश को देखने के बाद, उसने कुछ समय बाद कई खरगोश के बच्चों को जन्म दिया है.

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कई डॉक्टरों ने इसकी सच्चाई की पुष्टि की 
उस वक्त के स्थानीय सर्जन और दाई, जॉन हॉवर्ड ने भी इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि वो खरगोशों के जन्म के समय मौजूद थे और लोगों ने उसकी कहानी पर विश्वास कर लिया. इसके बाद कई प्रतिष्ठित चिकित्सकों को सूचित किया गया. इनमें किंग जॉर्ज प्रथम के शाही परिवार के सर्जन नथानिएल सेंट आंद्रे भी शामिल थे.

महिला से की गई कड़ी पूछताछ
उन्होंने उन जानवरों के कुछ अंगों कीं जांच की जिनके बारे में टॉफ्ट ने दावा किया था कि उन्होंने उन्हें जन्म दिया था. उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि टॉफ्ट का मामला सही था. लेकिन, एक दूसरे शाही सर्जन, साइरिएकस अहलर्स, को इस बात पर पूरा संदेह था. इस वजह से लंदन में टॉफ्ट से कड़ी पूछताछ की गई.
 
सामने आया ये सच
अंततः टॉफ्ट ने इस पूरे वाकये से पर्दा उठा दिया. उसने बताया कि  यह एक "बेहद दर्दनाक प्रयोग" था.  टॉफ्ट ने कुबूल किया कि यह सब एक धोखा था. उसने जानवरों के अंगों को अपने अंदर भरकर इन नकली जन्मों को असली बनाया था. हालांकि ऐसा करने के पीछे वजह क्या थी, यह स्पष्ट नहीं हो पाया.

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इसके खुलासे के बाद टॉफ्ट को कैद कर जेल में डाल दिया गया.  कुछ साल कैद में रखने के बाद उसे रिहा कर दिया गया और वह अपने बाकी दिन गोडाल्मिंग में बिताने लगी. उसे 'खरगोश महिला' के नाम से जाना जाता था. इस घटना की पुष्टि करने वाले शाही चिकित्सक सेंट आंद्रे की काफी फजीहत हुई और उनका करियर इस घोर अपमान से कभी पूरी तरह उबर नहीं पाया.

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