तो क्या दुनिया ख़त्म होने वाली है? अगर संसार नष्ट हुआ, तो क्या इसका कारण पुतिन, बाइडेन, ज़ेलेंस्की, शी और उत्तर कोरिया के किम होंगे? भले ही ये तमाम सवाल विचलित कर रहे हों. मगर इन सवालों को छेड़कर सुर्खियां बटोरी हैं गणितज्ञ और फाइनेंसर एरिक वीनस्टीन ने. जिनका ये भी मानना है कि यूक्रेन में युद्ध ने दुनिया को क्यूबा मिसाइल संकट के बाद किसी भी समय की तुलना में परमाणु युद्ध के करीब ला दिया है.
वीनस्टीन के अनुसार परमाणु संघर्ष का वर्तमान जोखिम '1% से 5% के बीच' होने के बावजूद, अधिकांश लोग खतरे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. एरिक, जिन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री ली है उनका ये भी कहना है कि जिस दुनिया को हम जानते हैं वह 'पांच अपेक्षाकृत विशिष्ट मनुष्यों पुतिन, बाइडेन, ज़ेलेंस्की, शी और किम के कारण नष्ट हो सकती है.
अमेरिकी ब्रह्मांड विज्ञानी ब्रायन कीटिंग के साथ एक पॉडकास्ट में वाइंस्टीन ने कई अहम बातें की हैं और कहा है कि, 'मैं जमीन के ऊपर दुर्लभ वायुमंडलीय परमाणु परीक्षणों की वापसी का आह्वान कर रहा था.' चूंकि कई लोगों को आधुनिक हथियारों से होने वाले विनाश की समझ नहीं है, 2019 में वाइंस्टीन ने एक फ्यूजन बम के सार्वजनिक प्रदर्शन का सुझाव देकर भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
आज के समय में परमाणु हथियार और उससे होने वाले नुकसान पूरी दुनिया के सामने संकट का एक बड़ा विषय हैं. इसपर पॉडकास्ट के दौरान अपना पक्ष रखते हुए एरिक ने कहा है कि 1950 के दशक के मध्य में मानवता महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंची जब हमने परमाणु के रहस्यों और डीएनए की संरचना में हेरफेर करने की शुरुआत की.
रूस यूक्रेन युद्ध पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए एरिक ने कहा है कि ज्यादातर लोग यूक्रेन में युद्ध को एक सोप ओपेरा की तरह देखते हैं, न कि दुनिया को खत्म करने वाले खतरे के रूप में, 'जब तक यह घर-घर की लड़ाई की तरह दिखता है और जब तक ज़ेलेंस्की टेलीजेनिक हैं. वहीं एरिक ये भी मानते हैं कि यूक्रेन में युद्ध मीडिया रिपोर्टों से कहीं अधिक घातक है.
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