रामपुर के नवाब के खजाने पर अब सियासी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. नवाब के वारिसों ने स्ट्रांग रूम में बंद खजाने को पाने के लिए जहां कोर्ट का सहारा लिया है. वहीं, यूपी सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि नवाब अपने वारिस घोषित करके नहीं गए, इसलिए स्ट्रांग रूम से जो भी खजाना निकलेगा, उस पर सरकार का दावा हो सकता है.
यूपी के अमरोहा में कैबिनेट मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने रामपुर में नवाब परिवार के बंटवारे के दौरान स्ट्रांग रूम खोलने की जद्दोजहद पर टिप्पणी करते हुए साफ कहा है इस मामले में सरकार का निर्णय आना अभी बाकी है. अगर नवाब साहब ने इस संपदा को डिक्लेयर नहीं किया था तो इसे सरकारी संपत्ति में शामिल किया जा सकता है.
मंत्री ने आगे कहा कि स्ट्रांग रूम तो खोले जायेंगे क्योंकि ये जो भी संपदा है, अगर नवाब ने डिक्लेयर नहीं की है, तो वो सरकार की प्रॉपर्टी बन जाती है. अब ये देखना पड़ेगा कि वो संपत्ति क्या-क्या है. उसका मूल्यांकन होगा और उसकी बाकायदा नंबरिंग होगी. उसके बाद जो भी सामने चीजें आएंगी, सरकार सही निर्णय लेगी, नियम के हिसाब से निर्णय लेगी.
बता दें कि भारत में रियासतों को दौर तो खत्म हो गया लेकिन उनके खजाने आज भी कई जगह दबे हुए हैं. ऐसी ही एक रियासत है रामपुर, जहां आखिरी नवाब रजा अली खान की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है. इसी कड़ी में नवाब के स्ट्रांग रूम का पता चला है. कहा जा रहा है इसमें बेशकीमती खजाना भरा पड़ा है. इस स्ट्रांग रूम को लंदन की एक कंपनी ने बनाया था जिसका दावा है कि बिना चाबी के यह नहीं खुल सकता, चाहे यहां बम विस्फोट ही क्यों न करा दिया जाए.
रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खान की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया लगातार जारी है. रियासती दौर के आखिरी नवाब मरहूम रजा अली खान की संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ, शिया पर्सनल लॉ के हिसाब से सभी वारिसों में किया जाएगा. नवाब की चल-अचल संपत्ति का वैल्यूएशन होना है. उसके बाद पार्टीशन स्कीम तैयार करके उनके 16 वारिसों में बंटना है.
नवाब की चल-अचल संपत्ति में बहुत सी एंटीक और बेशकीमती चीजें शामिल है जिसमें मशहूर कंपनियों के ब्रांडेड हथियार जैसे पिस्टल,राइफल हैं. इसके अलावा सोना-चांदी जड़ित तलवारें और चाकू भी पाए गए. इन सभी संपत्तियों के अलावा नवाब के पैलेस में एक स्ट्रांग रूम भी शामिल है जिसमें बेशकीमती हीरे-जवाहरात, सोना-चांदी होने का अनुमान लगाया जा रहा है. (प्रतीकात्मक फोटो)
नवाब के महल में एक स्ट्रांग रूम (लॉकर रूम ) है क्योंकि उनकी सभी मूवेबल प्रॉपर्टी का वैल्यूएशन करना है इसलिए वहां कोठी खास बाग में एक स्ट्रांग रूम है जहां उनका निजी कीमती सामान होना संभव है. उसकी चाबियां नवाब खानदान के लोगों के पास होना संभव नहीं है इसलिए कोर्ट से आर्डर कराया गया है. किसी भी तरह काटकर या किसी अन्य प्रयास से खोलने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन अभी नहीं खुल पाया है. दो-तीन बार कोशिश की जा चुकी है.
कई दिनों से स्ट्रांग रूम को खोलने की कोशिश की जा चुकी है लेकिन लॉकर रूम आसानी से नहीं खुल पाया है. यह प्रक्रिया निरंतर जारी है. लॉकर को काटने की कोशिश की जा रही है लेकिन अभी कामयाबी नहीं मिली है.
लंदन की एक मशहूर कंपनी है चब, जिसे किंग जॉर्ज चतुर्थ ने एक जहाज बनाने वाली कंपनी को कहा था कि वह लॉकर बनाएं. वह मशहूर कंपनी है. पुरानी बड़े-बड़े बैंकर्स को उन्होंने लॉकर सप्लाई किए हैं तो हमने उसके बारे में जानकारी की. यह सब बातें पता चली बाकी यह देखने वाली बात होगी कि वह खुल पाएगा या नहीं.
यह लॉकर चारों तरफ से लोहे की दीवारों से बना हुआ है और बिना चाबी के खोले जाना यह कंपनी का चैलेंज भी है कि बिना चाबी के उसे खोले जाना आसान नहीं है. वह इतना स्ट्रांग है कि बम ब्लास्ट का भी उस पर असर नहीं होगा. ऐसी बात उस कंपनी चब द्वारा कही जाती है.