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पाकिस्तान की राजधानी में मंदिर की मांग तेज, इमरान तक पहुंचा मामला

aajtak.in
  • 13 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:32 AM IST
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पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रहने वाले हिंदू समुदाय ने राजधानी में मंदिर बनाने की अपनी मांग को फिर से उठाया है. इस्लामाबाद हिंदू पंचायत के अध्यक्ष महेश कुमार ने कहा है कि हम अपने धार्मिक अनुष्ठानों को करने के लिए संघीय राजधानी में एक मंदिर चाहते हैं.

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आईएनएस ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि महेश कुमार ने इस्लामाबाद के अधिकारियों से मंदिर निर्माण में सहयोग देने की अपील की है. कुमार ने कहा कि हिंदू पंचायत ने प्रधानमंत्री इमरान खान से भी मंदिर बनवाने में मदद देने का आग्रह किया है.

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उन्होंने कहा कि संघीय राजधानी में हिंदू समुदाय का यह संवैधानिक हक है कि उसका अपना मंदिर हो. उन्होंने कहा कि 'मदीना की रियासत' में सभी को इनसाफ पाने का हक है.

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दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कहते रहे हैं कि वह 'पाकिस्तान को मदीना में स्थापित इस्लाम की पहली सरकार के समय की न्यायप्रिय व्यवस्था जैसी व्यवस्था देना चाहते हैं जिसकी बुनियाद पैगंबर मोहम्मद साहब ने रखी थी'

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इस्लामाबाद में लगभग तीन हजार हिंदू परिवार रहते हैं. 2016 में राजधानी विकास प्राधिकरण ने राजधानी के सेक्टर एच-9 में मंदिर के लिए भूमि आवंटित की गई थी. प्राधिकरण ने अनापत्ति प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया था.

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इतना ही नहीं मंदिर परिसर में हिंदू समुदाय के सामाजिक कार्यो के लिए एक प्रेक्षागृह व श्मशान स्थल भी बनाया जाना प्रस्तावित है लेकिन, शहर में हिंदू पंचायत के तत्कालीन अध्यक्ष ने कहा था कि उनके समुदाय के पास मंदिर निर्माण के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं.

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कुमार ने कहा कि हमने इस्लामाबाद में हिंदू समुदाय के समक्ष मौजूद मुद्दों के समाधान के लिए एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया है.

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रिपोर्ट के मुताबिक कुमार ने देश के हिंदू समुदाय को भारत से जोड़ने की 'रटी रटाई बातों' को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू अपने देश के प्रति वफादार हैं और सच्चे देशभक्त हैं.

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