महामारी कोरोना के इलाज के लिए दुनियाभर के तमाम देशों में वैक्सीन पर काम चल रहा है, लेकिन अभी सफलता नहीं मिली है. हालांकि कुछ वैक्सीन के ट्रायल एकदम आखिरी स्टेज में हैं. इसी बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत में बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित वैक्सीन के ट्रायल को लेकर मंजूरी दे दी है.
दरअसल, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन (COVISHIELD) के दूसरे
और तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ
इंडिया, पुणे को मंजूरी दी गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट में
बताया कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत में ऑक्सफोर्ड
यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन (कोविशील्ड) के ट्रायल करने के
लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को मंजूरी दे दी है.
यह सब तब हुआ
जब कोरोना वायरस पर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर गहन
मूल्यांकन किए गए. इसके बाद रविवार 2 अगस्त को SII को भारत के शीर्ष दवा
नियामक ने हरी झंडी दे दी है.
कौन सी हो वो वैक्सीन:
पुणे का
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दुनिया की एक बड़ी वैक्सीन निर्माता है, जो
उत्पादित और बेची जाने वाली खुराक की संख्या के अनुसार है. इसने
ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्रा जेनेका के सहयोग से जेनर इंस्टीट्यूट
(ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी) द्वारा विकसित संभावित वैक्सीन के निर्माण के लिए
एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
उधर ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड
यूनिवर्सिटी कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल करने के करीब
पहुंचती दिख रही है. ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ट्रायल में सुरक्षित और इम्यून
को मजबूत करने में सफल साबित हुई है. इसके नतीजे बेहद उत्साहजनक रहे.
परीक्षण
में करीब 1,077 लोगों को शामिल किया गया और पाया कि जिन्हें वैक्सीन दी गई
उनमें एंटीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स बने जो कोरोना वायरस से लड़ने में
सक्षम थे. अन इसका ट्रायल होगा. ब्रिटेन ने पहले ही वैक्सीन की 10 करोड़
डोज सुरक्षित कर ली हैं. भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
को ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का उत्पादन करने का जिम्मा मिला था.
दुनियाभर
की बात करें तो एक तरफ जहां कई वैक्सीन अपने अंतिम चरण या एडवांस स्टेज
में पहुंचने वाली हैं, वहीं ऑक्सफोर्ड वैक्सीन इस चरण में पहले से ही है.
अगर सब कुछ सही रहा तो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा
तैयार ये वैक्सीन सितंबर तक लोगों के लिए आ जाएगी.
यहां ये भी बता
दें कि यह वही वैक्सीन है जिसने कोरोना वायरस के प्रति दोहरा मार करने की
सफलता हासिल की थी. कंपनी के प्रमुख अदार पूनावाला ने भी कहा है कि इस
वैक्सीन का आधा उत्पाद भारत के मरीजों को मिलेगा.
पिछले दिनों
न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में अदार पूनावाला ने कहा कि
ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों के साथ 500 डो़ज हर मिनट बनाने की तैयारी है.
मुझे दुनिया भर के राष्ट्रध्यक्षों, राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और
हेल्थ मिनिस्टर्स के फोन आ चुके हैं. सभी वैक्सीन का पहला बैच मांग रहे
हैं. मेरे पास लगातार फोन आ रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा था कि ट्रायल सफल होने की स्थिति में हम भारत में 50 करोड़ से अधिक
वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे.