थाईलैंड से जापान तक... भारत ही नहीं, इन 5 देशों में भी मनाते हैं गणपति उत्सव

गणेश चतुर्थी 2025 इस बार 27 अगस्त को मनाई जाएगी. गणपति बप्पा की पूजा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ की जाती है. भारत से बाहर भी कई देशों में गणेश उत्सव का खास महत्व है.

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आस्था और प्रेम का उत्सव (Photo- Pixabay) आस्था और प्रेम का उत्सव (Photo- Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

Ganesh Chaturthi 2025: गणपति बप्पा की पूजा सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में भी होती है. वहां भी लोग बप्पा को आस्था और श्रद्धा के साथ मानते हैं. इस साल गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025, बुधवार को मनाई जाएगी. अगर आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं और इस बार गणेशोत्सव को किसी नए अंदाज़ में मनाना चाहते हैं, तो भारत के बाहर भी कई जगहें हैं, जहां गणपति उत्सव बेहद खास तरीके से मनाया जाता है. यहां की संस्कृति, परंपराएं और लोगों की आस्था आपको जरूर आकर्षित करेंगी.

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1. थाईलैंड

थाईलैंड में भगवान गणेश को फ्रा-फिकानेत या फ्रा-फिकानेसुआन के नाम से पूजा जाता है. यहां गणेश जी का सबसे पुराना उल्लेख 10वीं शताब्दी में मिला, जब फांग-ना से उनकी कांस्य प्रतिमा खोजी गई थी. इतना ही नहीं थाईलैंड के चाचोएंगसाओ शहर को गणेश सिटी कहा जाता है, क्योंकि यहां भगवान की विशाल प्रतिमाएं स्थापित हैं. भारत की तरह यहां भी लोग गणेश जी को बाधाओं को दूर करने वाले और सफलता देने वाले देवता मानते हैं.

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2. नेपाल

नेपाल में गणेश जी की आस्था बहुत गहरी है और देशभर में उनके कई भव्य मंदिर बने हुए हैं. यहां काठमांडू घाटी का कमलादि गणेश मंदिर सबसे लोकप्रिय माना जाता है. इतना ही नहीं इस मंदिर को श्वेत गणेश के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मंगलवार को यहां दर्शन करना बेहद शुभ होता है. इसके अलावा यहां हर मंगलवार को यहां भारी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं और बप्पा से बुद्धि, सफलता और समृद्धि की कामना करते हैं.

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3. इंडोनेशिया

इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर भगवान गणेश की पूजा एक तांत्रिक देवता के रूप में की जाती थी. यहां 14वीं और 15वीं शताब्दी में बौद्ध और शैव धर्म के मिश्रण के रूप में यह परंपरा विकसित हुई. इतना ही नहीं पहले यहां के 20 हजार के नोट पर गणेशजी की तस्वीर थी. इसके अलावा पूर्वी जावा के माउंट ब्रोमो के पास उनकी 700 साल पुरानी प्रतिमा आज भी मौजूद है, जो आस्था और इतिहास दोनों का प्रतीक है.

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4. श्रीलंका

श्रीलंका में गणेश जी को पिल्लयार कहा जाता है और विशेष रूप से तमिल बहुल इलाकों में उनकी पूजा होती है. यहां भगवान गणेश के 14 प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं. इसके अलावा कोलंबो के पास केलान्या गंगा नदी के किनारे बने कई प्रसिद्ध बौद्ध मंदिरों में भी गणेश जी की मूर्तियां स्थापित हैं. यहां लोग गणेश जी को बाधा नाशक और सुख-समृद्धि देने वाले देवता के रूप में मानते हैं.

5. जापान

जापान में गणेश जी को कांगितेन कहा जाता है और माना जाता है कि वे 8वीं शताब्दी में भारत से यहां पहुंचे थे. कांगितेन को सौभाग्य और समृद्धि का देवता माना जाता है. इतना ही नहीं यहां व्यापारी, अभिनेता और कलाकार विशेष रूप से उनकी पूजा करते हैं. इसके अलावा जापानी संस्कृति में गणेश जी को एक अनोखे रूप में दर्शाया गया है.

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