2026 में यूरोप जाने का हैं प्लान, जानें भारतीयों के लिए क्या-क्या बदलने वाला है

साल 2026 से यूरोप जाने वाले भारतीय यात्रियों को कई बड़े बदलावों के लिए तैयार रहना होगा. ऐसे में अगर आप अगले साल यूरोप जाने का प्लान बना रहे हैं, तो इन नए बदलावों को जानना बेहद जरूरी है, वरना आपकी छुट्टियां शुरू होने से पहले ही मुश्किल में पड़ सकती हैं.

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2026 से यूरोप में एंट्री के लिए  लागू होंगे नए नियम (Photo: Pexels) 2026 से यूरोप में एंट्री के लिए लागू होंगे नए नियम (Photo: Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 13 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

अगर आपने 2026 में यूरोप घूमने का प्लान बनाया है, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. दरअसल, अगले साल से आपकी यूरोप यात्रा पूरी तरह बदलने वाली है. हवाई अड्डे पर उतरते ही आपको इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा, क्योंकि नई लाइनें, फिंगरप्रिंट चेक, डिजिटल अप्रूवल, यहां तक कि आपके होटल बिल में भी बढ़ोतरी होने वाली है.

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भारतीय यात्रियों के लिए भले ही वीजा की कागजी कार्यवाही वैसी ही रहे, लेकिन यात्रा करने का तरीका अब अलग होगा. कई बड़े शहरों में लंबी-लंबी कतारें, बढ़ती लागत और बोर्डिंग से पहले कुछ नए चरण आपकी छुट्टियों का मजा किरकिरा न कर दें, इसलिए इन 5 बड़े बदलावों को पहले ही जान लेना आपके लिए बहुत जरूरी है.

1. पासपोर्ट पर मुहर नहीं अब होगा डिजिटल चेक

दरअसल अप्रैल 2026 से, यूरोपीय संघ (European Union) में एक नई प्रवेश और निकास प्रणाली (Entry/Exit System - EES) शुरू हो रही है. अब आपके पासपोर्ट पर मुहर (Stamp) नहीं लगेगी. इसके बजाय, आपके आने और जाने का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा. ऐसे में अगर आप पहली बार यूरोप जा रहे हैं, तो आपको एयरपोर्ट पर उंगलियों के निशान और चेहरे की तस्वीर देनी होगी. इस नई प्रक्रिया में शुरू में समय लग सकता है. इसके अलावा पेरिस, एम्स्टर्डम और फ्रैंकफर्ट जैसे व्यस्त एयरपोर्ट पर खास करके गर्मियों में लंबी कतारें लग सकती हैं. हालांकि, एक बार आपका डिजिटल प्रोफाइल बन जाने के बाद, अगली बार आपकी एंट्री जल्दी हो जाएगी.

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2. कुछ यात्रियों के लिए नया ऑनलाइन अप्रूवल

2026 के आखिर तक, ETIAS नाम की एक नई ऑनलाइन स्वीकृति प्रणाली शुरू हो जाएगी. यह उन यात्रियों के लिए है, जिन्हें आमतौर पर शेंगेन (Schengen) देशों में बिना वीजा के एंट्री मिल जाती है. यह नियम भारतीय वीजा धारकों के लिए वीज़ा का विकल्प नहीं है, इसलिए भारतीयों पर सीधा असर नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर आप किसी ऐसे ग्रुप के साथ यात्रा कर रहे हैं, जिसमें वीजा-मुक्त देश के लोग हैं, तो उन्हें यात्रा से पहले एक छोटा ऑनलाइन फॉर्म भरकर मामूली फीस देनी होगी. इसलिए ग्रुप में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि सबके पास जरूरी अप्रूवल हो.

3. यूके में भी लागू होगा नया ऑनलाइन पास

फरवरी 2026 से, यूनाइटेड किंगडम (UK) भी बिना वीजा के आने वाले यात्रियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन (ETA) नामक एक ऑनलाइन स्वीकृति को अनिवार्य कर रहा है.ऐसे में अगर आपके पास पहले से ही UK वीजा है, तो आप उसी पुरानी प्रक्रिया का पालन करेंगे. लेकिन जो भारतीय यात्री यूरोप जाते समय लंदन से होकर गुजरते हैं (भले ही यूके में रुके नहीं), उन्हें इस अतिरिक्त ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में जरूर पता होना चाहिए.

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4. शहरों में बढ़ेगा टूरिज्म टैक्स

यूरोप के कई लोकप्रिय शहरों में टूरिज्म टैक्स बढ़ रहे हैं. एम्स्टर्डम, बार्सिलोना और रोम ने पहले ही टैक्स बढ़ा दिए हैं और एडिनबर्ग भी 2026 में पहली बार यह टैक्स लागू करेगा. यह शुल्क आपके होटल के बिल में जोड़ा जाएगा, जिससे आपकी यूरोप यात्रा की कुल लागत बढ़ जाएगी. अगर आप खर्च कम करना चाहते हैं, तो आप मुख्य शहर की जगह आसपास के अच्छे कनेक्टिविटी वाले उपनगरों में होटल लेने पर विचार कर सकते हैं.

5. बुल्गारिया में भी अब यूरो चलेगा

1 जनवरी 2026 से, बुल्गारिया अपनी स्थानीय मुद्रा 'लेव' को छोड़कर यूरो को अपना लेगा. ऐसे में अगर आप एक ही यात्रा में कई यूरोपियन देश घूमते हैं, तो यह एक बड़ी सुविधा है. अब आपको बुल्गारिया के लिए अलग से पैसे बदलने की जरूरत नहीं होगी. हालांकि, शुरू में हो सकता है कि कुछ छोटी दुकानें पुरानी मुद्रा (लेव) को भी स्वीकार करें, क्योंकि यह बदलाव धीरे-धीरे लागू होगा.

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