स्मार्टफोन्स के साथ बैटरी की चुनौती हमेशा से रही है. आज कंपनियों ने 7000mAh या बड़ी बैटरी फोन में देना शुरू कर दिया है. इससे बैटरी बैकअप की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है, लेकिन बैटरी की लाइफ एक बड़ी चुनौती अब भी है. यानी बैटरी का जल्दी खराब हो जाना. (Photo: Pixabay)
ज्यादातर स्मार्टफोन्स के साथ ये दिक्कत देखने को मिलती है. तो क्या ये मान लेना कि स्मार्टफोन की बैटरी जल्द खराब हो जाती है ठीक होगा? दरअसल, बैटरी के जल्द खराब होने की एक वजह हमारा फोन चार्जिंग का तरीका भी होता है. (Photo: Pixabay)
फोन चार्जिंग में लोग ऐसी गलतियां करते हैं, जिसकी वजह से उनके फोन की बैटरी जल्द खराब होती है. हम आपको चार्जिंग से जुड़ी ऐसी कुछ आम गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जो ज्यादातर लोग करते हैं. (Photo: Unsplash)
लोगों को लगता है कि फोन को फुल चार्ज करना बहुत जरूरी है. हालांकि, आपको ऐसा नहीं करना चाहिए. ये नियम पुरानी निकेल बैटरी के लिए था. फोन को 100 परसेंट चार्ज करने से बेहतर है कि आप इसे 80 फीसदी तक ही चार्ज करें. (Photo: Unsplash)
पूरी रात फोन को चार्ज पर लगाकर छोड़ना एक बुरी आदत है, जो बहुत से लोगों में होती है. इसकी वजह से आपके फोन की बैटरी की लाइफ घट जाती है. इससे फोन छोटी-छोटी साइकिल पर बार-बार चार्ज होता रहा है और बैटरी की परफॉर्मेंस प्रभावित होती है. (Photo: Unsplash)
गेमिंग, वीडियो एडिटिंग या स्ट्रीमिंग करते हुए फोन को चार्ज नहीं करना चाहिए. आसान भाषा में कहें, तो फोन को हैवी टास्क करते हुए चार्ज नहीं करना चाहिए. हालांकि, बहुत से फोन PD चार्जिंग या बायपास चार्जिंग के साथ आते हैं, लेकिन ये फीचर महंगे फोन्स में मिलता है. (Photo: Unsplash)
फोन को बहुत ज्यादा गर्म ना होने दें. इसे ठंडा रखने से बैटरी की लाइफ बेहतर होगी. साथ ही फोन की परफॉर्मेंस भी बेहतर बन रहेगी. इसके अलावा फास्ट चार्जिंग की वजह से भी बैटरी की लाइफ कम होती है. यही कारण है कि ऐपल और सैमसंग के फोन्स में आपको बहुत ज्यादा फास्ट चार्जिंग नहीं मिलती है. (Photo: Unsplash)
फोन की चार्जिंग में हमेशा ओरिजनल एक्सेसरीज का इस्तेमाल करें. लोकल चार्जर और केबल आपकी मामूली बचत तो करा सकते हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में इनसे नुकसान होगा. इसके साथ ही कभी-कभी आपको अपना फोन पूरी तरह से डिस्चार्ज होने देना चाहिए. (Photo: Unsplash)