‘ग्रासकोर्ट के बादशाह’ रोजर फेडरर का ऑल इंग्लैंड क्लब पर अमूमन दर्शकों ने खड़े होकर अभिवादन किया है, लेकिन इस बार क्वार्टर फाइनल में उनकी अप्रत्याशित हार के बाद यह अभिवादन विदाई जैसा लग रहा था. 8 बार के चैम्पियन इस महान खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि उन्हें पता नहीं है कि वह अगला विम्बलडन खेल सकेंगे या नहीं.
फेडरर को 14वीं वरीयता प्राप्त पोलैंड के ह्यूबर्ट हरकाज ने 6-3, 7-6, 6-0 से हराया. टूर्नामेंट में 22वीं बार उतरे फेडरर की रवानगी आश्चर्यजनक रूप से एकतरफा हार के साथ रही. यह वह फेडरर नहीं था, जिसके देखने की दुनियाभर के टेनिसप्रेमियों को आदत रही है. पिछले साल घुटने के ऑपरेशन के बाद से वह सिर्फ 8 मैच खेले हैं. ठीक एक महीने बाद अपना 40वां जन्मदिन मनाने जा रहे फेडरर से रैकेट से वैसे स्ट्रोक्स नहीं निकले, जिन्होंने उन्हें 20 बार ग्रैंड स्लैम चैम्पियन बनाया.
यह पूछने पर कि क्या यहां उनका यह आखिरी मैच था, फेडरर ने कहा ,‘पता नहीं, मुझे सच में नहीं पता. मुझे आत्ममंथन करना होगा.’ टेनिस से संन्यास की संभावना पर उन्होंने कहा, ‘अभी नहीं. उम्मीद है कि अभी नहीं. अभी खेलने का लक्ष्य है.’
अपने 429 ग्रैंड स्लैम मैच में फेडरर ने तीसरी बार ही कोई सेट 6-0 से गंवाया. इससे पहले दोनों बार फ्रेंच ओपन में ऐसा हुआ था. मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में फेडरर ने कहा, ‘पिछले कुछ मैच अपेक्षा के अनुरूप नहीं थे. मुझे इस तरह के हालात की आदत नहीं है. यहां तो कतई नहीं.’
फेडरर को अपना आदर्श मानने वाले हरकाज ने कहा कि उन्होंने इस नतीजे की कल्पना नहीं की थी.
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