पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के 10 साल के खिताबी सूखे को खत्म करने वाले श्रेयस अय्यर इस बार पंजाब किंग्स (KKR) के लिए ट्रॉफी जीतने से चूक गए... वो भी बेहद मामूली अंतर से. लेकिन उन्होंने खुद को एक ऐसे कप्तान के रूप में स्थापित कर लिया है, जिसकी टीम इंडिया को शायद भविष्य में जरूरत हो सकती है. हालांकि
उन्हें इस महीने इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली है.
धोनी जैसा संयम और कोहली जैसा आक्रामक रवैया
मंगलवार को आईपीएल के फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाफ 6 रनों से हार के बावजूद अय्यर के आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं दिखी. अय्यर की कप्तान में अपनी समझदारी के साथ करिश्माई महेंद्र सिंह धोनी जैसा संयम और विराट कोहली जैसा आक्रामक रवैया के साथ मुंबई के उनके सीनियर रोहित शर्मा की तरह एक ‘बिंदास मुंबईकर’ के मिश्रण का पुट दिखा.
केकेआर ने पिछले साल उन्हें जाने दिया क्योंकि फ्रेंचाइजी को बड़ी रिटेंशन फीस (टीम में बनाए रखने की रकम) की उनकी मांग उचित नहीं लगी. केकेआर का यह नुकसान पंजाब किंग्स के लिए एक बड़ा फायदा साबित हुआ.पंजाब की टीम को 30 साल के खिलाड़ी के रूप में एक समझदार और जज्बे वाला कप्तान मिला. ऐसा कप्तान जो करियर के उतार-चढ़ाव को शालीनता से संभालना जानता हो.
दूसरी तरफ, शुभमन गिल की कप्तानी की परीक्षा अभी नहीं हुई है. उन्हें इंग्लैंड में कप्तान के रूप में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. लेकिन 3 जून 2025 के बाद श्रेयस अय्यर को भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक माना जाना चाहिए.
पोंटिंग का बयान- वह हर मैच को जीतना चाहता है
इंग्लैंड के लिए टीम में उनका न होना पंजाब किंग्स के कोच रिकी पोंटिंग के लिए भी काफी हैरानी भरा रहा. पोंटिंग ने आईपीएल प्लेऑफ से पहले ‘आईसीसी रिव्यू’ में कहा था, ‘मैं वास्तव में बहुत दुखी था, लेकिन उसने इसे बहुत अच्छे से स्वीकार कर लिया है और वह आगे बढ़ गया है.’ उन्होंने कहा, ‘उनकी आंखों में हर बार अच्छा प्रदर्शन करने की ललक रहती है. वह हर मैच को जीतना चाहता है और एक सर्वश्रेष्ठ कप्तान के रूप में विकसित होना चाहता है.’
दो बार के विश्व कप विजेता कप्तान का यह बयान काफी मायने रखता है. पोंटिंग ने यह बात सिर्फ अपने फ्रेंचाइजी कप्तान का समर्थन करने के लिए नहीं कही. इन दोनों के बीच काफी पुराना रिश्ता है. 2017 में जब गौतम गंभीर ने बीच सीजन में कप्तानी छोड़ने का फैसला किया, तो पोंटिंग की सलाह पर ही अय्यर दिल्ली आईपीएल फ्रेंचाइजी के कप्तान बने. उन्हीं की कप्तानी में दिल्ली की फ्रेंचाइजी 2020 में आईपीएल फाइनल में पहुंची जो इस टीम की इस लीग की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है.
चोट के कारण ब्रेक लेने के बाद कैपिटल्स (DC) ने फैसला किया कि वे उन्हें टीम में बरकरार रख ऋषभ पंत को खोने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं. पंत उस समय के उभरते सितारे थे और कप्तानी की महत्वाकांक्षा रखते थे.
अय्यर को KKR के खिताब का ज्यादा श्रेय नहीं मिला था
अय्यर इसके बाद केकेआर के कप्तान बने और टीम 2024 में चैम्पियन बनी. अय्यर को हालांकि इस खिताब का ज्यादा श्रेय नहीं मिला क्योंकि उन्होंने टीम की जरूरतों के हिसाब से निचले क्रम में बल्लेबाजी की.टीम के तत्कालीन मेंटोर और भारतीय टीम के मौजूदा कोच गंभीर को रणनीतिक सूझबूझ के लिए ज्यादा श्रेय मिला. कप्तान के सहज निर्णय और समझदारी पर किसी का ज्यादा ध्यान नहीं गया.
कोई खिलाड़ी हालांकि दो अलग-अलग फ्रेंचाइजी टीमों का नेतृत्व करते हुए अलग-अलग प्रबंधन, अलग-अलग विचारधारा और खिलाड़ियों की बदलती सूची के साथ लगातार दो सीजन में फाइनल तक पहुंचता है तो उसकी रणनीतिक प्रतिभा को लंबे समय तक अनदेखा नहीं किया जा सकता है.
... कप्तान अय्यर को मैच की परिस्थितियों की समझ
अय्यर को आखिरकार इस सीजन में उनका हक मिल गया. इससे यह भी साफ हो गया कि मैच की परिस्थितियों की समझ और रणनीति पर उनकी पकड़ बेजोड़ थी. उन्हें पता था कि जिन पिचों पर उछाल की कमी है, वहां काइल जेमीसन की ‘बैक ऑफ द लेंथ’ गेंदें कारगर साबित होंगी और यह मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ.
गुजरात टाइटन्स (GT) के खिलाफ उन्होंने वैशाक विजय कुमार से बार-बार वाइड यॉर्कर डालने को कहा और यह कारगर साबित हुआ. क्वालिफायर-2 में मुंबई इंडियंस के खिलाफ उन्होंने उनसे नकल बॉल से अपनी गेंदों की गति कम करने को कहा और यह फिट भी बैठा.
उन्होंने दिखाया है कि रोहित शर्मा के वनडे से संन्यास लेने के बाद उन्हें टीम की कप्तानी के लिए मजबूत उम्मीदवार माना जा सकता है. वह 50 ओवरों के फॉर्मेट में बेहतरीन बल्लेबाज हैं और जब टी20 या टेस्ट की बात आती है तो वह जल्द ही दोनों प्रारूपों की टीम में जगह बनाने का माद्दा रखते है.
अभिषेक नायर की देखरेख में उनके बल्लेबाजी की मानसिक पहलू को मजबूती मिली है, जबकि बचपन के कोच प्रवीण आमरे ने भारतीय टीम से दूर रहने के दौरान उनके खेल में सुधार करने पर काफी मेहनत किया है. अय्यर के एक करीबी दोस्त ने कहा, ‘वह अमूमन खाली समय में अपने हाथ में बल्ला लेकर मैच जैसी स्थिति और गेंद की कल्पना कर शॉट का अभ्यास करता है.’
‘हम लड़ाई हारे हैं, युद्ध नहीं.’ यह बयान वायरल हुआ था
अय्यर को मैच में अपना शत प्रतिशत नहीं देने वाले खिलाड़ी (क्वालिफायर-2 में शशांक सिंह का रन आउट) के खिलाफ भड़कते हुए देखा गया तो वहीं वह प्रियांश आर्य जैसे युवा के कंधे पर हाथ रखकर उसे अपना स्वाभाविक स्ट्रोक खेलने के प्रेरित करते भी दिखे.
पंजाब किंग्स जब पहले क्वालिफायर में आरसीबी से हार गया था तो उन्होंने कहा था, ‘हम लड़ाई हारे हैं, युद्ध नहीं.’ उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और उन्होंने क्वालिफायर-2 में मुंबई इंडियंस के खिलाफ नाबाद 87 रनों की पारी खेल कर इसे सही भी साबित किया.
इनपुट: पीटीआई
aajtak.in