ल करने का भरोसा है. अगर मुख्य मलबा मिला तो मलेशिया 70 मिलियन डॉलर (करीब 600 करोड़ रुपये) देगा. परिवार वाले खुश हैं. चीनी परिवार के सदस्य जियांग ह्यूई ने कहा कि हम सरकार और कंपनी की कोशिशों का स्वागत करते हैं. चीन सरकार ने भी मलेशिया का धन्यवाद दिया. उम्मीद है कि इस बार कुछ तो हाथ लग जाए.
MH370 का रहस्य न सुलझने से थ्योरीज की बाढ़ आ गई. लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह की कहानियां गढ़ रहे हैं. यहां कुछ मुख्य थ्योरीज हैं...
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पायलट की साजिश: कैप्टन जाहरी अहमद शाह ने जानबूझकर प्लेन को दक्षिण की तरफ मोड़ा. 2016 में मलेशियन पुलिस रिपोर्ट में कहा गया कि उड़ान से एक महीने पहले उन्होंने सिमुलेटर पर इसी तरह की फ्लाइट प्रैक्टिस की थी. कुछ का मानना है कि यह सुसाइड मिशन था. लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं.
अमेरिकी साजिश (डिएगो गार्सिया आइलैंड): थ्योरी कहती है कि यूएस नेवी ने प्लेन को हाईजैक कर डिएगो गार्सिया मिलिट्री बेस पर उतारा. वजह? चीनी पैसेंजर्स में हैकर्स थे जो अमेरिका पर साइबर अटैक कर रहे थे. लेकिन यह बेस हिंद महासागर में है. कोई सबूत नहीं मिला.
हाईजैकिंग या आतंकवाद: प्लेन को उत्तरी कोरिया या अफगानिस्तान ले जाया गया, जहां पैसेंजर्स को बंधक बनाया. रूसी अखबार ने दावा किया कि अनजान आतंकियों ने ऐसा किया. लेकिन डेब्री मिलने से यह थ्योरी कमजोर पड़ गई.
रूसी प्लॉट: कुछ का कहना है कि रूस ने प्लेन को यूक्रेन में गिराया. MH17 (जो 2014 में यूक्रेन क्रैश हुआ) वही MH370 था. दोनों बोइंग 777 थे, इसलिए कन्फ्यूजन है. लेकिन जांच में साफ हो गया कि MH17 अलग था.
एलियन थ्योरी: एलियन अब्डक्शन! कुछ अमेरिकियों का मानना है कि एलियंस ने प्लेन चुरा लिया. या फिर CIA ने डायवर्ट किया. एक किताब और फिल्में भी ऐसी थ्योरीज पर बनीं. लेकिन ये सब बिना सबूत की कल्पनाएं हैं.
विशेषज्ञ कहते हैं कि ज्यादातर थ्योरीज डेब्री और सैटेलाइट डेटा से मेल नहीं खातीं. 2018 की मलेशियन रिपोर्ट में कहा गया कि कंट्रोल्स को जानबूझकर बदला गया, लेकिन किसने – यह रहस्य है.
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MH370 के परिवार आज भी न्याय मांग रहे हैं. वे मलेशिया एयरलाइंस, बोइंग और इंश्योरेंस कंपनियों से मुआवजा चाहते हैं. हर साल 8 मार्च को स्मृति सभा होती है. एक परिवार ने कहा कि हमें सिर्फ जवाब चाहिए, ताकि मन को शांति मिल सके.
अगर नई खोज सफल रही तो न सिर्फ MH370 का रहस्य सुलझेगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के सबक मिलेंगे. लेकिन अगर फिर असफल हुई तो साजिश थ्योरीज और बढ़ेंगी. दुनिया की नजरें दक्षिणी हिंद महासागर पर टिकी हैं. क्या 11 साल बाद सच सामने आएगा?
ऋचीक मिश्रा