Q&A: साइक्लोन मोंथा-हरिकेन मेलिसा कहां से आए, क्यों ये नाम पड़े, कितनी तबाही मचा सकते हैं?

2025 में बंगाल की खाड़ी से उठा साइक्लोन मोंथा आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहा है. हवाएं 100 किमी/घंटा से चलने की उम्मीद. भारी बारिश से बाढ़ का खतरा भी है. वहीं, अटलांटिक का हरिकेन मेलिसा कैटेगरी 5 का समुद्री तूफा है. 282 किमी/घंटा की हवाओं से जमैका में तबाही ला सकता है. दोनों गर्म समुद्र से बने हैं. दोनों का अंतर समझते हैं.

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हरिकेन मेलिसा की वजह से जमैका के किंग्सटन में समंदर में उठती तेज लहरें. (Photo: AFP) हरिकेन मेलिसा की वजह से जमैका के किंग्सटन में समंदर में उठती तेज लहरें. (Photo: AFP)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

साइक्लोन मोंथा (2025 का बंगाल की खाड़ी का तूफान) और हरिकेन मेलिसा (2025 का अटलांटिक महासागर का तूफान) आया हुआ है. ये दोनों समुद्री तूफान हैं जो तेज हवाओं, भारी बारिश और बाढ़ लाते हैं. लेकिन इनमें कुछ फर्क हैं - जैसे नामकरण, जगह और ताकत. 

Q1: चक्रवात (साइक्लोन) क्या होता है? हरिकेन (तूफान) से इसका फर्क क्या है?

चक्रवात एक बड़ा घूमता हुआ तूफान है जो गर्म समुद्री पानी से बनता है. इसमें हवाएं 63 किमी/घंटा से ज्यादा तेज चलती हैं. ये उत्तरी हिंद महासागर (जैसे बंगाल की खाड़ी) में बनते हैं. हरिकेन भी वैसा ही तूफान है, लेकिन ये अटलांटिक महासागर या पूर्वी प्रशांत में बनता है.

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  • मुख्य फर्क: नाम अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से - भारत/बंगाल में 'चक्रवात', अमेरिका/अटलांटिक में 'हरिकेन'.
  • दोनों की ताकत मापने का पैमाना थोड़ा अलग: चक्रवात को 'वेरिकेल' (V1 से V5) कहते हैं, हरिकेन को 'सैफिर-सिंपसन स्केल' (Cat 1 से Cat 5)। दोनों ही तबाही मचाते हैं - हवाएं, बाढ़, समुद्री लहरें.

Q2: साइक्लोन मोंथा कहां से आया था? इसकी शुरुआत कैसे हुई?

साइक्लोन मोंथा 2025 में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से से आया. अक्टूबर के आखिर में एक कम दबाव वाला क्षेत्र बना, जो गर्म समुद्री पानी (28-30°C) और नम हवा से तेजी से बढ़ा. ये डीप डिप्रेशन से साइक्लोनिक स्टॉर्म बन गया. ये आंध्र प्रदेश की तरफ बढ़ रहा है. 28 अक्टूबर की शाम या रात को काकीनाडा के पास टकराने वाला है.

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  • फर्क हरिकेन से: मोंथा भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने ट्रैक किया, जबकि हरिकेन अमेरिकी NHC (नेशनल हरिकेन सेंटर). मोंथा बंगाल की खाड़ी में ही घूमा, हरिकेन अक्सर अफ्रीका तट से शुरू होते हैं.

Q3: हरिकेन मेलिसा कहां से आया? 2025 में ये कैसे बना?

हरिकेन मेलिसा 2025 के अटलांटिक तूफान सीजन का पांचवां हरिकेन है. ये अक्टूबर की शुरुआत में पश्चिम अफ्रीका तट से निकली 'ट्रॉपिकल वेव' (एक लहर जैसी हवा) से बना. 25-26 अक्टूबर को ये तेजी से बढ़ा और कैटेगरी 5 बन गया. अभी (28 अक्टूबर 2025) ये कैरिबियन की तरफ बढ़ रहा है, जमैका में 29 अक्टूबर को टकराने वाला है. हवाएं 282 किमी/घंटा तेज. 

  • फर्क साइक्लोन से: मेलिसा अफ्रीका से समुद्र पार करके आया. मोंथा बंगाल की खाड़ी में ही घूमा. हरिकेन में 'आई' (आंख) साफ दिखती है, जो शांत केंद्र होता है.

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Q4: साइक्लोन और हरिकेन के नाम क्यों रखे जाते हैं? ये कैसे चुनते हैं?

नाम रखने से लोग आसानी से तूफान को पहचानते हैं. चेतावनी फैलाते हैं. साइक्लोन (भारतीय महासागर): विश्व मौसम संगठन (WMO) के 13 देश (जैसे भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश) नाम सुझाते हैं. नाम छोटे, आसान और सांस्कृतिक होते हैं.

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  • हरिकेन (अटलांटिक): WMO का हरिकेन कमेटी हर 6 साल में नामों की लिस्ट बनाता है - पुरुष/महिला नाम बारी-बारी. अगर तूफान बहुत तबाही मचाए, तो नाम रिटायर कर देते हैं (जैसे कैटरीना).
  • फर्क: साइक्लोन नाम देशों से जुड़े (जैसे मोंथा थाईलैंड से), हरिकेन नाम सामान्य (जैसे मेलिसा).

Q5: साइक्लोन मोंथा का नाम 'मोंथा' क्यों पड़ा? इसका मतलब क्या है?

मोंथा नाम थाईलैंड ने WMO को सुझाया. थाई भाषा में इसका मतलब सुगंधित फूल या सुंदर फूल है. नाम छोटा, याद रखने लायक. जब हवाएं 62 किमी/घंटा पहुंचीं, तो ये नाम दिया गया. मोंथा अभी टकराने वाला है, लेकिन नाम रिटायर होने का खतरा है अगर नुकसान ज्यादा हुआ.

  • फर्क हरिकेन से: मोंथा का नाम फूल से जुड़ा (सांस्कृतिक), जबकि मेलिसा एक साधारण लड़की का नाम है - कोई खास कहानी नहीं.

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Q6: हरिकेन मेलिसा का नाम 'मेलिसा' क्यों पड़ा? ये लिस्ट में कहां आता है?

मेलिसा 2025 की अटलांटिक नाम लिस्ट का 13वां नाम है (मार्को, नाना, ओमार के बाद). ये WMO की 6-वर्षीय लिस्ट से घूम-फिरकर आया. पहले 2019 में मेलिसा एक कमजोर तूफान था, लेकिन रिटायर नहीं हुआ. अगर 2025 वाला बहुत नुकसान करे, तो नाम बदल देंगे. नाम आसान उच्चारण के लिए चुने जाते हैं.

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  • फर्क साइक्लोन से: हरिकेन नाम रोटेट होते हैं, साइक्लोन नाम देशों के योगदान से नये बनते हैं. मेलिसा पुरुष नामों के बाद आया, साइक्लोन में लिंग का फिक्स पैटर्न नहीं.

Q7: साइक्लोन मोंथा की ताकत, रास्ता और मौसम कैसा था? कितनी तेज हवाएं?

मोंथा की चरम ताकत सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म है - हवाएं 90-100 किमी/घंटा, Gust 110 किमी/घंटा. 28 अक्टूबर 2025 को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास टकराएगा.

  • रास्ता: बंगाल की खाड़ी से उत्तर-पश्चिम, 10-15 फीट ऊंची समुद्री लहरें, 10-20 इंच बारिश.
  • फर्क हरिकेन से: मोंथा मध्यम चला (15-20 किमी/घंटा), मेलिसा धीमा लेकिन और तेज (5-10 मील/घंटा स्पीड, हवाएं दोगुनी). साइक्लोन में बारिश ज्यादा, हरिकेन में हवाएं.

Q8: हरिकेन मेलिसा की ताकत, रास्ता और मौसम क्या है? जमैका पर असर?

मेलिसा 2025 का सबसे ताकतवर तूफान - कैटेगरी 5, हवाएं 282 किमी/घंटा, दबाव 906 mb (बहुत कम, मतलब ताकतवर).

  • रास्ता: अफ्रीका से पश्चिम, कैरिबियन पार - पहले हैती/डोमिनिकन में बारिश, अब जमैका (29 अक्टूबर लैंडफॉल), फिर क्यूबा/बहामास. 40 इंच बारिश, 20 फीट समुद्री लहरें, भूस्खलन.
  • मौसम: गर्म समुद्र (30°C+), धीमी स्पीड से नुकसान बढ़ेगा.
  • फर्क साइक्लोन से: मेलिसा 'रैपिड इंटेंसिफिकेशन' (2 दिन में Cat 5), मोंथा धीरे-धीरे बढ़ा. हरिकेन में 'आई वॉल' (आंख की दीवार) ज्यादा खतरनाक.

Q9: साइक्लोन मोंथा ने कितनी तबाही मचा सकता है? मौतें, नुकसान क्या हो सकता है?

मोंथा अभी टकराने वाला है, लेकिन आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी तबाही की आशंका - भारी बारिश से फ्लैश फ्लड, हवाओं से बिजली लाइनें/घर टूटना, समुद्री लहरों से तटीय इलाके डूबना. हजारों लोग प्रभावित, फसलें/मत्स्य पालन बर्बाद. एनडीआरएफ तैनात, लाखों को निकाला जा रहा.

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  • नुकसान: $1-2 बिलियन अनुमानित, लेकिन जीरो मौत का लक्ष्य.
  • फर्क हरिकेन से: मोंथा गरीब तटीय इलाके बर्बाद करेगा, जहां तैयारी चल रही. हरिकेन में अक्सर अमीर देश प्रभावित, लेकिन मेलिसा गरीब द्वीपों को निशाना बना रहा.

Q10: हरिकेन मेलिसा कितनी तबाही मचा सकता है? अनुमानित नुकसान और सलाह?

मेलिसा जमैका का सबसे बुरा तूफान होगा - पहले ही हैती में 4 मौतें. अनुमान: $50-100 बिलियन नुकसान, हजारों घर बर्बाद, बाढ़-भूस्खलन से सैकड़ों मौतें. 30-40 इंच बारिश, 160-180 मील/घंटा हवाएं, बिजली-पानी कट. क्यूबा/हैती में और बुरा हाल. नाम रिटायर होने लायक. 

  • सलाह: ऊंचे इलाकों में जाएं, रेडियो सुनें, खाना-दवा स्टॉक रखें.
  • फर्क साइक्लोन से: मेलिसा धीमी स्पीड से ज्यादा देर रहेगा (इयान 2022 जैसा), मोंथा तेजी से गुजर जाएगा.
  • दोनों से बचाव: चेतावनी मानें, पेड़ लगाएं, जलवायु परिवर्तन रोकें.
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