62 लाख साल पहले लाल सागर रेगिस्तान था, फिर हिंद महासागर की बाढ़ ने उसे सागर बना दिया

62 लाख साल पहले लाल सागर पूरी तरह सूख गया, नमक संकट से समुद्री जीवन खत्म हो गया. 6.4 लाख साल बाद हिंद महासागर की भयंकर बाढ़ ने इसे भर दिया. पानी के नीचे 320 किमी लंबी घाटी काटी. ये धरती की सबसे चरम पर्यावरण घटना थी. समुद्री जीवन लौटा और हिंद महासागर से कनेक्शन स्थापित हुआ.

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ये तस्वीर मिस्र के सिनाई प्रांत के ऊपर एक विमान से ली गई है, जिसमें लाल सागर दिख रहा है. (File Photo: Getty) ये तस्वीर मिस्र के सिनाई प्रांत के ऊपर एक विमान से ली गई है, जिसमें लाल सागर दिख रहा है. (File Photo: Getty)

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

करीब 62 लाख साल पहले लाल सागर पूरी तरह सूख गया था. उसके बाद एक भयंकर बाढ़ ने इसे फिर से भर दिया, जो शायद सागर की तल में 320 किलोमीटर लंबी और गहरी घाटी भी काट दिया. ये धरती का सबसे एक्स्ट्रीम मौसम था.  

सऊदी अरब के किंग अब्दुल्लाह यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की रिसर्चर तिहाना पेन्सा ने कहा कि लाल सागर का बेसिन धरती पर सबसे चरम पर्यावरण घटनाओं में से एक रिकॉर्ड करता है, जब ये पूरी तरह सूख गया और फिर अचानक 62 लाख साल पहले भर गया. इस बाढ़ ने बेसिन को बदल दिया, समुद्री हालात बहाल किए और लाल सागर को हिंद महासागर से स्थायी कनेक्शन दिया.

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लाल सागर कैसे बना? एक छोटी सी कहानी

लाल सागर की शुरुआत 3 करोड़ साल पहले हुई. अफ्रीका और अरब की टेक्टॉनिक प्लेट्स (प्लेटें) अलग होने लगीं, जिससे ये एक गहरी घाटी बनी. इसमें झीलें थीं. करीब 2.3 करोड़ साल पहले भूमध्य सागर ने इसे भर दिया. लेकिन 60 लाख साल पहले कुछ ऐसा हुआ जिससे सब बदल गया.

नमक का संकट: सागर सूखा, जीवन खत्म

60 लाख साल से ठीक पहले लाल सागर में 6 लाख 40 हजार साल का 'नमक संकट' आया. समुद्र का स्तर गिर गया. नमक का स्तर आसमान छू गया. कुछ जगहों पर 2 किलोमीटर तक गहरा नमक जमा हो गया. समुद्री जीवन मर गया. नया अध्ययन बताता है कि ये सागर पूरी तरह सूख गया था – एक सूखा, नमकीन रेगिस्तान बन गया.

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कैसे पता चला? वैज्ञानिकों की खोज

तिहाना पेन्सा और उनकी टीम ने सागर तल के चट्टानों के डेटा और सीस्मिक (भूकंपीय) डेटा का इस्तेमाल किया. ये डेटा सागर की इतिहास में जमा तलछट और नमक की परतें दिखाते हैं. उन्होंने पाया कि पूरे सागर तल में एक अनकॉन्फॉर्मिटी है – पुरानी, झुकी हुई तलछट की परतों पर अचानक एक सीधी परत चढ़ी हुई है. ये दिखाता है कि पूरा सागर उस समय सूखा था.

घटनाओं की तारीख जानने के लिए उन्होंने रेडियोएक्टिव स्ट्रॉन्शियम का अध्ययन किया. ये समुद्र में एक तय दर से बदलता है. साथ ही, सूक्ष्म जीवाश्म (माइक्रोफॉसिल्स) देखे. 1.4 करोड़ से 62 लाख साल पहले तक ये लगभग गायब थे, क्योंकि सागर या तो बहुत नमकीन था या पूरी तरह सूखा. 62 लाख साल बाद समुद्री जीव जैसे समुद्री घोंघे और बाइवॉल्व्स के जीवाश्म लौट आए.

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बाढ़ कैसे आई? हिंद महासागर का हमला

शोधकर्ताओं का मानना है कि पानी और जीवन हिंद महासागर से लौटा. ये एडेन की खाड़ी में हनिश सिल नाम के ज्वालामुखी और समुद्री पहाड़ों को तोड़कर आया. ये बाढ़ बहुत तेज हुई – 1 लाख साल से कम समय में. इतनी ताकतवर कि ये आज भी एडेन की खाड़ी से लाल सागर तक 320 किलोमीटर लंबी, 8 किलोमीटर चौड़ी पानी के नीचे की घाटी काट गई.

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धरती के इतिहास में क्या महत्व?

ये घटना धरती के सबसे चरम पर्यावरण परिवर्तनों में से एक है. इससे पता चलता है कि कैसे प्लेट टेक्टॉनिक्स, समुद्र स्तर और जलवायु बदलाव बड़े बदलाव ला सकते हैं. लाल सागर आज जैसा दिखता है, वो इसी बाढ़ की वजह से है. अध्ययन 9 अगस्त को कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट जर्नल में छपा.

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