6% अधिक बारिश से पूरा देश बेहाल...हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में मॉनसून ने बरसाया कहर
2025 में जून से सितंबर तक भारत में 743.1 मिमी बारिश (6.1% ज्यादा) हुई. हिमाचल में 320 मौतें हुई. उत्तराखंड में धराली फ्लैश फ्लड आया. जम्मू में 30+ मरे. पंजाब में 3 लाख एकड़ फसल बर्बाद. कुल नुकसान 20000 करोड़ का है. 500 से ज्यादा मौतें हुई. IMD की चेतावनी है कि सितंबर में 109% ज्यादा बारिश हो सकती है. भूस्खलन-बाढ़ का खतरा है. सतर्क रहने की चेतावनी जारी की गई है.
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कुल्लू में उफनती ब्यास नदी के पुल से गुजरते लोग. हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हुई है. (Photo: PTI)
2025 का मॉनसून सीजन (जून से सितंबर तक) भारत के लिए ऊपर-नीचे रहा. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, पूरे देश में जून से 3 सितंबर तक औसतन 743.1 मिमी बारिश हुई, जो लंबे समय के औसत (LPA) 700.7 मिमी से 6.1% ज्यादा है. कुल मिलाकर, देश को LPA का 106% वर्षा मिलने की संभावना है, जो सामान्य से ज्यादा है.
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उत्तर-पश्चिम में 26.7% ज्यादा, मध्य भारत में 8.6% ज्यादा, दक्षिण में 9.3% ज्यादा, जबकि पूर्वी और उत्तर-पूर्वी में 17.8% कम बारिश दर्ज हुई. IMD के आंकड़ों से राज्यवार डिटेल नीचे दी गई है. ज्यादा बारिश ने फसलों को फायदा पहुंचाया, लेकिन भूस्खलन, बाढ़ और तबाही भी मचाई. कुल मौतें 500+, नुकसान करोड़ों में है.
IMD की मासिक रिपोर्ट्स और प्रेस रिलीज से जून-सितंबर (3 सितंबर तक) के डेटा के आधार पर राज्यवार स्थिति. बारिश LPA से % में दी गई है. प्रभाव में नुकसान (मौतें, फसल, इंफ्रा) शामिल.
हिमाचल प्रदेश (उत्तर-पश्चिम, 26.7% ज्यादा कुल बारिश)
जून से 3 सितंबर तक 1200+ मिमी बारिश (LPA से 30% ज्यादा).
प्रभाव: 10 मौतें, धराली-उत्तरकाशी में फ्लैश फ्लड, पिथौरागढ़ में 19 NHPC वर्कर फंसे. 75 सड़कें बंद, देहरादून-टिहरी-नैनीताल रेड अलर्ट. चमोली में बाढ़ से एक महिला की मौत, प्रॉपर्टी डैमेज.
कुल तबाही: 2013 केदारनाथ जैसी, लेकिन छोटे स्तर पर.
IMD ने 15 वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नोटिस किए, जो क्लाइमेट चेंज से जुड़े थे.
IMD डीजी मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि सितंबर में 109% ज्यादा बारिश से खतरा बढ़ेगा. क्लाइमेट चेंज से एक्सट्रीम इवेंट्स (2,632 वेरी-हैवी, 473 एक्सट्रीमली-हैवी) बढ़े हैं.
आजतक साइंस डेस्क