Navratri 2022: नवरात्रि में 9 दिन पहनें इन अलग-अलग रंगों के कपड़े, हर मनोकामना होगी पूरी

Navratri 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार नवरात्रि 26 सितंबर, सोमवार से शुरू होकर 5 अक्टूबर विजयदशमी पर समाप्त होगी. पर्व के दौरान माता के भक्त नौ दिनों तक देवी के नौ अलग-अलग रूप की पूजा करते हैं. पहले दिन माता शैलपुत्री, फिर ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री और फिर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन.

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नवरात्रि के नौ दिनों तक पहने माता के इन रंगों को, होगी सभी मनोकामना पूरी नवरात्रि के नौ दिनों तक पहने माता के इन रंगों को, होगी सभी मनोकामना पूरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST

Navratri 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर दिन सोमवार से शुरू होकर 5 अक्टूबर विजयदशमी पर समाप्त होंगे. पर्व के दौरान माता के भक्त नौ दिनों तक देवी के नौ अलग-अलग रूप की पूजा करते हैं. इस दौरान भक्त व्रत के नियमों का पालन करते हैं और माता को प्रसन्न करने के हर संभव तरीके अपनाते हैं. नवरात्रि में पहले दिन माता शैलपुत्री, फिर ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री और फिर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का विधान है. साथ ही नवरात्रि में 9 दिनों के साथ 9 रंगों का भी महत्व होता है. आइए जानते हैं नवरात्रि पर कौन से नौ रंगों के कपड़े पहनना शुभ होता है.

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पहला दिन

नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री को समर्पित होता है. यह दिन पीले रंग से जुड़ा है, जो हमारे जीवन में उत्साह, चमक और प्रसन्नता लाता है. हिंदू धर्म में पीले रंग का बड़ा महत्व है. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए. 

दूसरा दिन

नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. माता को हरा रंग पसंद है तो इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए. यह रंग जीवन में विकास, सद्भाव और ऊर्जा लाता है.    

तीसरा दिन

नवरात्रि के तीसरा दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. माता अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करती है. इस दिन भूरे या ग्रे रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए. यह रंग बुराई को नष्ट कर जीवन में दृढ़ संकल्प को जगाता है. 

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चौथा दिन

नवरात्रि के चौथे दिन माता कुष्मांडा की आराधना की जाती है. इस दिन नारंगी रंग की वस्त्र पहनकर माता की पूजा करने से वे प्रसन्न होती हैं और जीवन में प्रसन्नता का आशीर्वाद देती हैं. यह रंग खुशी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.

पांचवा दिन

नवरात्रि का पांचवा दिन माता स्कंदमाता को समर्पित होता है. इस दिन सफेद रंग बड़ा शुभ माना जाता है. ये रंग जीवन में शांति, पवित्रता, ध्यान और सकारात्मकता को फैलाता है. 

छठा दिन

नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है. यह देवी का सबसे शक्तिशाली स्वरूप होता है. इन्हें युद्ध की देवी के नाम से भी जाना जाता है. माता के इसी स्वरूप ने महिषासुर का वध भी किया था. इस दिन लाल रंग पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए. यह रंग उत्साह और उमंग का प्रतीक माना जाता है.

सातवां दिन

नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है. इनके नाम का मतलब है- काल की मृत्यु. इस स्वरूप को राक्षसों का नाश करने वाला माना जाता है. माता की पूजा नीला रंग पहनकर करनी चाहिए. क्योंकि माता के इस रूप को सांवले और निडर रूप में दर्शाया गया है. 

आठवां दिन

नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन गुलाबी वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए. जो व्यक्ति देवी के इस स्वरूप की पूजा करता है, उसे जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. यह रंग आशा, आत्मशोधन और सामाजिक उत्थान का प्रतीक माना जाता है.

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नौवां दिन

नवरात्रि के आखिरी दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन बैंगनी रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करनी चाहिए. माता सिद्धिदात्री शक्ति प्रदान करने वाली देवी मानी जाती है. यह रंग महत्वकाक्षाओं का प्रतीक माना जाता है.  

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