Sawan Somwar 2025: सावन का पहला सोमवार आज, जानें जलाभिषेक का समय, महत्व, उपासना की खास विधि और उपाय

Sawan Somwar 2025: हिंदू धर्म में सावन मास बेहद खास माना जाता है. खासतौर से सावन में पड़ने वाले सोमवार बहुत महत्तवपूर्ण होते हैं. सोमवार का दिन शिव जी का प्रिय है. मान्यता है कि सावन के सभी सोमवार को व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लेकिन इसकी पूजा विधि में गलतियां करने से बचना चाहिए.

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रवि प्रदोष व्रत 2025 रवि प्रदोष व्रत 2025

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST

Sawan Somwar 2025: आज सावन का पहला सोमवार है. एक ऐसा पावन दिन जो ना सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित है, बल्कि भारत की संस्कृति, प्रकृति और जन-जन से गहराई से जुड़ा हुआ है. श्रावण मास के सोमवार न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और पर्यावरण दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं. यह दिन भगवान शिव की आराधना को समर्पित होता है. 

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शिव जी का प्रिय सोमवार का दिन बहुत खास माना जाता है. मान्यता है कि जो भक्त सावन के प्रत्येक सोमवार को श्रद्धा से व्रत रखकर भगवान शिव की विधिवत पूजा करता है, उसे जीवन की बड़ी-बड़ी बाधाओं से मुक्ति मिलती है. यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायक मानी जाती है जो स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हों, जो विवाह में विलंब का सामना कर रहे हों, या जो आर्थिक तंगी या दरिद्रता से घिरे हों. 

सावन सोमवार में जलाभिषेक का श्रेष्ठ समय (Sawan Somwar 2025 Pujan Muhurat)

प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रदोष काल तक शिव जी की पूजा की जा सकती है. लेकिन जलाभिषेक के लिए विषेश मुहूर्त इस प्रकार है. 

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 4 बजकर 15 से लेकर 5 बजे तक 

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक

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सावन के सोमवार की पूजन विधि ( Sawan Somwar Pujan Vidhi)

प्रातः काल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर पर ही शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं, या नजदीकी शिव मंदिर जाएं. शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, आक-धतूरा, सफेद फूल अर्पित करें. कम से कम 108 बार “ऊं नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें. व्रतधारी दिनभर फलाहार कर सकते हैं और शाम को शिव आरती करें. सायंकाल भगवान के मंत्रों का फिर जाप करें, तथा उनकी आरती करें. अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें तब जाकर व्रत का पारायण करें. 

 सावन सोमवार पूजा का धार्मिक महत्व (Sawan Somwar Significance) 

भगवान शिव की पूजा खासतौर से सोमवार को की जाती है. मान्यता है कि वैवाहिक जीवन के लिए शिव जी की पूजा सोमवार को करने से परेशानियां दूर होती हैं. कुंवारी कन्याएं इस व्रत को विशेष श्रद्धा से करती हैं ताकि उन्हें मनचाहा वर प्राप्त हो. यह व्रत नकारात्मक ऊर्जा, रोग और दरिद्रता को दूर करने में सहायक माना जाता है. इसके अलावा स्वास्थ्य, संतान और आर्थिक समस्याएं भी दूर होती हैं. सावन के सोमवार को शिव जी की पूजा सर्वोत्तम होती है. इसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है. 

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सावन के पहले सोमवार पर विशेष उपाय (Sawan Somwar Upay)

सावन के पहले सोमवार को यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक शिव पूजन किया जाए, तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूरी करते हैं. खासकर इस दिन किया गया एक छोटा सा उपाय भी जीवन में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है. प्रयास करें कि शिव जी की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त से पहले करें. शिवलिंग पर शांत भाव से जल की धारा अर्पित करें और उसके साथ ताजे बेलपत्र, आक-धतूरा, और सफेद पुष्प भी चढ़ाएं. पूजा के बाद शिव मंदिर में एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं.  यह दीपक घर में समृद्धि, सुख और सकारात्मक ऊर्जा लाता है. शिवलिंग की परिक्रमा कम से कम 7 बार करें और हर परिक्रमा में "ऊं नमः शिवाय" मंत्र का जप करें. अंत में भगवान शिव के चरणों में बैठकर शांत मन से अपनी मनोकामना कहें .

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