तेजस्वी के नेतृत्व पर लालू यादव की मुहर, RJD का झगड़ा इससे खत्म होगा या बढ़ेगा?

लालू यादव के हस्तक्षेप के बाद तेजस्वी यादव को फिर से आरजेडी विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. और, ये आरजेडी में लालू यादव की राजनीतिक विरासत को फिर से मंजूरी दिए जाने जैसा ही है - और हां, घर का झगड़ा खत्म कराने के लिए अब लालू यादव ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. लेकिन, इससे किस पर कितना फर्क पड़ेगा?

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तेजस्वी यादव आरजेडी विधायक दल के नेता चुन लिए गए हैं, और लालू यादव ने भी मुहर लगा दी है. (Photo: PTI) तेजस्वी यादव आरजेडी विधायक दल के नेता चुन लिए गए हैं, और लालू यादव ने भी मुहर लगा दी है. (Photo: PTI)

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

लालू यादव ने आखिरकार आगे बढ़कर मोर्चा संभाल लिया है. चुनाव नतीजे आने के बाद आरजेडी का हाल सब देख ही चुके हैं. और, चुनाव के पहले से ही लालू यादव के घर में जो महाभारत चल रहा था, उसका नया रूप भी सब लोग देख ही रहे हैं - रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया और मीडिया के सामने आकर जो कुछ कहा है, वो बहुत गंभीर बात है. 

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घर में मचे बवाल पर लालू यादव का रुख सामने आ गया है. घर का अंदरूनी मामला बताते हुए लालू यादव ने कहा है कि वो खुद मौजूद हैं, और घर का झगड़ा भी सुलझा लेंगे. और साथ ही, लालू यादव ने ये भी साफ कर दिया है कि तेजस्वी यादव ही आरजेडी का नेतृत्व करते रहेंगे. झगड़े के बाद घर से शांति की खबर आने का इंतजार है, लेकिन लालू यादव ने अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने के फैसले पर कायम रहने का संकेत दे दिया है. 

इससे सबके पहले लालू यादव के घर पर राजद कार्यकर्ताओं ने 'संजय यादव मुर्दाबाद' के नारे लगाए. बताया गया कि ये लोग रोहिणी समर्थक थे, और तेजस्‍वी यादव के सलाहकार संजय यादव से खफा थे. इस घटनाक्रम के सोशल मीडिया पर शेयर हुए वीडियो में लालू यादव को गुस्‍साए कार्यकर्ताओं को शांत कराते देखा जा सकता है.

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तेजस्वी यादव का 'इमोशनल अत्याचार' और...

पटना में 1, पोलो रोड वाले तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर आरजेडी विधायकों की बैठक बुलाई गई थी. बैठक का एजेंडा भी पहले से तय था, विधायक दल के नेता का चयन किया जाना. आरजेडी की इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती के अलावा आरजेडी नेता जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी, मंगनी लाल मंडल, उदय नारायण चौधरी, रणविजय साहू सहित कई सीनियर नेता मौजूद थे. 

बैठक के शुरू में ही तेजस्वी यादव ने मान लिया कि बिहार के लोगों ने उनको विकल्प के तौर पर स्वीकार नहीं किया. और, ये वजह बताते हुए तेजस्वी ने अपनी तरफ से प्रस्ताव रखा कि ऐसे में उनका आरजेडी विधायक दल का नेता बनना तर्कसंगत नहीं होगा. 

भावुक होकर तेजस्वी यादव बोले, आप चाहें तो मेरी जगह किसी और को विधायक दल का नेता चुन सकते हैं. 

भले ही ये पहले से तय रणनीति हो, लेकिन तेजस्वी यादव की बात सुनकर हर कोई हैरान रह गया. पूरा माहौल भारी हो गया. तभी सन्नाटे को चीरते हुए लालू प्रसाद यादव ने मोर्चा संभाल लिया. लालू यादव के हस्तक्षेप से सब कुछ संभल भी गया. 

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लालू यादव ने परिवार के लोगों और सीनियर नेताओं को समझाया कि मुश्किल हालात में भी तेजस्वी ने आरजेडी का मनोबल बनाए रखा है. लालू यादव के बीच में दखल दे देने के बाद तनावपूर्ण माहौल सामान्य होने लगा, और थोड़ी देर की चर्चा के बाद तेजस्वी यादव ने नेतृत्व संभालने पर हामी भी भर दी.

तेजस्वी यादव ने चर्चा के दौरान घर में मचे घमासान को लेकर रोहिणी आचार्य प्रकरण की तरफ भी इशारा किया, और आरजेडी विधायकों से जोर देकर पूछा, मुझे अपना परिवार देखना चाहिए या फिर पार्टी को देखना चाहिए?

लालू यादव ही खत्म कराएंगे घर का झगड़ा

घर का झगड़ा भले ही सार्वजनिक हो गया हो, लेकिन परिवार का आंतरिक मामला तो है ही. बाहर का तो कोई सुलझाने से रहा. लेकिन, लोग मजे तो ले ही रहे हैं. रोहिणी आचार्य के अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के दावे पर लोग सहानुभूति जता रहे हैं, तो उनकी भाभी ऐश्वर्या राय की याद दिलाते हुए सवाल भी पूछ रहे हैं. 

रोहिणी का पक्ष लेने वालों में उनके भाई तेज प्रताप यादव भी हैं, और सवाल पूछने वालों में लालू यादव के राजनीतिक विरोधी भी. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से पूछा गया, और उनके पास सवाल टाल देने के अलावा कोई चारा भी न था. बोले, ये पारिवारिक मामला है... परिवार के सदस्य बात करेंगे.

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लालू यादव के घर में बवाल की शुरुआत हुई तेज प्रताप यादव की कुछ निजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर आ जाने से. करीब छह महीने पहले लालू यादव ने तेज प्रताप को छह साल के लिए आरजेडी से बाहर करते हुए परिवार से भी बेदखल कर दिया था. वैसे लालू यादव के परिवार में विवाद कोई पहली बार नहीं हो रहा है. बिहार में जब आरजेडी की सरकार हुआ करती थी, तो राबड़ी देवी के भाई साधु यादव और सुभाष यादव को लेकर भी टकराव की खबरें आती रहती थीं. 2019 में लालू परिवार की बड़ी बहू ऐश्वर्या राय ने परिवार के सदस्यों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. तेज प्रताप के साथ उनका तलाक का मुकदमा चल रहा है.  

रोहिणी आचार्य ने एक्स पर लिखा है, मुझसे कहा गया कि 'मैं गंदी हूं. मेरी किडनी गंदी है. मैंने करोड़ों रुपये लिए. टिकट लिया, तब लगवाई गंदी किडनी.' इस तरह की बातें रोहिणी से परिवार में हुई झगड़े के दौरान कही गई थीं.

जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है, ये राष्ट्रीय जनता दल परिवार का अंदरूनी मामला है... लेकिन, महत्वपूर्ण बात ये है कि रोहिणी आचार्य सिर्फ राजद परिवार की बेटी नहीं हैं, बल्कि बिहार की बेटी हैं... परिवार का अंदरूनी कलह अब सार्वजनिक हो गया है. रोहिणी आचार्य की पोस्ट को 'गहरी पीड़ा की अभिव्यक्ति' बताते हुए नीरज कुमार पूछते हैं, 'ऐसे अहम मुद्दे पर लालू प्रसाद जी चुप क्यों हैं?'

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आरजेडी विधायकों की बैठक में ही लालू यादव ने घर के झगड़े पर भी अपनी राय जाहिर कर दी थी, 'ये एक आंतरिक पारिवारिक मामला है, और इसे परिवार के भीतर ही सुलझा लिया जाएगा... मैं इससे निपटने के लिए मौजूद हूं.’

दरअसल, लालू यादव परिवार के झगड़े का विकराल रूप सामने आया है, चुनाव नतीजे आने के बाद. घर में जो कुछ हुआ उसे लेकर सोशल मीडिया पर आंखों देखा हाल जैसी कहानियां भी सुनने को मिली हैं. और, रोहिणी आचार्य के सोशल साइट X पर पोस्ट के बाद लोग कड़ियों को जोड़कर अपने अपने हिसाब से समझने की कोशिश कर रहे हैं - लालू यादव के भरोसा दिलाने के बाद परिवार में शांति स्थापित होने की उम्मीद की जा सकती है. उम्मीद पर ही दुनिया कायम है. और, उसी उम्मीद के भरोसे तेजस्वी यादव आगे की लड़ाई के लिए भी तैयारी कर रहे हैं.

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