UP, कर्नाटक और हिमाचल में क्रॉस वोटिंग के भरोसे BJP ने राज्यसभा चुनाव में फंसाया पेच

राज्यसभा की ज्यादातर सीटों के लिए उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गये हैं, जिनमें सबसे अधिक बीजेपी के ही हैं. बची हुई सीटों के लिए जो वोटिंग होनी है, वहां भी बीजेपी ने पेच फंसा रखा है - और हिमाचल प्रदेश या कर्नाटक ही नहीं, उत्तर प्रदेश में भी नजर आ रहा है जहां बीजेपी की ही सरकार है.

Advertisement
कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस तो यूपी में समाजवादी पार्टी के विधायकों पर बीजेपी की नजर! कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस तो यूपी में समाजवादी पार्टी के विधायकों पर बीजेपी की नजर!

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

27 फरवरी को 15 की जगह अब सिर्फ तीन राज्यों में राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग होने जा रही है - उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक. उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, जबकि हि्माचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में है. असल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और उनका साथ छोड़ कर बीजेपी पहुंचे अशोक चव्हाण सहित ज्यादातर उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं. 

Advertisement

रिपोर्ट बताती हैं कि 56 में से 41 सीटों के लिए निर्विरोध चुनाव हो चुका है, और खास बात ये है कि सबसे ज्यादा बीजेपी के ही 20 उम्मीदवार निर्विरोध राज्यसभा पहुंच रहे हैं. बीजेपी के बाद नंबर आता है कांग्रेस का जिसके 6, तृणमूल कांग्रेस के 4, YSR कांग्रेस के 3 आरजेडी और बीजेपी के 2-2 और एनसीपी, शिवसेना, BRS और जेडीयू के एक-एक प्रत्याशी बगैर किसी विरोध के राज्यसभा सांसद बनने जा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में तो बीजेपी ने एक एक्स्ट्रा उम्मीदवार मैदान में उतार ही दिया है, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भी एक-एक उम्मीदवार खड़ा किया है, जबकि दोनों ही राज्यों में बीजेपी के पास इतने वोट भी नहीं हैं कि अपने उम्मीदवारों की जीत पक्की कर सके - लिहाजा, ले देकर उम्मीद क्रॉस वोटिंग से ही है.

Advertisement

सवाल है कि बीजेपी को जिस क्रॉस वोटिंग की उम्मीद है, उसका आधार क्या है? विधायकों के अपनी अपनी पार्टियों से मोहभंग हो चुका है, असंतोष या बीजेपी से किसी तरह का लालच? अभी नहीं तो भविष्य में ही सही! 

यूपी में समाजवादी विधायकों के भरोसे बीजेपी की एक्स्ट्रा फील्डिंग

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. बीजेपी के पास जितने वोट हैं, उसके सात उम्मीदवार आसानी से राज्यसभा पहुंच सकते हैं. फिर भी बीजेपी ने 8 उम्मीदवार उतार दिये हैं - और आठवें की जीत को लेकर ही संशय है. 

समाजवादी पार्टी अपने तीन नेताओं को राज्यसभा भेज पाने की स्थिति में है, जिनमें एक उम्मीदवार जया बच्चन को लेकर काफी चर्चा है. अखिलेश यादव ने अपने हिसाब से पक्का बंदोबस्त किया है. अखिलेश यादव ने सभी उम्मीदवारों के लिए वोट तय कर दिया है, क्योंकि कुछ विधायकों में जया बच्चन को लेकर नाराजगी है. ऐसे में अगर किसी उम्मीदवार को उसके हिस्से के वोट नहीं मिलते तो जीत के बदले हार को गले लगाना पड़ सकता है - और यही वो स्थिति है जिससे क्रॉस वोटिंग का खतरा मंडरा रहा है.  

ये खतरा जया बच्चन के कोटे वाले विधायकों की मंशा पर ज्यादा तेजी से मंडरा रहा है, और बीजेपी को अपने आठवें उम्मीदवार के लिए ऐसे ही विधायकों से उम्मीद है जो क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं.

Advertisement

वैसे बीजेपी को अपने विधायकों के अलावा ओम प्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के विधायकों का भी समर्थन हासिल है - और अब तो जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी के सभी 9 विधायक भी बीजेपी के उम्मीदवार को भी वोट देने जा रहे हैं. 

कर्नाटक और हिमाचल के कांग्रेस विधायक बीजेपी के निशाने पर

कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी के एक एक नॉमिनी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन दोनों में से किसी के पास भी जिताऊ नंबर नहीं है. कर्नाटक में डी कुपेंद्र रेड्डी को चुनाव जीतने के लिए 4 वोटों की कमी पड़ रही है, जबकि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को अब भी 10 वोटों की दरकार है. 

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद बीजेपी ने तमाम उपाय कर रही है, एक उपाय पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस के साथ गठबंधन भी है. हाल ही में शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी की हार ने चिंता बढ़ा दी है. बीजेपी और जेडीएस मिल कर चुनाव लड़े थे, लेकिन जीत से चूक गये. 

राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कर्नाटक में अजय माकन, सैयद नसीर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर को प्रत्याशी घोषित किया है. बीजेपी के एक उम्मीदवार के लिए तो रास्ता साफ है, लेकिन डी कुपेंद्र रेड्डी अपनी जीत से चार कदम पीछे रह जा रहे हैं. 

Advertisement

224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में 5 उम्मीदवारों को फर्स्ट प्रिफरेंस के 45 वोटों की जरूरत होगी. कांग्रेस के पास 135 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 66 और जेडीएस के पास 19 एमएलए हैं. कांग्रेस के तीन उम्मीदवार मैदान में हैं और बीजेपी-जेडीएस के दो. एक की जीत पक्की है, लेकिन दूसरे वाले को क्रॉस वोटिंग की ही आस है. 

डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पूर्व  मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर कांग्रेस विधायकों का वोट हासिल करने के लिए हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया है. कहते हैं, मुझे पता है कि कौन कांग्रेस विधायकों से संपर्क कर रहा है, और उनको धमका रहा है. हमारे विधायकों ने हमे सब बताया है. हमे पता है कि बीजेपी और जेडीय क्या प्लान कर रहे हैं, लेकिन हम अपनी रणनीति से चल रहे हैं.

68 विधायकों वाले हिमाचल प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस के पास 40, बीजेपी के पास 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं. चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को फर्स्ट प्रिफरेंस वाले 35 वोटों की जरूरत है. कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ बीजेपी हर्ष महाजन को चुनाव लड़ा रही है. यदि बीजेपी 3 निर्दलीय उम्‍मीदवारों को साध भी लेती है तो उसे 7 वोट कम पड़ रहे हैं, बीजेपी को इत्‍मीनान तभी होगा जब कांग्रेस के 10 विधायक क्रॉस वोट कर दें.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement