AAP को मिला समन जेल में बंद केजरीवाल के लिए अब तक की सबसे बड़ी मुसीबत बना

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में ईडी ने AAP को पार्टी तो पहले ही बना लिया था, अब समन भी जारी हो गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संयोजक भी हैं - अभी तक तो केजरीवाल राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे थे, अब तो AAP के सरवाइवल पर भी आफत आ पड़ी है.

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अरविंद केजरीवाल के लिए सत्ता बचाने से पहले तो पार्टी ही बचाने की मुश्किल आ खड़ी हुई है अरविंद केजरीवाल के लिए सत्ता बचाने से पहले तो पार्टी ही बचाने की मुश्किल आ खड़ी हुई है

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST

ऐसा पहली बार हुआ है जब आम आदमी पार्टी को भी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में समन जारी हुआ है. अब तक तो अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री केस में आरोपी बने थे, अब आम आदमी पार्टी का नेता यानी संयोजक होने के नाते भी मुकदमा लड़ना पड़ेगा.

प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई को पेश करने के लिए कहा है. अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जेल में हैं, और अभी तक सिर्फ संजय सिंह जमानत पर बाहर आ पाये हैं. दिल्ली के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोद‍िया जमानत के ल‍िए सुप्रीम कोर्ट SLP यानी विशेष अनुमत‍ि याच‍िका दायर की है. 

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अरविंद केजरीवाल पर पहले से ही ईडी और सीबीआई की तरफ से केस चलाया जा रहा है, अब आप का नेता होने के कारण अलग से मुसीबत खड़ी हो गई है. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने अदालती कार्यवाही की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग शेयर करने के आरोप में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से भी जवाब तलब किया है. अदालत का कहना है कि कोर्ट की कार्यवाही को ऑनलाइन रिकॉर्ड या शेयर नहीं किया जा सकता.

हाई कोर्ट ने सुनीता केजरीवाल से उस जनहित याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है, जिसमें शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल से जुड़ी निचली अदालत की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप लगाया गया है. सुनीता केजरीवाल की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट राहुल मेहरा ने कोर्ट में दलील दी है इस मुद्दे को सनसनीखेज बनाया जा रहा है और लोगों को घसीटा जा रहा है, जबकि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है, और सुनीता केजरीवाल का नाम पक्षकारों की सूची से हटाने की अपील की है. सुनीता केजरीवाल के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल ने रिकॉर्डिंग को सिर्प 'री-पोस्ट' किया था, न कि वो रिकॉर्डिंग की ओरिजनेटर यानी खुद रिकॉर्डिंग किया था.

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ढेर सारे कानूनी पचड़े में फंसे अरविंद केजरीवाल के लिए आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाकर मुकदमा चलाया जाना बहुत बड़ी चुनौती है, ऐसा इसलिए भी क्योंकि 2025 के शुरू में ही दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. 

अब AAP को भी मिल गय समन

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी नीति केस में अपनी 7वीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया जिस पर अरविंद केजरीवाल को पेश होना है. 

अपने रिएक्शन में आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि ईडी बीजेपी के पॉलिटिकल विंग की तरह काम कर रही है. नेताओं का कहना है कि AAP को बीजेपी भविष्य में सबसे बड़ा खतरा मानती है, इसीलिए वो ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर पार्टी को खत्म करने की साजिश कर रही है. AAP का इल्जाम है कि दो साल की जांच पड़ताल और करीब 500 छापों के बाद भी कहीं कुछ नहीं मिला, लेकिन बीजेपी और उसके नेताओं ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से एक झूठी मुहिम चला रखी है.

आम आदमी पार्टी का रिएक्शन और आरोप अपनी जगह है, लेकिन ये तो है कि नेताओं के साथ साथ अब पार्टी भी कानून के कठघरे में खड़ी हो गई है - और हां, साजिश है या नहीं ये तो अदालत साफ करेगी, लेकिन अगर नेताओं को आप के खत्म होने की आशंका नजर आ रही है, तो वे बहुत गलत भी नहीं हैं. 

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अब AAP का क्या होगा?

अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सिसोदिया पहले से ही जेल में हैं. संजय सिंह जमानत पर हैं - और अब सुनीता केजरीवाल के सामने भी एक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए कानूनी चक्कर शुरू हो चुका है.  

अदालत का नया समन आम आदमी पार्टी को जारी हुआ है, और पार्टी का संयोजक यानी नेता होने के नाते सारी बातों के लिए उनको जिम्मेदार माना गया है - और इसलिए ये सबसे बड़ी मुसीबत है. 

अब तो अरविंद केजरीवाल के साथ साथ पार्टी के वे सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी जांच के दायरे में आ जाएंगे जिनका किसी न किसी स्तर पर लेन-देन में कोई न कोई रोल होगा - एक तरफ चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, और गोवा चुनाव सहित तमाम बीते हिसाब किताब का कानूनी ऑडिट शुरू हो चुका है - अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के सामने मुश्किलों की सिर्फ कल्पना की जा सकती है, फेहरिस्त काफी लंबी है.

1. अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर नहीं आने से या आम आदमी पार्टी के आरोपी बन जाने से अभी ज्यादा दिक्कत नहीं है, क्योंकि अभी सिर्फ आरोपी बनाया गया है. ईडी की तरफ से चार्जशीट फाइल हुई है. अभी तक ईडी अदालत में ये नहीं बता पाई है कि पैसा कहां गया है, जिसे मनी ट्रेल कहते हैं - और पीएमएलए कानून में सबसे महत्वपूर्ण पहलू वही है. सिर्फ वही ऐसी चीज जो साबित हो जाये तो सजा पक्की है.

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2. अब तक ईडी कोर्ट को इस बात से संतुष्ट नहीं कर सकी है कि मनी-ट्रेल कहां हुआ है, और केजरीवाल या आम आदमी पार्टी के पक्ष में अब तक यही सबसे महत्वपूर्ण और मजबूत बात यही है. 

3. ईडी ने चार्जशीट फाइल जरूर कर दी है, लेकिन अब उसे आरोप साबित करने होंगे. अदालत उसकी जांच परख करेगी, और फिर उसी के हिसाब से फैसला सुनाएगी. 

4. अगर ईडी के आरोप सही साबित हुए, फिर तो कुछ कहने की जरूरत ही नहीं होगी. मान कर चला जा सकता है कि आप तो अपनेआप खत्म हो जाएगी - और अपने साथ साथ अपने सारे नेताओं को भी ले डूबेगी.

5. फर्ज कीजिये ईडी के आरोप हवा हवाई हो गये, और आप के साथ साथ अरविंद केजरीवाल सहित सभी को बाइज्जत बरी कर दिया गया - तो क्या होगा? ये सब होने के बाद संतोष करने से ज्यादा कुछ नहीं मिलने वाला है, क्योंकि तब तक वक्त काफी बीत चुका होगा. 

6. मुश्किल से 6 महीने बाद दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं. दिल्ली ही अरविंद केजरीवाल और आप की राजनीति का असली आधार है. अगर आप सत्ता से बाहर हो गई तो ये लड़ाई हद से ज्यादा मुश्किल हो जाएगी. 

7. अगर अरविंद केजरीवाल जल्दी बाहर नहीं आ पाते, और आप का चुनावी प्रदर्शन लोकसभा चुनाव 2024 जैसा ही रहता है, तो सरवाइवल मुश्किल हो जाएगा - और लंबा वक्त बीत जाने के बाद आप के लिए फिर से संभलना मुश्किल होगा, क्योंकि वो कांग्रेस नहीं है. 

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अभी तो काम चल जा रहा है, कानूनी लड़ाई के दौरान फंड का भी संकट पैदा होगा - ये लड़ाई नाममुकिन तो नहीं, लेकिन अरविंद केजरीवाल के जेल में रहते हुए बहुत मुश्किल है. 
 

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