अयोध्या: सूर्य किरणों से होगा रामलला का अभिषेक, कोणार्क मंदिर की तर्ज पर बनेंगे झरोखे

राम मंदिर को कोणार्क के सूर्य मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है. इसमें कोण पर झरोखे बनाए जाएंगे ताकि चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी पर रामलला पर सूर्य की किरणें सीधे पड़ें.

Advertisement
Model of Ram Mandir Of Ayodhya Model of Ram Mandir Of Ayodhya

संजय शर्मा

  • लखनऊ,
  • 18 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST
  • कोणार्क के सूर्य मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर
  • रामलला पर सीधे पड़ेंगी सूर्य की किरणें

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला को भगवान सूर्य हर रामनवमी पर अपनी किरणों से अभिषिक्त करेंगे. दरअसल, अयोध्या में बन रहा राम मंदिर इसी योजना के साथ आगे बढ़ रहा है. इसके साथ ही ऐसी कल्पना को साकार किया जाएगा कि हर दिन मंदिर का गर्भगृह सूर्य की रोशनी से ही प्रकाशित रहे. 

रामलला पर पड़ेंगी सूर्य की सुनहरी किरणें 

श्री राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि अयोध्या में राम का मंदिर अनेक खूबियों से युक्त होगा. ऐसी भी योजना है कि हर साल रामनवमी पर सूर्य की सुनहरी किरणें रामलला पर पड़ें. इन किरणों के लिए मंदिर में कोणार्क के सूर्य मंदिर की तर्ज पर ही सही कोण पर झरोखे बनाए जाएंगे ताकि चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी पर रामलला पर सूर्य की किरणें सीधे पड़ें.

Advertisement

2 साल में बन जाएगा रामलला का गर्भगृह

न्यास को उम्मीद है कि 2 साल यानी 2023 के अंत तक रामलला के मंदिर का गर्भगृह पूरी तरह से बन जाएगा. 2024 की शुरुआत से आम श्रद्धालु वहां रामलला के दर्शन कर सकेंगे. साथ ही यह भी उम्मीद जताई है कि रामलला के गर्भ गृह में विराजित होने के बाद भी यहां के बाहरी और अंदर की सजावट का काम चलता रहेगा. वैसे तो कोशिश की जा रही है कि गर्भगृह को भव्यता देने के काम का दूसरा चरण 2023 में नवंबर के मध्य तक पूरा कर लिया जाए. 

मंदिर के मौजूदा निर्माण कार्य की जानकारी देते हुए न्यास ने उम्मीद जताई कि 15 नवंबर से मंदिर के स्तंभों के आधार का हिस्सा बनना शुरू हो जाएगा. निर्माण की इस प्रक्रिया और चरण को वास्तु शास्त्र की भाषा में कंस्ट्रक्शन ऑफ़ प्लिंथ कहा जाता है. नवंबर मध्य से प्लिंथ निर्माण शुरू होकर अगले साल अप्रैल तक काफी आगे बढ़ जाएगा. अगले साल रामनवमी के बाद इस स्तंभ आधार पर नक्काशी युक्त खंभों की ऊपरी संरचना बनने लगेगी.

Advertisement

परिसर में बनेगा म्यूजियम 

योजना के मुताबिक श्री रामलला के मंदिर में परिसर में एक म्यूजियम भी होगा. इसमें इस पौराणिक और ऐतिहासिक स्थल से संबंधित तमाम जानकारियां और खुदाई में मिली पुरातात्विक महत्व की वस्तुएं रखी जाएंगी. इसके अलावा यहां एक आर्काइव्स भी होगा जहां राम जन्म भूमि से संबंधित सारे ऐतिहासिक ग्रंथ, दस्तावेज और पिछली सदियों से अब तक इस स्थान से संबंधित मुकदमों की सारी फाइलें और सभी फरमान, ताम्रपत्र और इतिहास से जुड़ी सारी चीजें होंगी.

मंदिर में होगा रिसर्च सेंटर भी 

आने वाली पीढ़ियां अयोध्या और रामायण सर्किट से जुड़े किसी भी विषय पर शोध करें तो उनके लिए एक रिसर्च सेंटर होगा. साथ ही विशाल ऑडिटोरियम और गौशाला तो होगी ही. न्यास की ओर से यह भी बताया गया कि नए नक्शे और नए विचार के मुताबिक प्लिंथ का निर्माण मंदिर निर्माण स्थल पर 400 फीट लंबाई और 300 फीट की चौड़ाई में किया जा रहा है. इस पर ऊपर का निर्माण 365 फीट की लंबाई और 235 फीट की चौड़ाई में किया जाएगा. मंदिर की कुल ऊंचाई शिखर और ध्वजा के साथ 171 फीट होगी.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement