विकास दुबे का बिकरू पंचायत भवन पर आज भी कब्जा, ताले लगे कमरों में छिपे हैं कई राज

विकास दुबे के एनकाउंटर को डेढ़ साल से ज्यादा हो गए हैं. उसकी गैंग के छत्तीस सदस्य अभी तक जेल में बंद हैं. प्रशासन विकास दुबे की जमीनों और प्रॉपर्टी को कब्जे में लेने के दावे भी कर चुका है. लेकिन अब देखते हैं कि कब तक गैंगस्टर की उपज से घिरे पंचायत भवन को खाली करवाता है.

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विकास दुबे का बिकरू पंचायत भवन पर कब्जा जारी. (फोटो:aajtak) विकास दुबे का बिकरू पंचायत भवन पर कब्जा जारी. (फोटो:aajtak)

रंजय सिंह

  • कानपुर,
  • 18 मई 2022,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST
  • डेढ़ साल से पंचायत भवन के अंदर रखा है विकास दुबे का गेहूं
  • कमरों के दरवाजों पर लगे हैं विकास दुबे के ही ताले

कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर को डेढ़ साल से ज्यादा समय हो गया है. प्रशासन भले ही मारे गए अपराधी की प्रॉपर्टी को कब्जे में लेने का दावा कर रहा हो, लेकिन बिकरू गांव के पंचायत भवन में आज भी गैंगस्टर की सल्तनत कायम है. यह भवन विकास दुबे ने ही अपनी प्रधानी के दौरान बनवाया था और यहां अपने खेतों से गेहूं लाकर भरवाया दिया था, जो कि आज भी इसी पंचायत भवन के कमरों में रखा है. 

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Aajtak ने भी पाया कि पंचायत भवन के दरवाजों पर विकास दुबे के लगाए गए ताले आज भी लटके हैं, जबकि उसको डेढ़ साल पहले ही पुलिस ने मार गिराया था. बता दें कि मधु देवी अब बिकरू गांव की प्रधान हैं.  

प्रधान मधु देवी कई बार अधिकारियों से पंचायत भवन को खाली कराने का आग्रह कर चुकी हैं. ब्लॉक के अधिकारियों को लेटर तक लिख चुकी हैं. लेकिन किसी की हिम्मत उसे खाली कराने की नहीं हो रही है. महिला प्रधान ने अब मंगलवार को डीएम नेहा शर्मा से मिलकर पंचायत भवन में रखे गेहूं के बोरों को हटाने की अर्जी दी है. डीएम ने भी अधिकारियों पर इसकी जांच के आदेश दिए हैं.

बिकरू गांव की सरपंच और शिकायती आवेदन.

 
इस बात का भी संदेह जताया जा रहा है कि कहीं गेहूं के बोरों के अंदर विकास दुबे की क्राइम हिस्ट्री के कुछ असलहे न छिपे रखे हों. 2020 में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद छानबीन में पुलिस को बिकरू गांव में विकास दुबे के घर, कुएं और दीवारों से असलहे मिले थे. ऐसे में इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि पंचायत भवन में रखे गैंगस्टर के गेहूं के बोरों में कोई हथियार छिपाए गए हों.

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पंचायत के कमरों में लटके विकास दुबे के ताले.

खैर, इसकी असलियत तो तभी सामने आएगी जब प्रशासन ताले खुलवाकर अनाज के बोरों को बाहर निकलवाएगा. हालांकि, अभी इस मामले कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है.  

 

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