ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में हड़ताल खत्म, 26 अगस्त से काम पर लौटेंगे कर्मचारी

रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) के सचिव अजय कुमार की अध्यक्षता में मजदूर संगठनों के साथ शुक्रवार को हुई बैठक में इस बात पर सहमति बन गई.

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प्रतीकात्मक चित्र प्रतीकात्मक चित्र

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

  • डीडीपी सचिव के साथ बैठक में बनी सहमति
  • कर्मचारी संगठनों से बात करने को बनेगी कमेटी
  • 3 दौर की वार्ता में नहीं निकल सका था नतीजा

मजदूर संगठनों के संयुक्त आह्वान पर देश की ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में 14 अगस्त से चल रही हड़ताल समाप्त हो गई है. रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) के सचिव अजय कुमार की अध्यक्षता में मजदूर संगठनों के साथ शुक्रवार को हुई बैठक में इस बात पर सहमति बन गई. ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में कर्मचारी 26 अगस्त से काम पर लौट जाएंगे.

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चेयरमैन ने मजदूर संगठनों की चिंताओं को ध्यानपूर्वक सुना कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण से किस तरह कर्मचारियों के वेतन, स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य सेवाएं प्रभावित होंगी. कर्मचारी संगठनों ने टर्नओवर में वर्तमान स्तर से वृद्धि के लिए रोडमैप तैयार करते समय उनसे भी मशविरा लिया जाए.

कर्मचारी संगठनों से बात करने के लिए सरकार द्वारा उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारी संगठन देश भर की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में चल रही हड़ताल वापस लेने पर सहमत हो गए. इससे पहले तीन दौर की वार्ता में हड़ताल समाप्त कराने की कोशिशें नाकाम रही थीं.   

गौरतलब है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण की कोशिशों का विरोध करते हुए मजदूर संगठनों ने 30 दिन काम ठप करने का ऐलान किया था. मजदूरों की हड़ताल 14 अगस्त से शुरू हो गई थी. इस हड़ताल में वाम मजदूर संगठनों के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संगठन भी शामिल था.

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मजदूर संगठनों ने इसलिए की थी हड़ताल

सरकार ने पिछले जुलाई माह में ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण के संबंध में मीटिंग की थी. इस बैठक में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के चेयरमैन सौरभ कुमार ने भी शिरकत की थी. इसके बाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण की खबरों को भी हवा मिल गई थी.

मीटिंग की खबर से भड़के मजदूर संगठनों ने सभी फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप करने का ऐलान कर दिया. भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ महासचिव मुकेश सिंह ने इसे सरकार द्वारा पूर्व में दिए गए आश्वासन का उल्लंघन बताया था. खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार आर्म्स रूल्स, 2016 के द्वारा आयुध निर्माण क्षेत्र में निजी क्षेत्र के लिए रास्ता तैयार कर रही है.

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