जेल में बंद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बड़ा संदेश दिया है. उन्होंने लद्दाख की जनता से शांति और एकता बनाए रखने और छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा व राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को गांधीवादी तरीके से जारी रखने की अपील की है. वांगचुक ने ये संदेश अपने वकील और लेह एपेक्स बॉडी के कानूनी सलाहकार हाजी मुस्तफा के जरिए रविवार को दिया है, जिन्होंने वांगचुक के बड़े भाई का त्सेतन दोर्जे ले के साथ शनिवार को जोधपुर जेल में उनसे मुलाकात की थी.
वांगचुक ने कहा कि 24 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन (जिसमें चार लोगों की मौत हुई) की स्वतंत्र न्यायिक जांच होने तक वह जेल में रहने को तैयार हैं. उन्हें 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत लेह में हिरासत में लिया गया था, जब लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन हिंसक हो गए थे, जिसमें चार लोगों की मौत और कई लोग घायल हो गए थे. प्रशासन ने वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है.
'मैं स्वस्थ हूं'
मुस्तफा ने वांगचुक से मुलाकात के बाद रविवार को उनके मैसेज को एक्स और फेसबुक समेत अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया. वांगचुक ने कहा, 'मैं शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हूं और सभी की चिंता व प्रार्थनाओं के लिए आभारी हूं. हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है और घायलों व गिरफ्तार लोगों के लिए मेरी प्रार्थनाएं हैं.'
न्यायिक जांच की मांग
उन्होंने जोर देकर कहा, 'चार लोगों की मौत की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए. जब तक ये नहीं होता, मैं जेल में रहने को तैयार हूं. मैं लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ मजबूती से खड़ा हूं. लद्दाख के हित में एपेक्स बॉडी जो भी कदम उठाएगी, मैं पूरे दिल से उनके साथ हूं. मैं लोगों से शांति और एकता बनाए रखने और गांधीवादी अहिंसक तरीके से संघर्ष जारी रखने की अपील करता हूं.'
बातचीत में शामिल नहीं होगा KDA और लेह एपेक्स बॉर्ड
लद्दाख प्रशासन ने हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन KDA और लेह एपेक्स बॉडी ने केंद्र सरकार के साथ 6 अक्टूबर को होने वाली बातचीत में शामिल न होने का फैसला किया है. उनका कहना है कि जब तक स्वतंत्र न्यायिक जांच शुरू नहीं होती और वांगचुक समेत सभी हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा नहीं किया जाता, वे बातचीत से दूर रहेंगे.
बता दें कि लद्दाख में छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा और पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे वक्त से चल रही है. लेह एपेक्स बॉडी और KDA इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.
SC में सुनवाई
वहीं, वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा, जिसमें NSA के तहत उनकी हिरासत को चुनौती दी गई है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई है.
aajtak.in