नए साल का जश्न मनाने के लिए कई लोग पहाड़ों पर बर्फबारी का आनंद लेना पसंद करते हैं. इस बार भी देश-विदेश से हजारों पर्यटक जम्मू-कश्मीर जैसे इलाकों में बर्फ का आनंद लेने पहुंच रहे हैं. यहां बर्फबारी के नजारे लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर हिमाचल में इस बार यात्रियों को लुभाने के लिए कृत्रिम बर्फ का सहारा लेना पड़ा है. साल 2025 में हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी काफी कम देखने को मिली है. यहां के ज्यादातर इलाकों में मौसम सूखा ही रहा है. आने वाले साल 2026 में भी यहां भारी बर्फबारी की उम्मीद कम ही नजर आ रही है.
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, उत्तराखंड में नए साल पर भी बर्फबारी की संभावना कम है. हिमाचल प्रदेश में भी अब तक खास बर्फबारी देखने को नहीं मिली है. हाल ही में क्रिसमस के मौके पर हिमाचल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रशासन और होटल संचालकों को मनाली और शिमला के कुछ हिस्सों में कृत्रिम बर्फ का सहारा लेना पड़ा है.
उत्तराखंड की स्थिति भी खराब चल रही है. केदारनाथ, जहां इस समय तक नियमित रूप से बर्फबारी हो जाती है, वहां अब तक एक भी बार बर्फ नहीं गिरी है. इसी तरह विंटर टूरिज्म के प्रमुख केंद्र औली में भी इस बार मौसम पूरी तरह सूखा बना हुआ है और भविष्य में भारी बर्फबारी की संभावना नजर नहीं आ रही है.
नए साल पर होगी बर्फबारी
30 दिसंबर 2025 से 1 जनवरी 2026 के बीच पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय को प्रभावित कर सकता है. इस दौरान जम्मू‑कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी की तीव्रता काफी बढ़ने की संभावना है. हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भी अच्छी बर्फबारी देखने को मिल सकती है, लेकिन इस सिस्टम का असर उत्तराखंड पर कुछ खास नहीं होने वाला है.
उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में केवल हल्की बर्फबारी हो सकती है, जबकि अन्य जगहों जैसे जम्मू कश्मीर में नए साल के मौके पर अच्छी बर्फबारी देखने को मिल सकती है. बता दें, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 30 दिसंबर से 2 जनवरी के दौरान जम्मू-कश्मीर-लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की या मध्यम बर्फबारी की संभावना जताई है.
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