पंजाब में जमीन-जायदाद की ‘ईजी रजिस्ट्री’ लागू, CM भगवंत मान बोले- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होगी सरल

भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने के लिए संबंधित सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाना पड़ता था, जिससे अतिरिक्त बोझ और असुविधा होती थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आसान रजिस्ट्री व्यवस्था लागू हो जाने से पंजाब में संपत्ति रजिस्ट्रेशन सरल, तेज और पारदर्शिता के एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है.

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जमीन-जायदाद की ‘ईजी रजिस्ट्री’ व्यवस्था लागू करने वाला पंजाब पहला राज्य बना (Photo: ITG) जमीन-जायदाद की ‘ईजी रजिस्ट्री’ व्यवस्था लागू करने वाला पंजाब पहला राज्य बना (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रदेशवासियों की सुविधा के लिए जमीन-जायदाद की ‘ईजी रजिस्ट्री’ (आसान व्यवस्था) को लागू कर दिया है.

मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने के मकसद से इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत के गवाह बने सभी लोगों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि दशकों से जमीन-जायदाद की रजिस्ट्रेशन को जटिल और समय बर्बाद करने वाली प्रक्रिया माना जाता रहा है. इसके लिए बार-बार सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, बहुत परेशानी होती थी और देरी व भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता था.

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भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहले संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए लोगों को संबंधित सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस जाना पड़ता था, जिससे अतिरिक्त बोझ पड़ता था और साथ ही असुविधा भी होती थी. लेकिन अब रजिस्ट्री की प्रक्रिया आसान हो जाने से राज्य में संपत्ति रजिस्ट्रेशन सरल, तेज और पारदर्शिता के एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है.

उन्होंने कहा कि ईजी रजिस्ट्री व्यवस्था नागरिकों के लिए अनावश्यक देरी और परेशानी को पूरी तरह खत्म कर देगी. उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार किसी राज्य ने संपत्ति रजिस्ट्रेशन को इतना सरल बनाने की दिशा में ऐसा कदम उठाया है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पहल के तहत अब एक जिले के अंदर कोई भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय उस जिले के किसी भी क्षेत्र में स्थित संपत्तियों को रजिस्टर कर सकेगा.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नागरिक मात्र 500 रुपए की नाममात्र फीस देकर ‘सेल डीड’ ऑनलाइन या सेवा केंद्रों के माध्यम से तैयार करवा सकेंगे. उन्होंने कहा कि 'सरकार तुहाडे दुआर' योजना के तहत लोग इस सेवा का लाभ लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1076 पर कॉल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दस्तावेज केवल 48 घंटे के अंदर ऑनलाइन जमा करवाए जा सकेंगे.

उन्होंने कहा कि अब तहसीलदार जमीन-जायदाद की रजिस्ट्रेशन पर अनावश्यक आपत्ति नहीं लगा सकेगा. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसके लिए 48 घंटे की समयसीमा तय की गई है और यदि कोई आपत्ति लगाई जाती है तो उसे तुरंत संबंधित डिप्टी कमिश्नर को भेजा जाएगा, जो यह पुष्टि करेंगे कि आपत्ति वैध है या नहीं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों को व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के हर चरण की अपडेट मिलती रहेगी और यदि कोई रिश्वत मांगता है तो व्हाट्सएप पर ही शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी. भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि अब डिप्टी कमिश्नर यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि हर संपत्ति की रजिस्ट्रेशन सुचारू रूप से पूरी हो. उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य से मोहाली के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय को हेल्प डेस्क और आरामदायक प्रतीक्षा क्षेत्र के साथ अपग्रेड किया गया है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले रजिस्ट्रेशन केवल उसी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में हो सकती थी, जिसके अधिकार क्षेत्र में संपत्ति स्थित थी. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी रजिस्ट्रेशन की प्रगति या उठाई गई किसी भी आपत्ति की जानकारी तक नहीं मिलती थी. अब दस्तावेज जमा करने से लेकर मंजूरी, भुगतान, आपत्ति और अंतिम दस्तावेज तैयार होने तक हर चरण की पल-पल की जानकारी व्हाट्सएप पर मिलेगी.

भगवंत सिंह मान ने कहा कि आपत्ति उठाने या दस्तावेज सत्यापन के लिए 48 घंटे की समयसीमा तय की गई है और यह व्यवस्था सेल डीड रजिस्टर करने से जुड़े अतिरिक्त खर्चों को भी कम करेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि “ड्राफ्ट माई डीड” सुविधा के जरिए कोई भी व्यक्ति सेवा केंद्र या सेवा सहायक की मदद से अपने रजिस्ट्रेशन दस्तावेज खुद लिख सकेगा. उन्होंने कहा कि अलग से लेन-देन के सबूत पेश करने की जरूरत नहीं होगी, इससे नागरिकों को बार-बार बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को अब अपने रजिस्ट्रेशन दस्तावेज इकट्ठा करने के लिए बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि रजिस्ट्रेशन पूरी होने के बाद नागरिकों को व्हाट्सएप पर ही पुष्टि की सूचना मिल जाएगी, जिससे वे एक ही विजिट में अपना सेल डीड ले सकेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार और नागरिक-हितैषी सुधार लाने और सेवा केंद्रों व हेल्पलाइन नंबर 1076 को और सक्षम बनाने पर काम कर रही है ताकि नागरिकों को अपने काम के लिए अनावश्यक दफ्तरों में न जाना पड़े. भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रशासनिक सुधारों में यह ऐतिहासिक मील का पत्थर लोगों को बड़े पैमाने पर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से है ताकि लोग सेवाएं सुचारू और परेशानी-मुक्त ढंग से प्राप्त कर सकें.

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