शीतकालीन सत्र के पहले दिन SIR पर 'हाई' संसद का तापमान, राधाकृष्णन ने संभाली राज्यसभा की कमान, लोकसभा से 1 बिल पारित

संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. राज्यसभा में पहले दिन सीपी राधाकृष्णन ने सदन की कार्यवाही की कमान संभाल ली है. हंगामे के बीच लोकसभा में तीन बिल पेश किए गए, जिनमें से एक बिना चर्चा के पारित भी हो गया है.

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राज्यसभा में SIR पर जोरदार हंगामा (Photo: Screengrab) राज्यसभा में SIR पर जोरदार हंगामा (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

संसद के शीतकालीन सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई. पहले दिन संसद का टेंपरेचर हाई नजर आाया. लोकसभा में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण यानी एसआईआर के मुद्दे पर हंगामे के कारण कार्यवाही में बार-बार बाधा आई. हंगामे के बीच ही लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए गए, जिनमें से एक पारित भी हो गया है.

वहीं, राज्यसभा में नए सभापति सीपी राधाकृष्णन ने सभापति का आसन संभाल लिया है. सीपी राधाकृष्णन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता सदन जेपी नड्डा के साथ ही सभी दलों के फ्लोर लीडर्स ने स्वागत किया और शुभकामनाएं दीं. नए सभापति का स्वागत करते हुए विपक्ष के नेता खड़गे ने कहा कि आप अपने आसन से उस तरफ (ट्रेजरी बेंच की तरफ) ज्यादा न देखें, उसमें खतरा है.

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उन्होंने सभापति से यह भी कहा कि आप इधर (विपक्ष की तरफ) नहीं देखेंगे, तो और भी खतरा है. इसलिए दोनों तरफ संतुलन बनाए रखेंगे तो अच्छा होगा. खड़गे ने सभापति को यह भी याद दिलाया कि वह कांग्रेस घराने से आए हैं और लगे हाथ पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के फेयरवेल का मुद्दा भी उठा दिया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि जगदीप धनखड़ को विदाई नहीं दे पाने का दुख है.

सपा सांसद जावेद खान ने भी अपने संबोधन में कहा कि आपके पूर्ववर्ती को विदाई देने तक का मौका नहीं मिला. खड़गे के बयान पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष ने एक नहीं, दो-दो बार तत्कालीन सभापति को हटाने के लिए नोटिस दिया था. नोटिस में अनाप-शनाप भाषा का इस्तेमाल किया गया था. इससे उच्च सदन की मर्यादा को ठेस पहुंची.

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विपक्षी दलों ने राज्यसभा में भी चुनाव सुधार पर व्यापक चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया. किरेन रिजिजू ने कहा कि आपकी डिमांड सरकार के संज्ञान में है और हमें थोड़ा समय दीजिए. बाद में विपक्षी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए और विपक्ष के बिना ही शून्यकाल और स्पेशल मेंशन की कार्यवाही चली.

लोकसभा में हंगामे के बीच पारित हुआ एक बिल

एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष ने लोकसभा में भी जोरदार हंगामा किया. विपक्ष के हंगामे के बीच सदन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन बिल पेश किए- मणिपुर जीएसटी (दूसरा संशोधन) विधेयक 2025, सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) विधेयक और स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक. मणिपुर जीएसटी विधेयक हंगामे और नारेबाजी के बीच बिना चर्चा के पारित भी हो गया.

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लोकसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच ही दो बिल को लेकर बनी सलेक्ट कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए एक्सटेंशन भी दे दिया है. इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल 2025 पर सलेक्ट कमेटी को सदन ने चालू सत्र के अंतिम दिन तक का समय दे दिया है. वहीं, जन विश्वास बिल को लेकर बनी सलेक्ट कमेटी को सत्र के दूसरे हफ्ते के अंतिम दिन यानी 12 दिसंबर तक का समय दे दिया है.

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शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस दौरान बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज की परिषद में दो सदस्यों के चयन का प्रस्ताव रखा. हंगामे के बीच ही यह प्रस्ताव भी लोकसभा से पारित हो गया. इससे पहले, दोनों सदनों में विश्वकप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम, ब्लाइंड क्रिकेट टीम को बधाई दी गई. दोनों सदनों के दिवंगत सदस्यों को भी श्रद्धांजलि दी गई.

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