संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन दो रोचक वाकये हुए. शून्यकाल के दौरान जब सभापति ने आसन से बोलने के लिए नाम लिया, टॉपिक भी बताया, तब बोलने के लिए खड़ी हुई सांसद ने कहा कि मेरे पास वो है नहीं जो बोलना है. एक अन्य सदस्य ने शून्यकाल के दौरान अपना स्पेशल मेंशन वाला भाषण ही पढ़ दिया.
दरअसल, हुआ यह कि राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सभापति ने बिहार से बीजेपी सांसद धर्मशीला गुप्ता का नाम लिया. सभापति ने बिहार में नेचुरोपैथी इंस्टीट्यूट की स्थापना से जुड़ा विषय भी बता दिया. धर्मशीला गुप्ता बोलने के लिए खड़ी हुईं और कहा कि मेरे पास है नहीं वो, जो बोलना है. इसपर सदन के अन्य सदस्य हंसने लगे. खुद धर्मशीला गुप्ता भी हंसती नजर आईं. उन्होंने कहा कि पेपर नहीं है.
सभापति ने टॉपिक फिर से दोहराया और कहा कि क्या कोई उनकी मदद कर सकता है. तब धर्मशीला गुप्ता ने कहा- पता नहीं. कहां से ले लेते हैं. इसके बाद सभापति ने अगले वक्ता का नाम ले लिया. इससे पहले, यूपी से बीजेपी की सांसद संगीता यादव के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ. सभापति ने जब नाम लिया, संगीता यादव बोलने के लिए खड़ी हुईं. संगीता यादव ने एआई मिशन पर बोलना शुरू कर दिया.
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संगीता यादव करीब एक मिनट तक बोलती भी रहीं, जिस विषय पर उन्हें स्पेशल मेंशन के दौरान बोलना था. सभापति ने आसन से उन्हें टोका और कहा कि यह जीरो ऑवर है. तो उसके हिसाब से ही बोलिए. सभापति ने उन्हें विषय भी बताया जो दवाओं की क्वालिटी से संबंधित था. इसके बाद संगीता यादव ने आसन से सॉरी कहा और बताया कि दोनों पर्चे मुझे मिल गए थे.
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संगीता यादव ने इसके बाद दवाओं की क्वालिटी से संबंधित विषय पर अपनी बात पूरी की. सभापति ने इसके बाद बिहार से बीजेपी के सांसद भीम सिंह का नाम लिया, भीम सिंह ने खड़े होकर कहा कि सर मुझे विषय बताया जाए. सभापति ने उन्हें विषय बताया और इसके बाद भीम सिंह ने खाद्य पदार्थों में ऑयल की मात्रा कम करने का विषय उठाया.
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