भारत आते ही NIA कोर्ट में होगी तहव्वुर राणा की पेशी, बढ़ाई गई हेडक्वार्टर की सुरक्षा

तहव्वुर राणा को कल राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) की कोर्ट में पेश किया जाएगा. राणा के खिलाफ एनआई का केस दिल्ली में दर्ज है. इस वजह से उसे पहले सीधे दिल्ली लाया जाएगा. यहां दिल्ली में एनआईए कोर्ट में पेशी होगी, जहां उसकी कस्टडी की मांग की जाएगी.

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तहव्वुर राणा तहव्वुर राणा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

2008 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है. उसे विशेष विमान से अमेरिका से भारत लाया जा रहा है. यह विमान आज शाम या कल सुबह तक भारत पहुंच सकता है.

दिल्ली में NIA हेडक्वार्टर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सीआईएसएफ ने अतिरिक्त बैरिकेडिंग लगा दी है. तहव्वुर राणा के साथ भारतीय जांच एजेंसियों की एक टीम भी है. इससे पहले अमेरिका में प्रत्यर्पण की कागजी कार्रवाई पूरी की गई. 

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तहव्वुर राणा को कल राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) की कोर्ट में पेश किया जाएगा. राणा के खिलाफ एनआई का केस दिल्ली में दर्ज है. इस वजह से उसे पहले सीधे दिल्ली लाया जाएगा. यहां दिल्ली में एनआईए कोर्ट में पेशी होगी, जहां उसकी कस्टडी की मांग की जाएगी. इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच उसकी कस्टडी लेगी. 

अमेरिकी कोर्ट के सुझावों पर तहव्वुर राणा को दिल्ली या फिर मुंबई की जेल में गोपनीय तरीके से रखा जाएगा. इस दौरान उसकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इस पूरे घटनाक्रम पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की नजर रहेगी. 

कौन है तहव्वुर राणा?

तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उसने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम काम किया. लेकिन तहव्वुर राणा को अपना काम पसंद नहीं आया और उसने ये नौकरी छोड़ दी. भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाला तहव्वुर राणा अभी कनाड़ा का नागरिक है. लेकिन हाल में वह शिकागो का निवासी था, जहां उसका बिजनेस है.

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अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, उसने कनाड़ा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्राएं की है और वहां रहा है, वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है. अदालत के दस्तावेज बताते हैं कि 2006 से लेकर नवंबर 2008 तक तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान में डेविड हेडली और दूसरे लोगों के साथ मिलकर साजिश रची. इस दौरान तहव्वुर राणा ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हरकत उल जिहाद ए इस्लामी की मदद की और मुंबई आतंकी हमले की प्लानिंग की और इसे अमली जामा पहनाने में मदद की. आतंकी हेडली इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है.

26 नवंबर 2008 को क्या हुआ था?

26 नवंबर 2008 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आतंकी हमला हुआ था. आतंकियों के इस हमले को नाकाम करने के लिए 200 एनएसजी कमांडो और सेना के पचास कमांडो को मुंबई भेजा गया था. इसके अलावा सेना की पांच टुकड़ियों को भी वहां तैनात किया गया था. हमले के दौरान नौसेना को भी अलर्ट पर रखा गया था.

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