ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर लोकसभा में दो दिन तक विशेष चर्चा हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर जमकर हमला बोला. बहस के दौरान विपक्षी नेताओं ने आक्रामक तरीके से मोदी सरकार की सैन्य नीति और आतंकी हमलों से निपटने के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े किए. वहीं, मोदी सरकार ने विपक्ष के सवालों का जवाब देने के साथ-साथ कांग्रेस पर आरोपों की बाछौर की. इस तरह लोकसभा में चली 16 घंटे की बहस में कई सवालों का जवाब मिला तो कई सवालों के जवाब विपक्ष अभी भी तलाश रहा है.
लोकसभा में चर्चा की शुरुआत सोमवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की तो वहीं पहले दिन विपक्ष की ओर से कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने कमान संभाली. इसके बाद दूसरे दिन मंगलवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित विपक्ष के दिग्गज नेताओं ने सरकार से तीखे सवाल पूछे. जैसे- पहलगाम में आतंकी हमले के लिए चूक का जिम्मेदार कौन? कितने राफेल गिरे? डोनाल्ड ट्रंप का सीजफायर वाला दावा इत्यादि.
वहीं, सरकार की तरफ से पहले गृह मंत्री अमित शाह उतरे और फिर पीएम मोदी ने विपक्ष के हर सवाल का चुन-चुनकर न सिर्फ जवाब दिया बल्कि कांग्रेस को भी घेरा. अमित शाह ने पहलगाम हमले के आतंकियों को मिट्टी में मिलाने की बात कहने के साथ आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की पूरी जानकारी दी और आखिर में पीएम मोदी ने पहलगाम हमले से लेकर पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी हस्तक्षेप पर विपक्ष को जवाब दिया.
1. पहलगाम के आंतकियों का क्या हुआ?
लोकसभा में दो दिन की चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से पहलगाम घटना को लेकर सवाल उठाया गया. विपक्ष ने पूछा कि जिन आतंकियों ने हमला किया उनका क्या हुआ और वो कहां हैं? कमोबेश सभी विपक्षी नेताओं ने यह सवाल उठाया, जिसका जवाब अमित शाह ने दिया. शाह ने कहा, 'पहलगाम के तीनों आतंकियों को ऑपेरशन महादेव के जरिए ढेर कर दिया गया है. पहलगाम हमले में शामिल सुलेमान, अफगान और जिबरान तीनों आतंकवादियों को सेना ने मार गिराया है.' अमित शाह ने तीनों आतंकियों के पाकिस्तानी होने का सबूत भी दिया.
2. पहलगाम हमले की जिम्मेदारी कौन लेगा
विपक्ष की तरफ से लगातार सवाल उठाया जा रहा था कि पहलगाम में आतंकी हमले के लिए चूक का जिम्मेदार कौन है. लोकसभा में चर्चा के दौरान गौरव गोगोई से लेकर प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव सहित कई विपक्षी नेताओं ने यह सवाल उठाया. गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा, 'हमसे पूछा जा रहा कि पहलगाम में आतंकी कैसे आए. इसकी जिम्मेदारी किसकी है. सरकार हमारी है तो जिम्मेदारी भी सरकार की है. यकीनन हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि हम सत्ता में हैं.'
अमित शाह ने पहलगाम की जिम्मेदारी लेने के साथ-साथ भारतीय सेना की प्रशंसा भी की. उन्होंने घाटी के उस दुरूह भूगोल का हवाला दिया जहां हमारे सैनिक दिन-रात हमारी सुरक्षा में लगे हुए हैं. गृह मंत्री ने घटना के बाद केंद्र सरकार की चुस्ती और सुरक्षाबलों की चौकसी पर बात की और कांग्रेस को कठघरे में भी खड़ा करते नजर आए.
3. ट्रंप के सीजफायर पर सवाल और जवाब
लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के सभी नेताओं ने सीजफायर के मुद्दे को उठाने का काम किया. सरकार से सवाल पूछा कि क्या वकायी डोनाल्ड ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दोनों देशों के बीच सीजफायर कराया है. विपक्ष के इस सवाल का पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि दुनिया में किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने से रोका नहीं है. पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि दोनों देशों के सीजफायर कराने में ट्रंप का दावा पूर तरह से खोखला है. पाकिस्तान के घुटने टेकने और नाक रगड़ने के बाद ऑपरेशन सिंदूर रोका गया है.
हालांकि, पीएम मोदी ने ये स्वीकार किया कि अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस से उन्हें फोन किया था. जेडी वेंस के तीन से चार बार फोन आने के बाद बातचीत हुई थी, लेकिन उन्होंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस से स्पष्ट कह दिया था कि पाकिस्तान के युद्ध वाली की धमकियों से भारत डरने वाला नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के संबंध में अपनी बात रखी थी.
मोदी सरकार की तरफ से साफ कहा गया कि भारत पाकिस्तान युद्ध विराम में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप की बात सही नहीं है. युद्धविराम सिर्फ पाकिस्तान और भारत के डीजीएमओ लेवल पर बातचीत का नतीजा था. अब पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान से विपक्ष कितना संतुष्ट है इसका अंदाजा अगले कुछ दिनों में विपक्ष के रुख से साफ हो जाएगा.
4. लड़ाकू विमान राफेल पर सवाल और जवाब
विपक्ष बार बार जानना चाहता था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने क्या अपने किसी तरह के कोई लड़ाकू विमान खोए या नहीं ? कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. राजा वड़िंग ने संसद में फोटो दिखाते हुए कहा कि पंजाब में राफेल विमान के पीछे का हिस्सा गिरा जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 9 लोग घायल हो गए. इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया.
हालांकि, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कुछ विपक्षी सदस्य पूछ रहे हैं कि हमारे कितने विमान गिरे, लेकिन यह सवाल राष्ट्रीय भावना को नहीं दर्शाता. उन्हें यह पूछना चाहिए था कि हमारे वायुसेना ने कितने दुश्मन विमानों को गिराया. आगे उन्होंने ये भी कहा कि एग्जाम के समय विद्यार्थी से ये नहीं पूछा जाता कि कितने पेंसिल टूट गए. केंद्र सरकार का तर्क है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी खत्म नहीं हुआ है ऐसे में इससे संबंधित कोई जानकारी साझा नहीं की जा सकती.
5. ऑपरेशन सिंदूर से भारत को क्या हासिल हुआ
विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था कि ऑपरेशन सिंदूर से क्या मकसद पूरा हो गया. पीएम मोदी ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक जवाबी हमला नहीं, बल्कि भारत की नई रणनीतिक क्षमता और आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति का प्रतीक था. मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की नई आतंकवाद विरोधी नीति का प्रतीक बताया. ऑपरेशन सिंदूर को भारत की नई आतंकवाद-विरोधी नीति का हिस्सा बताया. पीएम मोदी ने साफ कहा कि भारत अपनी शर्तों पर आतंकी हमलों का जवाब देगा. परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आतंकियों और उनके प्रायोजकों में कोई अंतर नहीं होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारतीय सेना ने मात्र 22 मिनट में ले लिया. हमारे सटीक हमलों ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के दम पर ब्लैकमेल करने की रणनीति को बेनकाब कर दिया. उन्होंने कहा कि हमने साबित कर दिया कि पाकिस्तान का परमाणु खतरा एक झूठ है. भारत अब इस ब्लैकमेल के सामने नहीं झुकेगा. यह भारत की नई नीति का हिस्सा है, जिसमें परमाणु धमकियों को नजरअंदाज कर आतंकी ठिकानों पर सीधे हमला किया जाएगा.
6. भारत ने पाक से PoK वापस क्यों नहीं लिया?
विपक्ष की तरफ से लगातार सवाल उठाया जा रहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब पाकिस्तान घुटने पर आ गया था तो PoK वापस क्यों नहीं लिया? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा यह ऑपरेशन इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में दर्ज हो गया है. ऑपरेशन सिंदूर का मकसद जमीन लेना नहीं बल्कि पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकाने को ध्वस्त करने का था. पीएम मोदी ने कहा कि आज जो लोग पूछ रहे हैं कि पीओके को वापस क्यों नहीं लिया, उन्हें पहले इस बात का जवाब देना चाहिए कि पीओके पर पाकिस्तान को कब्ज़ा करने का अवसर किसकी सरकार ने दिया था.
7. नेहरू के बहाने मोदी ने कांग्रेस को घेरा
पीएम मोदी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा, 'जब मैं नेहरू जी का नाम लेता हूं,कांग्रेस और उसका पूरा इकोसिस्टम बौखला जाता है'. नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद कुछ फैसले ऐसे लिए गए, जिनकी सजा देश आज तक भुगत रहा है. उन्होंने कहा कि अकसाई चिन जैसे क्षेत्र को बंजर जमीन कहकर छोड़ दिया गया और इसके चलते भारत को 38,000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन गंवानी पड़ी. 1966 में रण ऑफ कच्छ विवाद पर कांग्रेस ने मध्यस्थता स्वीकार करते हुए पाकिस्तान को करीब 800 वर्ग किलोमीटर जमीन सौंप दी, जिसमें छड़बेट इलाका भी शामिल है.
पीएम मोदी ने 1971 की जीत का ज़िक्र करते हुए कहा कि उस समय भारत ने पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों को बंदी बनाया था और हजारों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया था. लेकिन फिर भी पीओके को वापस लेने का कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने अफसोस जताया कि उस समय करतारपुर साहिब को भी वापस नहीं लिया गया, जबकि सब कुछ टेबल पर मौजूद था. इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी पंडित जवाहर लाल नेहरू के बहाने कांग्रेस पर जमकर हमले किए. इतना ही नहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने घेरा तो अमित शाह ने भी उन्हें भी अपने निशाने पर ले लिया.
सत्तापक्ष-विपक्ष में चलता रहेगा शह-मात का खेल
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर लोकसभा में बहस खत्म हो गई और राज्यसभा में जारी है. संसद में भले ही बुधवार के बाद इस मुद्दे पर बात न हो, लेकिन सड़क पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच शह-मात का दांव चलता रहे हैं. विपक्ष के तेवर से साफ लगता है कि भविष्य में भी वो इसको अपना हथियार बनाएगा और केंद्र सरकार जब जब ऑपरेशन सिंदूर की सफलत की बात करेगी तब तब विपक्ष राफेल के नुकसान पर स्पष्टता की मांग करेगा. साथ ही पहलगाम आतंकी हमले के चूक के लिए विपक्ष इंटेलीजेंस फेलियर का मुद्दा उठाएगा.
कांग्रेस की ओर से गांधी परिवार के दोनों अहम सदस्य राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सरकार को घेरने के लिए उतरे. कांग्रेस के इस दोहरे हमले में जहां राहुल की रणनीतिक समीक्षा दिखाई दी तो वहीं प्रियंका भावनात्मक चोट करती नजर आईं है. इससे साफ है कि कांग्रेस अपने तरीके से सरकार को घेरती रहेगी. वहीं, सरकार भी पूरे दमखम के साथ ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम के आतंकियों को मिट्टी में मिलाने की बात को सियासी हथियार के तौर पर भी इस्तेमाल करने से नहीं चूकेगी.
कुबूल अहमद