सीजफायर का क्या होगा? भारत और पाकिस्तान के DGMO की थोड़ी देर में होगी हॉटलाइन पर बात

आज दोपहर 12 बजे होने वाली डीजीएमओ स्तर की वार्ता के दौरान दोनों देशों द्वारा युद्धविराम की शर्तों को मजबूती दिए जाने की उम्मीद है.

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लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और मेजर जनरल काशिफ चौधरी (तस्वीर: PTI/ISPR) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और मेजर जनरल काशिफ चौधरी (तस्वीर: PTI/ISPR)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2025,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST

भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) आज हाल ही में बनी युद्ध विराम संबंधी सहमति को और मजबूत करने के लिए अहम चर्चा करने वाले हैं. भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और पाकिस्तान के मेजर जनरल काशिफ चौधरी बातचीत करेंगे. आज दोपहर 12 बजे होने वाली DGMO-स्तरीय वार्ता के दौरान दोनों देशों द्वारा जंग को विराम की शर्तों को और मजबूती देने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक, तीनों डीजीएमओ आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित करेंगे, जिसमें सीमा पार भारतीय वायुसेना के हमलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

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आज की DGMO वार्ता से युद्ध विराम को मजबूत करने, दोनों देशों द्वारा शर्तों का पालन सुनिश्चित करने, स्थिर और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देने की उम्मीद है.

सीज़फायर के बाद दोनों देशों की पहली मीटिंग

यह बैठक चार दिनों तक चली सैन्य तनातनी के बाद हो रही है, जिसमें बॉर्डर पार से ड्रोन हमले और मिसाइल हमले शामिल हैं, जिसके कारण 10 मई को जमीन, पानी और हवा में सैन्य कार्रवाइयों में द्विपक्षीय विराम लग गया.

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद और एयर मार्शल ए के भारती ने रविवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे उच्च-मूल्य वाले लक्ष्य शामिल थे.

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यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की गर्दन मरोड़ने की तैयारी में बलूच, 51 ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले का दावा

इंडिया-पाक तनातनी के बीच क्या-क्या हुआ?

भारतीय हमलों ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस भी खत्म कर दिया, जिससे उनकी सैन्य क्षमताओं को बड़ा झटका लगा. हालांकि, संघर्ष विराम समझौते के बाद भी उल्लंघन हुए हैं. समझौते के तुरंत बाद जम्मू और कश्मीर में भारी गोलाबारी और ड्रोन गतिविधियों की जानकारी सामने आई. इंडियन आर्मी ने इन उकसावों का तुरंत जवाब दिया, जिसे 'पर्याप्त और उचित' उपाय बताया गया.

हाल ही में हुई सैन्य कार्रवाइयों के बाद 7 मई से 10 मई तक नियंत्रण रेखा पर तोपखाने और गोलाबारी के कारण 40 पाकिस्तानी सैन्यकर्मी मारे गए. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक हमले हाल की आतंकी गतिविधियों के प्रति भारत की प्रतिक्रिया का एक अहम पहलू रहे हैं, जिसका ध्यान क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने पर है.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पुष्टि की कि दोनों देशों के डीजीएमओ 12 मई को दोपहर 12 बजे बात करेंगे. विक्रम मिसरी ने कहा, "समझौते को प्रभावी बनाने के लिए दोनों पक्षों को निर्देश दिए गए हैं. मिलिट्री ऑपरेशन के महानिदेशक 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर से बात करेंगे."

 
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