भारत ने PAK को बता दी 'एक चुटकी सिंदूर' की कीमत, 15 दिन में ले लिया पहलगाम की बहनों के सुहाग का बदला!

याद है आतंकियों ने क्या कहा था- 'जाओ, जाकर अपनी सरकार को बता देना...' याद है वो दारुण तस्वीर, जिसमें एक नई नवेली शादी-शुदा लड़की, जिसके हाथों में हिना का रंग अभी ताजा ही था, वो बैसरन घाटी में अपने पति की लाश के बगल में बेसुध बैठी थी. उसके माथे का सिंदूर मिट चुका था और हाथ पर अपने ही पति के खून के छींटे थे. 

Advertisement
ऑपरेशन सिंदूरः पहलगाम हमले के बाद सामने आई इस फोटो ने देशभर को झकझोर कर रख दिया था. ऑपरेशन सिंदूरः पहलगाम हमले के बाद सामने आई इस फोटो ने देशभर को झकझोर कर रख दिया था.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:32 AM IST

22 अप्रैल 2025 का दिन. कश्मीर की बैसरन घाटी में आम दिनों जैसी ही हलचल थी. चीड़ और सघन देवदार के जंगलों से घिरी वादी और इसके बीच दूर तक खुला हरा मैदान. इस मैदान में हर रोज तो प्यार के फूल खिला करते थे, नए शादी-शुदा जोड़े जो जन्नत की जमीं कश्मीर पहुंचते थे, इस खूबसूरत वादी में जिंदगी को यूं ही खुशनुमा बनाए रखने के वादे एक-दूसरे से करते थे, लेकिन 22 अप्रैल की वो काली तारीख 26 लोगों की जिंदगी में काल बन कर आई.

Advertisement

जिनके मिटा दिए गए थे सिंदूर...
जब हथियारबंद आतंकियों ने धरती के जन्नत की इस जमीन को 26 निर्दोषों के लहू से लाल कर दिया. उन्होंने धर्म पूछा और गोली चला दी. उन्होंने चुन-चुन कर आदमियों को मारा और किसी के माथे का सिंदूर पोंछ उनके सुहाग के खून से धो दिया. इनमें से कई की मांग अभी हाल ही में भरी गई थी. सिंदूर से उनका वास्ता कुछ रोज पहले ही हुआ था. उन्होंने सोचा नहीं था कि उनका ये सिंदूर ऐसे मिटा दिया जाएगा. 

याद है, आतंकियों ने क्या कहा था?
याद है आतंकियों ने क्या कहा था- 'जाओ, जाकर अपनी सरकार को बता देना...' याद है वो दारुण तस्वीर, जिसमें एक नई नवेली शादी-शुदा लड़की, जिसके हाथों में हिना का रंग अभी ताजा ही था, वो बैसरन घाटी में अपने पति की लाश के बगल में बेसुध बैठी थी. उसके माथे का सिंदूर मिट चुका था और हाथ पर अपने ही पति के खून के छींटे थे. 

Advertisement

पहलगाम त्रासदी का चेहरा बन गईं थीं हिमांशी नरवाल
हिमांशी नरवाल, जो शादी के मात्र छह दिन बाद अपने पति, नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के शव के पास घुटनों के बल बैठी थीं, इस त्रासदी का चेहरा बन गईं. कुछ दिनों बाद, हिमांशी अपने पति को श्रद्धांजलि देते हुए दिखीं, लेकिन उनके माथे पर वह सिंदूर नहीं था जो विवाहित हिंदू महिलाओं की शोभा बढ़ाता है. यह केवल क्रूरता ही नहीं थी जिसने राष्ट्र को झकझोर दिया, बल्कि  इस तस्वीर ने ही भारत के संकल्प को और मजबूत किया. इन नव-विवाहिताओं को आतंकियों ने एक भयावह संदेश वापस ले जाने का जिम्मा सौंपा था. इस संदेश का जवाब भारत ने जवाबी कार्रवाई यानी ऑपरेशन सिंदूर के साथ दिया.

योद्धाओं के माथे का तिलक भी है सिंदूर
सिंदूर या कुमकुम एक योद्धा चिह्न भी है. सिंदूरी तिलक योद्धाओं के लिए विजयी भवः के आशीर्वाद के साथ उनके माथे पर सजाया जाता था, ताकि वह युद्ध में विजयी हों. राजपूत और मराठा योद्धाओं को उनके माथे पर चमकते लाल निशान के साथ दिखाया जाता रहा है. इसे विजय तिलक, जय चिह्न और शुभ तिलक जैसे नामों से पुकारा गया है. योद्धा जब अपनी भूमि और धर्म के लिए दुश्मन से लड़ने के लिए जाते थे, उनके तिलक लगे ऊंचे मस्तकों को दूर से पहचाना जा सकता था. 

Advertisement

पाकिस्तान और पीओके में भारत के तड़के हुए आतंक-विरोधी हमलों के नाम का बहुत महत्व है. यह दर्शाता है कि भारत को हमला करने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा, और यह भारत के योद्धा नायकों के प्रति प्रतिबद्ध रहने का वादा है. भारत का दृढ़ जवाब मानवीय और वीरतापूर्ण दोनों है, और ऑपरेशन सिंदूर इसका प्रतीक है.

इंडियन आर्मी और एयरफोर्स का ज्वाइंट ऑपरेशन
रात डेढ़ बजे इंडियन आर्मी और एयरफोर्स ने ज्वाइंट ऑपरेशन करते हुए पाकिस्तान और PoK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर टारगेटेड स्ट्राइक की. ये हमला बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में किया गया है. पीआईबी ने जानकारी दी है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' की प्लानिंग को बहुत ही रणनीतिक रूप से तैयार किया गया ताकि आतंकियों को करारा जवाब दिया जा सके. पीआईबी ने बताया कि एयर ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की सैन्य सुविधाओं को नहीं छुआ गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कार्रवाई का असल मकसद आतंक को खत्म करना है, न कि पड़ोसी मुल्क के साथ संघर्ष को बढ़ाना. वायु सेना की तरफ से ये स्ट्राइक भारत के कमोबेश 300 लोकेशन पर होने वाले मॉक ड्रिल से कुछ घंटे पहले किया गया है.

पीआईबी के मुताबिक, ये कदम पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के बाद उठाए गए हैं, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी. सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत अपनी इस प्रतिबद्धता पर खरा उतरा है कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का बयान भी सामने आया है, उन्होंने भारतीय सेना की सराहना करते हुए लिखा- 'भारत माता की जय'.

Advertisement

ऑपरेशन सिंदूर... नाम का क्या है महत्व?
आज 15 दिन बाद, मंगलवार की रात बीत रही है, कुछ देर में बुधवार की नई सुबह आने को है और इस आधी रात में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च हुआ. इसका 'सिंदूर' नाम कितना सटीक है, इसे समझिए, कि उस सिंदूर का बदला है जो नई नवेली ब्याहताओं के माथे से पोंछ दिया गया था. ये उसी सिंदूर का बदला है, जिसे आतंक ने उजाड़ दिया था. ये उसी सिंदूर का बदला है, जिसे सुहाग के खून से धोने की कोशिश की गई थी. ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम हमले में मारे गए उन 26 लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जो आतंक की कायराना हरकत का शिकार बने थे. 
ऑपरेशन सिंदूर उन सभी सिसकियों और बहते हुए आंसुओं को पूछने का जरिया है, जो सिसकियां 15 दिनों से बंद नहीं हुई थीं और जो आंसू बह-बहकर गालों पर सूखी रेखा बना चुके थे.

पीएम मोदी ने कहा था- आतंकियों की कल्पना से परे होगा बदला 
पहलगाम अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि, पहलगाम हमले का ऐसा बदला लिया जाएगा जो आतंकियों की कल्पना से परे होगा. ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई करके केंद्र सरकार ने अपनी बात को पूरा कर दिखाया है.

Advertisement

भारतीय समाज में सिंदूर की अहमियत
सिंदूर का भारतीय समाज महत्वपूर्ण स्थान है. यह आम हिंदू-सनातनी परिवारों में विवाहित महिलाओं की खास निशानी है, जो उनके विवाहित होने की पहचान है और इसे उनके पतियों से जुड़ा हुआ प्रतीक मानते हैं, जिसे सुहाग चिह्न कहते हैं. 16 शृंगारों में मंगलसूत्र, नथ, पायल, बिछिया, बाली, कंगन-चूड़ी के साथ सिंदूर का अहम रोल है. इसे माता पार्वती की कृपा के तौर पर देखा जाता है, इसलिए यह दैवीय भी है. सिंदूर का मिटना या हटना अशुभ माना जाता है और इस एक विवाहित महिला तभी हटाती है, जब उसके पति की मृत्यु हो जाती है. 
इसके अलावा मंगलवार का दिन भी सिंदूर से जुड़ा हुआ है. रामभक्त हनुमान का दिन है मंगलवार और उन्हें सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है. 

मंगलवार की रात का समय, ऑपरेशन सिंदूर का नाम, असल में सिर्फ एक कार्रवाई भर नहीं है, यह पूरे देश को एकजुट करने और आतंक के खिलाफ उठ खड़े होने की अपील भी है. इसके अलावा यह कार्रवाई एक श्रद्धांजलि भी है, उन निर्दोष लोगों के लिए, जिनकी आतंकी घटना में दुर्दांत हत्या की गई थी. कुल मिलाकर भारत ने 15 दिन में पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों को एक चुटकी सिंदूर की कीमत बता दी है. अब पाकिस्तान इसका हिसाब लगाता रहे कि यह कीमत उसे कितनी महंगी पड़ी है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement