अमेरिकी टैरिफ का विरोध, पाकिस्तान को बड़ा इशारा... चीनी राजदूत ने भारत के लिए खोलकर रख दिया दिल!

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के बाद भारत और चीन के बीच रिश्तों में आई तल्खी अब खत्म हो रही है. तियानजिन में जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात के दौरान आतंकवाद से साझा लड़ाई और अमेरिकी टैरिफ का मिलकर मुकाबला करने पर सहमति बनी थी.

Advertisement
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ पीएम मोदी (File Photo: PTI) चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ पीएम मोदी (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ से भारत और चीन दोनों ही परेशान हैं. ट्रंप ने भले ही चीन को बातचीत की टेबल पर आने के लिए कुछ दिन की मोहलत दी है, लेकिन भारत के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ने बिल्कुल नरमी नहीं बरती. ऐसे में अब चीन और भारत गठजोड़ करके अमेरिकी टैरिफ का जवाब देने की तैयारी में है. चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि चीन ट्रंप प्रशासन की तरफ से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का मजबूती से विरोध करता है क्योंकि यह गलत है और नई दिल्ली को बीजिंग को साथ आकर इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए अपने आर्थिक संबंधों को बढ़ाना चाहिए.

Advertisement

तीसरे पक्ष से रिश्तों पर असर नहीं

चीन राजदूत फेइहोंग ने यह भी कहा कि भारत और चीन दोनों ही आतंकवाद के शिकार हैं और बीजिंग इस चुनौती से निपटने के लिए नई दिल्ली सहित ग्लोबल कम्युनिटी के साथ काम करने के लिए तैयार है. भारत में चीनी राजदूत जापान के खिलाफ बीजिंग की जीत की 80वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपना भाषण के बाद सवालों के जवाब दे रहे थे.

ये भी पढ़ें: भारत और चीन के सुधरने लगे रिश्ते! दोनों देशों के बीच 5 साल बाद फिर शुरू हो सकता है व्यापार

फेइहोंग ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दों पर अहम सहमति बन गई है और दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय संबंध किसी तीसरे पक्ष से प्रभावित नहीं हुए हैं. उन्होंने यह बात साफ तौर पर पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कही है. चीन राजदूत ने साफ तौर पर संकेत दिए हैं कि पाकिस्तान से चीन की निकटता भारत के साथ आपसी रिश्तों को प्रभावित नहीं करेगी.

Advertisement

अमेरिकी टैरिफ की तीखी आलोचना

अपनी टिप्पणी में, फेइहोंग ने अमेरिकी टैरिफ नीति की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि अमेरिका विभिन्न देशों से ज्यादा लागत वसूलने के लिए टैरिफ को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है और भारत-चीन, दो उभरती अर्थव्यवस्थाओं को इस स्थिति से निपटने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि ट्रेड वॉर अमेरिका ने शुरू किया था. अंतरराष्ट्रीय व्यापार को एक-दूसरे का पूरक होना चाहिए और सहयोग की ओर ले जाना चाहिए. अमेरिका लंबे समय से फ्री ट्रेड का फायदा लेता रहा है. लेकिन अब वह टैरिफ को एक हथियार या औज़ार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगा रहा है. यह अनुचित और अविवेकपूर्ण है, चीन इसका मजबूती से विरोध करता है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन को मिलकर इस खतरे का मुकाबला करने के तरीके तलाशने चाहिए.

आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर

राजदूत ने कहा कि दोनों देशों को आर्थिक और व्यापार क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे पास 2.8 अरब लोग हैं, हमारी अर्थव्यवस्थाएं बड़ी हैं, बाजार विशाल हैं और हमारे पास कड़ी मेहनत करने वाले लोग हैं. हमारी अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं. फेइहोंग ने 31 अगस्त को SCO शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बयानों को भी याद किया.

Advertisement

राजदूत ने कहा, 'शी ने कहा कि चीन और भारत विकास के एक स्पेशल फेज में हैं और दो सबसे बड़ी और अहम उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, चीन और भारत को विकास और आपसी सहयोग और आपसी सफलता को बढ़ावा देने पर फोकस करना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-चीन सहयोग 21वीं सदी को वास्तविक एशियाई सदी बनाएगा. दोनों ने दोनों पक्षों के बीच आर्थिक सहयोग के महत्व पर जोर दिया.'

आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई

एक सवाल के जवाब में चीनी राजदूत ने यह भी कहा कि चीन और भारत दोनों ही आतंकवाद के शिकार हैं. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद-विरोध के क्षेत्र में हमारे साझा हित हैं. चीन और भारत ने एससीओ, ब्रिक्स और तियानजिन डिक्लेरेशन जैसे बहुपक्षीय मंचों के जरिए आतंकवाद-विरोध पर बातचीत बनाए रखी है, जिसमें (एससीओ) सदस्य देशों ने सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की है.'

ये भी पढ़ें: 'भारत-चीन से आप ऐसे बात नहीं कर सकते...', ट्रंप को कूटनीति का शिष्टाचार सिखा गए पुतिन

उन्होंने कहा, 'चीन हमेशा सभी तरह के आतंकवाद का मजबूती के साथ विरोध करता है और वैश्विक सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है.' राजदूत ने कहा कि आतंकवाद के खतरों से निपटने और क्षेत्रीय, वैश्विक शांति व स्थिरता की रक्षा के लिए कोशिशें जारी हैं. राजदूत ने कहा कि चीन और भारत राष्ट्रीय विकास के अहम चरण में हैं और दोनों पक्षों को अपने बहुमूल्य संसाधनों को राष्ट्रीय विकास के लिए समर्पित करना चाहिए.

Advertisement

व्यापारिक संबंध सुधारने की अपील

चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों पक्षों को आपसी सहयोग करना चाहिए, आपसी विकास को बढ़ावा देना चाहिए और एक-दूसरे की सफलता में मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन, भारत के साथ विकास रणनीतियों के तालमेल को मजबूत करने और आधुनिकीकरण में अनुभव साझा करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, 'हम अधिकाधिक भारतीय कंपनियों की ओर से अपने उत्पादों को बढ़ावा देने और चीन में निवेश करने का स्वागत करते हैं, हम यह भी आशा करते हैं कि भारत, चीनी उद्यमों के लिए निष्पक्ष, न्यायसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल मुहैया करा सकेगा.'

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement