क्या है अरामबाई तेंगगोल, जान‍िए- ये कैसे बना मणिपुर में समानांतर सरकार जैसा एक संगठन?

यह संगठन मणिपुर की लगभग हर चीज में मौजूद है, चाहे वो राजनीति हो, शिक्षा, धर्म, सामाजिक संगठन और यहां तक कि सुरक्षा तक, हर जगह इनका दखल है. इसकी शुरुआत 2020 में हुई थी, लेकिन मई 2023 में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद यह चर्चा में आया. मणिपुर में इस संगठन को उतने ही लोग प्यार करते हैं, जितना नफरत करने वाले हैं.

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मणिपुर में एक ट्रेनिंग कैंप में अरामबाई तेंगगोल के कैडर मणिपुर में एक ट्रेनिंग कैंप में अरामबाई तेंगगोल के कैडर

शुभम तिवारी

  • मण‍िपुर ,
  • 10 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

कई महीनों तक चली शांति के बाद मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस रहा है. मैतेई-बहुल जिलों में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वजह है अरामबाई तेंगगोल (AT) नाम के हथियारबंद संगठन के ‘सेल्फ-स्टाइल्ड आर्मी चीफ’ की गिरफ्तारी. 

AT वो जातीय संगठन है जो मणिपुर में दो साल पहले भड़की जातीय हिंसा के बाद एक नई ताकत बनकर उभरा. अब केंद्र सरकार AT पर शिकंजा कसने में लगी है, क्योंकि वो कुकी-जो और मैतेई समुदाय के बीच चल रहे टकराव को खत्म करके सुलह और शांति की कोशिश कर रही है. AT का प्रमुख कोरोउंगनबा खुमान करीब 38 साल का है और उस पर कई गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें यूएपीए (UAPA) जैसे सख्त कानून के तहत केस भी शामिल है. 

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अरामबाई तेंगगोल का उभार मणिपुर में बेहद तेज और चौंकाने वाला रहा है. अब यह संगठन मणिपुर की लगभग हर चीज में मौजूद है. चाहे वो राजनीति हो शिक्षा हो धर्म, सामाजिक संगठन और यहां तक सुरक्षा में भी इसका दखल है. इसकी शुरुआत 2020 में हुई थी, लेकिन मई 2023 में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद यह चर्चा में आया. मणिपुर में AT को उतने ही लोग प्यार करते हैं, जितने नफरत. जहां उस पर जबरन वसूली, हत्या और हथियार लूटने जैसे आरोप लगे हैं, वहीं उसे हाल ही में आई बाढ़ के दौरान राहत कार्यों के लिए काफी सराहना भी मिली है. 

पहली बड़ी गिरफ्तारी

हालांकि मणिपुर पुलिस पहले भी AT के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन अशेम कानन सिंह की गिरफ्तारी पहली बार किसी वरिष्ठ सदस्य की गिरफ्तारी है.  AT इस गिरफ्तारी से नाराज है और उसने शनिवार शाम से घाटी में 10 दिन का 'पूरी तरह बंद' घोषित कर दिया. बिष्णुपुर में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट, थोउबाल और ककचिंग जिलों में पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है. कई इलाकों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. 

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AT प्रमुख कोरोउंगनबा खुमान के मुताबिक, यह फोटो 24 मार्च 2025 को थांगमैबंद चैराओचिंग, इम्फाल में लगी आग बुझाने के दौरान राज्य फाय

पुलिस ने एक बयान में कहा कि अशेम कानन सिंह को उनकी आपराधिक गतिविधियों की वजह से गिरफ्तार किया गया है, जिनमें कई गंभीर मामले और गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े केस शामिल हैं.  हालांकि पुलिस ने आरोपों का पूरा ब्योरा नहीं दिया लेकिन उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हैं, इनमें से एक आम नागरिक से फॉर्च्यूनर एसयूवी छीनने का, और दूसरा फरवरी 2024 में इम्फाल वेस्ट के एडिशनल एसपी अमित के अपहरण से जुड़ा है. 

कभी अशेम सिंह मणिपुर पुलिस में हेड कांस्टेबल थे, लेकिन बाद में उन्होंने ड्यूटी छोड़ दी. दिलचस्प बात ये है कि उन पर गंभीर आरोप लगने के बावजूद उन्हें काफी वक्त तक सस्पेंड नहीं किया गया. आखिरकार उन्हें 3 मार्च 2025 को निलंबित किया गया. 

कोरोउंगनबा खुमान: अतीत और वर्तमान

अरामबाई तेंगगोल के प्रमुख कोरोउंगनबा खुमान को मणिपुर के बड़े कार्यक्रमों में अक्सर मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता है. उनकी तस्वीरें राज्य के टाइटुलर राजा और बीजेपी राज्यसभा सांसद “महाराजा” सनाजाओबा लिसेम्बा के साथ आम तौर पर देखने को मिलती हैं. 

ऐसा लगता है कि खुमान का महाराजा से पुराना जुड़ाव है. कुछ तस्वीरों में खुमान के गले में मणिपुर राजमहल की तरफ से जारी पहचान पत्र दिख रहे हैं, जिनमें से एक पर “PSO” लिखा है. इससे लगता है कि वे कभी महाराजा के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) रह चुके हैं. उनकी महाराजा के साथ कुछ तस्वीरें 2017 की हैं. 

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उनके फेसबुक प्रोफाइल से पता चलता है कि वे क्यूबन क्रांतिकारी चे ग्वेरा के फैन हैं.  2014 में उन्होंने लिखा था 'CHE GUEVARA. ONE OF MY GREATEST HERO. A REAL HERO.'

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक खुमान पर कम से कम तीन एफआईआर दर्ज हैं. सुरक्षा बलों पर हमले, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अपहरण और इम्फाल में उसके घर पर फायरिंग के आरोपों में. 

अरामबाई तेंगगोल के अंदर क्या है?

AT खुद को एक मैतेई पुनरुत्थानवादी सामाजिक संगठन कहता है, जो समुदाय को लोकतंत्र से पहले वाली ‘गौरवशाली स्थिति’ में वापस लाने की बात करता है. यह संगठन मैतेई समाज में गहराई से जुड़ा हुआ है. इसका ढांचा बहुत व्यवस्थित है. इसमें अलग-अलग यूनिट्स अलग-अलग क्षेत्रों में काम संभालती हैं. 

सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो और तस्वीरों से साफ है कि इसके सदस्य हथियार लेकर, बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर, सैटेलाइट फोन के साथ खुलेआम घूमते हैं और अपनी मनमानी करते हैं. पब्लिक सपोर्ट जुटाने के लिए ये लोग सभाएं करते हैं, जहां लोग संगठन के प्रति वफादारी की शपथ लेते हैं. 

AT मुख्यालय में लगे बोर्ड पर सदस्यों की ड्यूटी लिस्ट और वहां होने वाली 'पुलिस कोर्ट' की जानकारी दी जाती है

पिछले हफ्ते की गिरफ्तारी से पहले, मणिपुर पुलिस ने अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच AT के कम से कम 12 सदस्यों को हत्या, फिरौती, पुलिस पर हमला और झड़प के आरोपों में गिरफ्तार किया है. ये जानकारी सरकारी आंकड़ों से मिली है, जो X (पूर्व में ट्विटर) पर जारी किए गए हैं. 

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कुछ रिपोर्टों के अनुसार AT के सदस्यों ने कुकी समुदाय के छोड़े गए घरों और दुकानों पर कब्जा कर लिया है और उन्हें किराए व सुरक्षा पैसे लेकर दूसरों को दे दिया है. अब ऐसा लगता है कि AT स्थानीय व्यापार में भी घुसने लगा है. उसके फेसबुक पेज पर जानकारी है कि वो इत्र और मशरूम के व्यापार में भी शामिल है. 

एक मशरूम पैकेट जिस पर लिखा है: 'Product of Arambai Tenggol 30 Unit QRT Lairenkabi'

ये उग्र संगठन तब सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरा जब जनवरी 2024 में इसने लगभग 39 विधायकों और सांसदों को, पार्टी लाइन से परे बुलाया और एक दस्तावेज़ पर साइन करवाया जिसमें उसकी मांगे थीं. जिन नेताओं ने साइन करने से मना किया, उनमें तीन विधायक, दो बीजेपी के और एक कांग्रेस के राज्य प्रमुख के मेघचंद्रा शामिल थे, उन्हें पीटा गया. AT के नेता ने फेसबुक पर लिखा कि जो नेता नहीं आएंगे, उन्हें 'मैतेई समाज का दुश्मन' माना जाएगा और उसी हिसाब से व्यवहार किया जाएगा. इस पोस्ट पर पुलिस केस दर्ज है. 

मार्च 2025 में मणिपुर पुलिस को इम्फाल के खुरई इलाके में AT के एक ऑफिस से थोड़ी मात्रा में हेरोइन मिली. AT ने सफाई दी कि ये नशा उन्होंने जब्त किया था और 26 जून (अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस) पर इसे जलाकर नष्ट करने वाले थे. 

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हाल ही की मणिपुर बाढ़ के दौरान AT के राहत और बचाव कार्यों की काफी तारीफ हो रही है.

 

हाल के हफ्तों में अरामबाई तेंगगोल ने मैतेई समाज में अपनी पकड़ और मजबूत की है, खासतौर पर बाढ़ राहत के कार्यों के कारण. सोशल मीडिया पर इसकी टी-शर्ट पहने युवा लोगों के वीडियो हैं जो बाढ़ में फंसे लोगों को निकाल रहे हैं, राहत सामग्री बांट रहे हैं, राहत शिविर चला रहे हैं और पीने का पानी बांट रहे हैं. एक पोस्ट में दिखाया गया कि AT के सदस्य इम्फाल में टूटी हुई सड़क की मरम्मत कर रहे हैं. ये संगठन स्वास्थ्य जांच कैंप लगाता है, अपने सदस्यों के लिए फुटबॉल टूर्नामेंट और मैराथन का आयोजन करता है. यह अपने मुख्यालय में 'पुलिस कोर्ट' भी चलाता है.

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