दिल्ली-लखनऊ-जयपुर... भूकंप से हिले देश के सभी बड़े शहर, नेपाल का कांडा था केंद्र

देश के कई हिस्सों में मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. दिल्ली-एनसीआर से लेकर लखनऊ और जयपुर तक धरती हिल गई.

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दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर) दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

भारत के कई हिस्सों में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए. दिल्ली-एनसीआर से लेकर लखनऊ और जयपुर तक ये झटके आए. भूकंप के दो झटके आधे घंटे के भीतर आए.

भूकंप की जानकारी देने वाले नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि पहला भूकंप 2 बजकर 25 मिनट और दूसरा 2 बजकर 51 मिनट पर आया. पहले भूकंप की तीव्रता 6.2 थी. जबकि, दूसरा झटका बहुत जोरदार था. दूसरे भूकंप की तीव्रता 6.2 रही. दोनों ही भूकंप का केंद्र नेपाल रहा.

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भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि दिल्ली से उत्तराखंड पूरे उत्तर भारत में धरती कांप गई. उत्तराखंड के खटीमा तक में लोगों ने झटके महसूस किए.

जानकारी के मुताबिक, भूकंप के ये झटके दिल्ली-एनसीआर के अलावा बाकी कई हिस्सों में भी महसूस किए गए. लखनऊ, देहरादून, जयपुर, बरेली और मुरादाबाद में भूकंप के झटके आए.

भारत में आज चार भूकंप आए

पहला भूकंपः 11 बजकर 6 मिनट
तीव्रताः 2.7
केंद्रः सोनीपत, हरियाणा

दूसरा भूकंपः 1 बजकर 18 मिनट
तीव्रताः 3.0
केंद्रः कार्बी आंगलोंग, असम

तीसरा भूकंपः 2 बजकर 25 मिनट
तीव्रताः 4.6
केंद्रः नेपाल

चौथा भूकंपः 2 बजकर 51 मिनट
तीव्रताः 6.2
केंद्रः नेपाल

कितनी तीव्रता कितनी खतरनाक?

कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है. 

- 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है. 

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- 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है. 

- 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो.

- 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं. 

- 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है. 

- 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है. 

- 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं. जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं. 

- 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं. 

- 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है.

क्यों आते हैं भूकंप? 

पृथ्वी के अंदर का भाग अलग-अलग प्लेटों से मिलकर बना है. इन्हें 'टेक्टोनिक प्लेट' कहा जाता है. पृथ्वी के अंदर ऐसी सात प्लेटें हैं. इनमें से हर प्लेट की मोटाई लगभग 100 किलोमीटर होती है.

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अक्सर ये प्लेटें खिसकती रहतीं हैं और पास की प्लेटों से घर्षण होता है. कभी-कभी ये घर्षण इतना बढ़ जाता है कि एक प्लेट दूसरी के ऊपर चढ़ जाती है, जिससे सतह पर हलचल महसूस होती है.

आमतौर पर 5 से कम तीव्रता वाले भूकंप कम नुकसान पहुंचाने वाले होते हैं. 5 या उससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप में नुकसान हो सकता है. 

जापान के तट पर 2011 में 9 की तीव्रता का भूकंप आया था. इस वजह से यहां सुनामी की लहरें उठी थीं, जिससे और तबाही मची थी. इस भूकंप में करीब 20 हजार लोग मारे गए थे. इससे पहले 2006 में इंडोनेशिया में भी 9 की तीव्रता का भूकंप आया था और उसमें 5,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. 

भारत में अब तक चार बार 8 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आया है. पहला- 1897 में शिलॉन्ग में, दूसरा- 1905 में कांगड़ा में, तीसरा- 1934 में बिहार-नेपाल में और चौथा- 1950 में असम-तिब्बत में. इनमें हजारों लोगों की मौत हुई थी. 

नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का 59 फीसदी हिस्सा भूकंप के लिहाज से सबसे संवेदनशील माना जाता है. यानी, यहां पर कभी भी 8 या उससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप आ सकते हैं.

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