लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा के दूसरे दिन समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव ने चुनाव आयोग पर जमकर प्रहार किए. सपा सांसद ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार को भी लपेटा. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सरकार के लिए पूरी तरह समर्पित होकर काम कर रहा है.
सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए, लेकिन यह पूरी तरह समर्पित होकर सरकार के लिए काम कर रहा है. उन्होंने यूपी में हुए उपचुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि साफ देखने को मिला कि किस तरह से आयोग ने बीजेपी के लिए काम किया. उन्होंने कहा कि किस तरह सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी बूथ के अंदर वोट करते नजर आए. चुनाव आयोग ने कोई एक्शन नहीं लिया.
डिंपल यादव ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज भी चुनाव आयोग ने नहीं दिया और नियम बदल दिया गया कि अब 45 दिन में सीसीटीवी फुटेज हटा दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को सुरक्षा कवच दिया गया, जिसकी वजह से वह समर्पित होकर सरकार के लिए काम कर रहा है. सपा सांसद ने कहा कि वह कवच यह है कि चुनाव आयोग के अधिकारियों पर किसी भी तरह की गड़बड़ी की स्थिति में केस नहीं चल सकेगा.
उन्होंने यूपी में एसआईआर को तुरंत बंद करने की डिमांड की और आरोप लगाया कि एसआईआर के नाम पर नागरिकता कानून लागू किया जा रहा है. विपक्ष के अन्य वक्ताओं ने भी एसआईआर का विरोध करने के साथ ही चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए और सरकार को कठघरे में खड़ा किया.
चुनाव आयोग धृतराष्ट्र जैसा- वर्षा गायकवाड़
महाराष्ट्र से कांग्रेस की सांसद प्रोफेसर वर्षा एकनाथ गायकवाड़ ने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उसकी भूमिका महाभारत के धृतराष्ट्र जैसी हो गई है. उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देकर चुनाव आयोग को घेरा और कहा कि जो आयोग पूरी दुनिया में निष्पक्ष चुनाव के लिए जाना जाता था, वह आज सरकार के इशारे पर काम करता है.
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SIR लोगों के लिए नया टॉर्चर- शताब्दी रॉय
पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद शताब्दी रॉय ने कहा कि एसआईआर सम्मानित शब्द है, लेकिन इसे इन्होंने डराने वाला गब्बर सिंह बना दिया है. एसआईआर में आप डुप्लीकेट वोटर निकालने की बात कर रहे हो, हम भी कह रहे. दिल्ली से बिहार तक विपक्षी दल यही तो डिमांड कर रहे थे. बिहार में कोई न जीता और ना कोई हारा, चुनाव आयोग जीता है. टीएमसी सांसद ने चुनाव आयोग की पावर पर भी सवाल उठाए.
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उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि नागरिकता लेने-देने के लिए चुनाव आयोग के पास क्या पावर है. घुसपैठिए की बात है, तो आपके पास कोई रिपोर्ट है कि कितने रोहिंग्या-बांग्लादेशी हैं. शताब्दी रॉय ने कहा कि मोहम्मद बिन तुगलक जैसा अचानक नोटबंदी आ गई. क्या हुआ, दिल्ली में आपकी नाक के नीचे ब्लास्ट हुआ. उन्होंने कहा कि नया टॉर्चर है एसआईआर. गरीब और भी गरीब हो रहे हैं, अमीर और भी अमीर हो रहे हैं.एसआईआर क्या करेगा, पता नहीं लेकिन देश के लोगों को बेइज्जत कर दिया. 80 साल के बुजुर्ग भी अपना नाम खोज रहे हैं.
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